Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Oppenheimer Controversy: विवादों के बीच 'महाभारत' के श्रीकृष्ण ने ली 'ओपेनहाइमर' की साइड, समझाया गीता का सार

Oppenheimer Controversy क्रिस्टोफर नोलन निर्देशित फिल्म ओपेनहाइमर साइंटिस्ट जे. रॉबर्ट ओपेनहाइमर पर आधारित है जिन्हें परमाणु बम का जनक कहा जाता है। मूवी में एक विवादित सीन है जिसमें गीता की लाइन बोली गई है। इस पर बवाल मचा तो महाभारत फेम एक्टर नितीश भारद्वाज ओपेनहाइमर का सपोर्ट करते हुए नजर आए। साथ ही उन्होंने मूवी में दिये जाने वाले मैसेज पर भी बात की।

By Rinki TiwariEdited By: Rinki TiwariUpdated: Tue, 25 Jul 2023 11:56 AM (IST)
Hero Image
Mahabharat Actor Nitish Bhardwaj supported Oppenheimer. Photo- Twitter

 नई दिल्ली, जेएनएन। Nitish Bhardwaj On Oppenheimer Controversy: नो-डाउट क्रिस्टोफर नोलन की फिल्म 'ओपेनहाइमर' (Oppenheimer) दुनियाभर में कमाई के सारे रिकॉर्ड तोड़ रही है, लेकिन इन सबके बीच एक सीन की वजह से 'ओपेनहाइमर' मुश्किल में भी पड़ गई है।

'ओपेनहाइमर' में गीता से जुड़े एक सीन ने कई लोगों को नाराज कर दिया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी उस सीन को हटाने का आदेश दिया था। अब बीआर चोपड़ा के पौराणिक शो 'महाभारत' में श्रीकृष्ण की भूमिका निभाने वाले नितीश भारद्वाज ने 'ओपेनहाइमर' की साइड ली है।

क्या है 'ओपेनहाइमर' से जुड़ा विवाद?

नितीश भारद्वाज के बयान के बारे में जानने से पहले ये जान लीजिए कि 'ओपेनहाइमर' पर आखिर क्यों विवाद हुआ है? फिल्म में साइंटिस्ट ओपेनहाइमर का किरदार निभा रहे सिलियन मर्फी, जीन टैटलर के साथ इंटीमेट सीन करते हुए 'भगवद गीता' की एक लाइन पढ़ते नजर आए, जो लोगों को रास नहीं आया। लोग इसकी वजह से 'ओपेनहाइमर' का विरोध कर रहे हैं। अब नितीश भारद्वाज ने फिल्म की साइड लेते हुए 'भगवद गीता' का सार समझाया है।

नितीश भारद्वाज ने समझाया गीता का सार

ईटाइम्स के साथ बात करते हुए नितीश भारद्वाज ने गीता का सार समझाया। उन्होंने कहा-

"श्लोक 11.32 के मुताबिक, अर्जुन से कहा गया था कि अपना कर्तव्य एक योद्धा के रूप में निभाओ, जो बुराई से लड़ना है। कृष्ण के पूरे श्लोक को सही से समझने की जरूरत है। वह कहता है कि मैं वह शाश्वत काल हूं जो सब कुछ नष्ट कर देगा। इसलिए हर कोई मर जाएगा भले ही आप उन्हें न मारें। इसलिए अपना कर्तव्य निभाओ।"

नितीश भारद्वाज ने ली ओपेनहाइमर की साइड

नितीश भारद्वाज ने द्वितीय विश्वयुद्ध का जिक्र करते हुए कहा-

"जब ओपेनहाइमर ने परमाणु बम बनाया और इसका इस्तेमाल जापान की अधिकांश आबादी को मारने के लिए किया गया, तो वह खुद सवाल कर रहे थे कि क्या उन्होंने अपना कर्तव्य ठीक से निभाया है या नहीं? उनके एक इंटरव्यू में उन्हें रोते हुए दिखाया गया था, जिसका अर्थ है कि उन्हें शायद अपने ही आविष्कार पर पछतावा हुआ था।"

"उन्होंने शायद देखा कि उसका आविष्कार भविष्य में मानव जाति को नष्ट कर देगा और शायद इसलिए वह इसके लिए पछतावा कर रहे थे। फिल्म में इस कविता के प्रयोग को ओपेनहाइमर की इमोशनल मनोस्थिति से भी समझा जाना चाहिए। एक वैज्ञानिक 365 दिन अपनी रचना के बारे में सोचता है, चाहे वह कुछ भी कर रहा हो।"

"उनका पूरा दिमाग सिर्फ उनके क्रिएशन पर होता है और उनका फिजिकल एक्ट सिर्फ एक नेचुरल मैकेनिकल एक्ट है।"

नितीश ने ओपेनहाइमर के लिए लोगों से की ये अपील

नितीश भारद्वाज ने लोगों से अपील की कि वे 'ओपेनहाइमर' को समझने की कोशिश करें। उन्होंने UN को परमाणु निरस्त्रीकरण को गम्भीरता से लागू करने की सलाह दी। साथ ही नोलन के मैसेज को लाउड और क्लियर बताया है।