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मलयालम एक्टर Mohan Raj का 70 साल की उम्र में निधन, स्क्रीन पर खलनायक के किरदार से हुए थे पॉपुलर

साउथ सिनेमा से एक बुरी खबर सामने आई। जाने माने मलयाली अभिनेता मोहन राज का 70 साल की उम्र में निधन हो गया है। वे लंबे वक्त से बीमारी से जूझ रहे थे। उन्होंने खलनायक के तौर पर मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में खूब नाम कमाया था। उन्होंने साल 1988 में मलयालम फिल्म मूनम मुरा से सिल्वर स्क्रीन पर डेब्यू किया था।

By Surabhi Shukla Edited By: Surabhi Shukla Updated: Fri, 04 Oct 2024 09:27 AM (IST)
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अभिनेता मोहन राज का 70 साल की उम्र में निधन

एंटरटेनमेंट डेस्क,नई दिल्ली। दिग्गज अभिनेता मोहन राज जिन्हें अपने स्टेज नाम ‘कीरीदम जोस’ के नाम से जाना जाता है का 3 अक्टूबर को निधन हो गया। वो 70 साल के थे। मोहन राज के निधन से साउथ इंडियन सिनेमा में एक खालीपन सा आ गया है। वह मलयालम, तमिल और तेलुगु फिल्मों में अपने काम के लिए जाने जाते थे। शुक्रवार 4 अक्टूबर को केरल में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

खलनायक के किरदार से हुए फेमस

वह पिछले काफी समय से पार्किंसन रोग और डायबिटीज से पीड़ित थे। उनका तिरुवनंतपुरम से आयुर्वेदिक उपचार चल रहा था। तीन दशकों से अधिक के अपने लंबे करियर में मोहन राज ने 300 से अधिक फिल्मों में काम किया। लेकिन खलनायक के रोल से उन्हें खास पहचान मिली। उन्हें उप्पुकंदम ब्रदर्स, चेनकोल, आराम थंपुरन और नरसिम्हम में अपने किरदारों के लिए आज भी याद किया जाता है। मोहन राज को अपनी दमदार आवाज और एक्सप्रेशन की वजह से दक्षिण भारतीय फिल्मों में खलनायक का रोल मिलता था और वो इसमें खूब जमे भी।

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दिनेश पणिकर ने जताया शोक

अभिनेता और निर्देशक दिनेश पणिकर ने सोशल मीडिया पर मोहन राज के निधन की खबर साझा करते हुए अपना दुख व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि मोहन राज का उनके घर पर दोपहर करीब 3 बजे निधन हो गया और उनका अंतिम संस्कार अगले दिन तिरुवनंतपुरम में किया जाएगा। घोषणा के बाद साथी कलाकारों, फिल्म निर्माताओं और प्रशंसकों की ओर से संवेदनाएं आने लगीं। सभी ने सिनेमा में उनके योगदान को याद किया।

सेना में भी कर चुके हैं काम

मोहन राज का जन्म केरल के एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था। उन्होंने इकोनॉमिक्स से ग्रेजुएशन किया,जिसके बाद वह 20 साल की उम्र में भारतीय सेना में भर्ती हो गए। हालांकि,पैर की चोट के कारण उन्हें सेना छोड़नी पड़ी। इसके बाद उन्होंने प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी की और ईडी (Enforcement Directorate) के लिए काम करने लगे। साल 1988 में उन्होंने मलयालम फिल्म 'मूनम मुरा'से सिनेमा में डेब्यू किया।

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