न वॉशरूम, ना वैनिटी वैन..., Madhoo ने 90s को बताया 'सबसे शर्मनाक समय', कहा- 'खुले में बदलने पड़ते थे कपड़े'
90 दशक की टॉप एक्ट्रेस रहीं Madhoo ने उस दौर को याद किया है जब फिल्मों की शूटिंग के दौरान हीरोइनों के पास वैनिटी वैन नहीं हुआ करते थे। उस वक्त उन्हें कपड़े बदलने या फिर सोने में काफी प्रॉब्लम हुआ करती थी। एक हालिया इंटरव्यू में मधू ने बताया है कि आज बॉलीवुड पहले से काफी बदल चुका है।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। 'फूल और कांटे', 'रोजा' और 'जेंटलमैन' जैसी फिल्मों में अपनी अदाकारी दिखा चुकीं मधू (Madhoo) बॉलीवुड के साथ-साथ साउथ सिनेमा में भी काफी मशहूर हुई थीं। उन्होंने अपने करियर में कई बड़ी फिल्मों में लीड रोल निभाया है। वह 90 के दशक की टॉप एक्ट्रेस रह चुकी हैं।
मधू ने एक हालिया इंटरव्यू में 90 दशक के मुश्किल दिनों को याद किया है। एक्ट्रेस ने बताया कि कैसे उस दौर में अभिनेत्रियों को वॉशरूम और वैनिटी वैंस जैसी बेसिक फैसिलिटीज नहीं मिला करती थीं। कई बार तो उन्होंने खुले में कपड़े बदले हैं और पत्थरों पर सोई हैं।
खुले में बदलने पड़ते थे कपड़े
इंडियन एक्सप्रेस संग बातचीत में मधू ने 90s को सबसे कठिन बताते हुए कहा, "यह एक हकीकत है। यह सबसे कठिन वक्त था और मैं कोलाची में लाल गुफाओं में बैठकर और प्रकृति के बीच पहाड़ों और पेड़ों के नीचे बैठकर तमिल फिल्मों की शूटिंग कर रही थी। यह सबसे शर्मनाक समय था। जिस तरह के कपड़े हम उस गर्मी में नाचने के लिए पहनते थे और फिर उन कपड़ों को निकालते थे। हमें नहीं पता था कि कौन देख रहा है। यह बहुत मुश्किल था।"यह भी पढ़ें- एडल्ट साइट पर अपलोड हुई तस्वीर, क्लासमेट्स ने उड़ाया मजाक... 13 साल की उम्र में Janhvi Kapoor ने झेला इतना सब
चट्टान पर सोईं मधू
मधू ने मणि रत्नम की फिल्म 'इरुवर' की शूटिंग के दौरान होने वाली समस्याओं के बारे में भी बात की है। अभिनेत्री ने कहा, "अब वो सब नहीं होता। आप कह सकते हैं कि आपके पास मेकअप वैन होनी चाहिए और आप अपनी प्राइवेट जगह ले सकते हैं। एक समय था जब मैं मणिरत्नम सर के साथ इरुवर (1997) की शूटिंग कर रही थी और हम तमिल में कहीं शूट कर रहे थे, मुझे वह जगह ठीक से याद नहीं है।"
मधू ने आगे कहा, "खाने के बाद ब्रेक टाइम में चट्टान पर सो रही थी और मैंने किसी को यह कहते हुए सुना, 'इतना पैसा होने का क्या फायदा, आखिरकार उसे सोना तो चट्टान पर ही पड़ रहा।' आज हमें उस फेज से गुजरना नहीं पड़ता है। यह अच्छा बदलाव है, खासकर एक फीमेल एक्टर के लिए। वे दिन कठिन थे।"यह भी पढ़ें- झाड़ी के पीछे बदले कपड़े, चलती ट्रेन में नहाया, जब बॉलीवुड में नहीं थी वैनिटी वैन, जानें किसने की शुरुआत