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दिन के इस पहर किसी से बात नहीं करते Manoj Bajpayee, कहा- 'मैं जिद्दी आदमी हूं, मेरा समय बंटा हुआ है'

अपनी एक्टिंग से लोगों की नजरों में बने रहने वाले मनोज बाजपेयी किसी परिचय का मोहताज नहीं हैं। बड़े पर्दे के साथ-साथ ओटीटी पर भी उन्होंने दमदार काम किया है। मनोज बाजपेयी अपने काम को लेकर जितने पाबंद हैं उतना ही अपने बाकी रूटीन को लेकर भी। दैनिक जागरण से बातचीत में उन्होंने अपने बारे में अहम खुलासा किया ।

By Jagran News Edited By: Karishma Lalwani Updated: Sat, 08 Jun 2024 11:05 AM (IST)
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बॉलीवुड एक्टर मनोज बाजपेयी. फोटो क्रेडिट- इंस्टाग्राम

जागरण न्यूज नेटवर्क, मुंबई। मनोज बाजपेयी की गिनती बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर्स में होती है। अपनी एक्टिंग की वजह से उन्होंने लोगों के दिलों में जगह बनाई है। हालिया रिलीज फिल्म 'भैया जी' में उनके दमदार और दबंग अंदाज को काफी पसंद किया गया। दैनिक जागरण से खास बातचीत में मनोज बाजपेयी ने खुद के बारे में अहम खुलासा किया।

'अनुशासन मेरे अंदर है'

अच्छा कलाकार होने के साथ-साथ मनोज बाजपेयी अपनी फिटनेस के लिए भी जाने जाते हैं। खुद के शरीर का ख्याल रखने या फिट रहने को लेकर जब बातें होती हैं, तो कई लोग व्यस्तता का वास्ता देते हुए कहते हैं कि न खाने का समय है, न एक्सरसाइज का। वहीं व्यस्त अभिनेताओं में शुमार मनोज बाजपेयी, जो निर्माता भी हैं, वह कभी अपनी फिटनेस और मानसिक सेहत को दरकिनार नहीं करते हैं। दैनिक जागरण से बातचीत में मनोज कहते हैं कि अनुशासन मेरे अंदर ही है। मुझे इसके लिए अलग से कुछ करने का प्रयास नहीं करना पड़ता है।

'जिद्दी आदमी हूं'

मनोज बाजपेयी ने कहा कि अनुशासन कई वर्षों से मेरे जीवन का हिस्सा है। वैसे ही जीया हूं। उससे अलग कैसे जीया जाता है, मुझे नहीं पता है। मैं भटकता नहीं हूं, टूटता नहीं हूं। मैं बस बीच- बीच में कभी थोड़ा सा अंतराल ले लेता हूं, ताकि शरीर सारी चीजों से अलग कर लेता हूं। लेकिन इन सबके बीच खाने-पीने को लेकर अनुशासन हमेशा बना रहता है। उसको लेकर मैं जिद्दी आदमी हूं। खाने-पीने का समय बिल्कुल बंटा हुआ है कि कब मैं दिन में खाना बंद कर दूंगा, अगला आहार कब लूंगा और कितना लूंगा। यह तय है, जो मैं कभी नहीं भूलता हूं।

'दो घंटे तक किसी का फोन नहीं उठाता'

'भैया जी' एक्टर ने कहा कि मैं मेडिटेशन करना कभी नहीं छोड़ता हूं। कई लोग सुबह उठते ही फोन देखने लग जाते हैं। मैं सुबह उठने के बाद दो घंटे तक किसी का फोन नहीं उठाता हूं। न ही किसी का मैसेज देखता हूं। पहले अपने सुबह के सारे काम जैसे एक्सारसाइज, मेडिटेशन खत्म कर लेता हूं, फिर फोन देखता हूं। ऐसा करने से मेरा दिन अच्छा गुजरता है।

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