Entertainment News: 'बुरे दौर को मैं कभी भी सख्त तरीके से नहीं लेता हूं', मनोज बाजपेयी ने खोले अपने दिल के राज
अभिनेता मनोज बाजपेयी की मानें तो उन्हें मुंह लटकाकर बैठना पसंद नहीं है। उन्होंने दैनिक जागरण से कहा कि बुरे दौर को मैं कभी भी सख्त तरीके से नहीं लेता हूं। पूरे दिन में मेरे पास करने के लिए बहुत कुछ होता है। कुछ पढ़ लेता हूं एक बार तय हो जाता है कि आज काफी कुछ कर लिया है तो अपने किसी दोस्त से मिलने चले जाता हूं।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। अवार्ड मिलने के बाद भी अगर कलाकार को काम न मिले, तो निराश होना स्वभाविक है। ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए, उदास होकर बैठना चाहिए या आगे बढ़ना चाहिए? अभिनेता मनोज बाजपेयी की मानें, तो उन्हें मुंह लटकाकर बैठना पसंद नहीं है।
दैनिक जागरण से बातचीत में मनोज कहते हैं कि पिंजर फिल्म के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने के बाद भी मुझे खास काम नहीं मिला था। कोई फिल्म नहीं चल रही थी। जब फिल्में चलनी बंद हो गई, तो कम काम आ रहा था। उसमें से कुछ अच्छा सा देखकर मैं कर लेता था, ताकि मेरा किचन चलता रहे। वह करियर का बुरा दौर था, लेकिन उसमें भी मेरा अनुशासन कभी खत्म नहीं हुआ।