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Mission Mangal: दुनिया में सिर्फ भारत ही कर पाया था ये कारनामा, जानें- क्या है फिल्म की असली कहानी

Mission Mangal Trailer Released जानतें हैं उस मिशन की कहानी जिससे भारत का नाम पूरे देश में ऊंचा हो गया था और अब उस Mission Mangal नाम से फिल्म बन रही है।

By Mohit PareekEdited By: Updated: Thu, 18 Jul 2019 04:27 PM (IST)
Mission Mangal: दुनिया में सिर्फ भारत ही कर पाया था ये कारनामा, जानें- क्या है फिल्म की असली कहानी
नई दिल्ली, जेएनएन। अंतरिक्ष में भारत का नाम रोशन करने वाले मिशन मंगलयान पर बन रही फिल्म 'मंगल मिशन' का ट्रेलर रिलीज हो गया है। इस फिल्म में बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार वैज्ञानिक राकेश धवन की भूमिका में नजर आएंगे, जिन्होंने साल 2013 में भारत की ओर मार्स पर पहला सैटेलाइट भेजने का सपना पूरा किया था। वहीं अभिनेत्री विद्या बालन तारा शिंदे की भूमिका में हैं, जो इस प्रोजेक्ट में राकेश धवन के साथ थीं। इसके अलावा सोनाक्षी सिन्हा, तापसी पन्नू, नित्या मेनन, कीर्ति कुल्हाड़ी और शरमन जोशी इस प्रोजेक्ट की टीम में नजर आएंगे।

यह फिल्म सच्ची कहानी पर आधारित है, इसमें केवल कुछ रचनात्मक स्वतंत्रता ली गई है। यह कहानी है भारत के पहले मार्स मिशन यानी मंगलयान की। इस फिल्म को बॉलीवुड की पहली स्पेस फिल्म बताया जा रहा है और भारत के उन गौरव पलों को फिल्म में समेटा गया है। फिल्म इसरो की उन महिला वैज्ञानिकों की कहानियों को बयां करती है, जो अपने निजी जीवन और अंतरिक्ष एजेंसी के मंगल कार्यक्रम को लेकर अपनी प्रतिबद्धता के बीच बेहतरीन तालमेल बैठाती हैं।

क्या था भारत का ये मिशन
यह भारत के पहले मंगल अभियान 'मार्स ऑर्बिटर मिशन' पर आधारित है। इस परियोजना के अन्तर्गत 5 नवम्बर 2013 को 2 बजकर 38 मिनट पर मंगल ग्रह की परिक्रमा करने के लिए आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पीएसएलवी सी-25 की ओर से सैटेलाइट छोड़ा गया था। प्रतिष्ठित 'टाइम' पत्रिका ने मंगलयान को 2014 के सर्वश्रेष्ठ आविष्कारों में शामिल किया।

बता दें कि इस मिशन के बाद भारत भी अब उन देशों में शामिल हो गया था, जिन्होंने मंगल पर अपने यान भेजे हैं। खास बात ये है कि भारत पहले प्रयास में ही सफल होने वाला पहला देश था, क्योंकि इससे पहले करीब दो तिहाई अभियान असफल भी रहे। इसके अतिरिक्त ये मंगल पर भेजा गया सबसे सस्ता मिशन भी माना जाता है। इस वक्त भारत यह कारनाम करने वाला एशिया का पहला देश बन गया। क्योंकि इससे पहले चीन और जापान अपने मंगल अभियान में असफल रहे थे।

इस मिशन को लेकर अक्षय कुमार ने कहा था कि यह इसरो के 17 इंजीनियरों और वैज्ञानिकों की मेहनत का नतीजा है। इन महिला वैज्ञानिकों की इतनी सारी वास्तविक कहानियां सुनकर मुझे यह बड़ा अद्भुत लगा कैसे अपने घर को संभालने के साथ उन्होंने अपने काम को भी उतनी ही संजीदगी से निभाया। 'केप ऑफ गुड फिल्म्स', 'होप प्रोडक्शंस' और फॉक्स स्टार स्टूडियोज की ओर से प्रोड्यूस की गई 'मिशन मंगल' इस साल 15 अगस्त को रिलीज होने वाली है।