Madhubala Birth Anniversary: प्यार के लिए तरसती रहीं मोहब्बत के दिन जन्मी मधुबाला, बार-बार टूटा दिल
आज वैलेंटाइन डे पर बॉलीवुड की चांदनी यानी मधुबाला का जन्म हुआ था। मधुबाला बॉलीवुड की सबसे बेहतरीन अदाकाराओं में से एक हैं। तो चलिए आज इस खास मौके पर उनसे जुड़े कुछ खास पहलुओं पर नजर डालते हैं...
By Priyanka JoshiEdited By: Priyanka JoshiUpdated: Tue, 14 Feb 2023 12:25 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। Madhubala Birth Anniversary: आज का दिन वैलेंटाइन डे के अलावा बॉलीवुड की ब्यूटी ऑफ ट्रेजेडी के नाम भी जाना जाता है। यूं तो मधुबाला हर दिल में राज करती थीं। लेकिन उनकी जिंदगी उतनी ट्रेजेडी से भरी थी। घर की समस्याओं के चलते मधुबाला 7 साल की उम्र से काम करने लगी थीं। उनके पिता ने उन्हें दिलीप साहब का नहीं होने दिया, ऐसे में उनकी ऑनस्क्रीन बेहतरीन दिखने वाली जिंदगी ऑफस्क्रीन उतनी ही परेशानी से भरी रही। आज उनके जन्मदिन पर उनकी जिंदगी के खास पहलुओं पर एक नजर डालते हैं।
11 बच्चों में से 5वीं बेटी थीं मधुबाला
14 फरवरी 1933 को दिल्ली के मुस्लिम परिवार में जन्मी मधुबाला अत्ताउल्लाह खान और आयशा बेगम की संतान थीं। जन्म के बाद उनका नाम मुमताज बेगम देहलवी रखा गया। उनके माता-पिता के 11 बच्चे थे जिसमें से मधुबाला उनकी 5वीं बेटी थीं। उनके परिवार की स्थिति ठीक नहीं थी। पिता की कमाई उनके घर में पूरी नहीं पड़ती थी। खाने-पीने की भी समस्या थी। ऐसे में महज 7 साल की उम्र में मधुबाला को काम करना पड़ा। वो ऑल इंडिया रेडियो में खुर्शीद अनवर के गाने गाया करतीं। यहीं पर उनकी मुलाकात एक बड़े अधिकारी से हुई। वो अधिकारी भी मधुबाला की खूबसूरती और उनकी आवाज से इंप्रेस हो गया और मधु को मुंबई जाने की सलाह दी।
150 रुपए थी पहली फिल्म की कमाई
ऑफिसर की बात मान मधुबाला ने परिवार के साथ दिल्ली से मुंबई का रुख किया। यहां 1942 में उन्हें उनके करियर की पहली फिल्म बसंत में काम मिल गया और उनका पहला मेहनताना था 150 रुपए। इस फिल्म में उन्होंने चाइल्ड एक्टर के तौर पर काम किया था। लेकिन इसके बाद चाइल्ड एक्टर की जरुरत न पड़ने पर उन्हें काम मिलना बंद हो गया। ऐसे में मधुबाला के पिता परिवार के साथ उन्हें भी वापस मुंबई से दिल्ली ले आए। यहां उन्हें कम पैसों में छोटा-मोटा काम मिल जाया करता था पर, अब भी उनका परिवार तंगी से गुजर रहा था।300 रुपए महीने पर स्टूडियो ने दिया काम
मधु अब भी काम की तलाश कर रही थी। मुंबई में एक फिल्म में उन्हें काम करने का मौका मिला पर बात बन नहीं पाई। ऐसे में उनका परिवार फिर मुंबई में ही शिफ्ट हो गया और मधुबाला काम की तलाश में जुट गईं। कुछ समय बाद उनकी मेहनत रंग लाई और चंदूलाल शाह के स्टूडियो मूवीटोन ने उन्हें 300 रुपए के महीने की तनख्वाह पर 3 साल के लिए साइन कर लिया।
नील कमल में पहली बार लीड रोल में आईं नजर
मधुबाला की लीड रोल के तौर पर पहली फिल्म दौलत थी। लेकिन ये फिल्म कभी पूरी नहीं हो पाई जिसके बाद उन्हें मिली फिल्म नील कमल। इस फिल्म में उनके अपोजिट राज कपूर और बेगम पारा थीं। 1947 में रिलीज हुई ये फिल्म तो ज्यादा नहीं चली पर, उनकी खूबसूरती ने लोगों को उनका दीवाना बना दिया।