हिंदी सिनेमा में आए इस बदलाव से थक गए थे Manna Dey, 4000 गानों के बाद छोड़ दी थी फिल्म इंडस्ट्री
Manna Dey Birth Anniversary संगीत की दुनिया का मशहूर सितारा रहे मन्ना डे ने फिल्म इंडस्ट्री को वो गीत दिए जो आज भी लोग चाव से सुनना पसंद करते हैं। संगीत की दुनिया के इस बादशाह का जन्म आज ही के दिन हुआ था। मन्ना डे ने अपने करियर में कई बेहतरीन गीतों को आवाज दी थी। मोहम्मद रफी और किशोर कुमार भी उनके फैन थे।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। Manna Dey Birth Anniversary: हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में मशहूर सिंगर्स के नाम का जिक्र जब भी होता है तो उसकी गिनती मन्ना डे (Manna Dey) के बिना अधूरी होती है। मन्ना डे बॉलीवुड का वह चमकता सितारा थे, जिनके बिना हिंदी सिनेमा के संगीत की कल्पना नहीं की जा सकती।
संगीत की दुनिया का नायाब चेहरा थे मन्ना डे
मन्ना डे ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को एक से बढ़कर एक गाने दिए। उन्होंने 'ऐ भाई जरा देख के चलो', 'यारी है ईमान मेरा', 'जिंदगी कैसी है पहेली', 'मुड़ मुड़ के ना देख' जैसे तमाम लोकप्रिय गीतों को आवाज दी। मन्ना डे ने संगीत को जैसे खुद में ही समा लिया था।
किशोर कुमार, मोहम्मद रफी जैसे दिग्गज गायक भी उनके गानों के मुरीद थे। एक वक्त ऐसा भी आया, जब फिल्ममेकर्स ही नहीं, एक्टर्स तक अपनी फिल्मों के गानों को सिर्फ मन्ना डे की आवाज से सजाना चाहते थे।
मन्ना डे ने गाए थे करीब 4000 गाने
1 मई, 1919 को कोलकाता में जन्मे प्रबोध चंद्र डे का स्टेजनेम 'मन्ना' दिया गया। मन्ना डे ने अपने करियर में तकरीबन 4000 गाने गए। उनकी आवाज का करिश्मा कुछ ऐसा था कि उन्होंने अपने संगीत के दम पर इंडियन सिनेमा में संगीत का एक नया अध्याय जोड़ा।'राम राज्य' से मिला ब्रेक
पद्मश्री, पद्म भूषण, दादा साहेब फाल्के से नवाजे गए मन्ना डे की जिंदगी में एक वक्त ऐसा भी आया, जब उन्होंने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री से संन्यास लेने का मन बना लिया था। मन्ना डे ने 1942 में 'तमन्ना' फिल्म से गायन करियर की शुरुआत की थी। उनका पहला गाना सुरैया के साथ 'जागो आई उषा पोंची बोले जागो' था, लेकिन 1943 में उन्हें ब्रेक मिला 'राम राज्य' से। इस फिल्म में उन्होंने 'गई तू गई सीता सती' गाया था।
मन्ना डे की आवाज में ये गाना जबरदस्त तरीके से हिट हुआ। इसके बाद उन्होंने 'ओ प्रेम दीवानी संभाल के चलना', 'ए दुनिया जरा सुनो', 'आज बोर आई' जैसे तमाम गानों को अपनी मंत्रमुग्ध करने वाली आवाज से सजाया। 1992 के बाद उन्होंने बॉलीवुड में गाना बंद कर दिया।