Move to Jagran APP

Manoj Bajpayee को इस हरकत पर डांट देते हैं सब्जी वाले, पत्नी शबाना रजा को भी होती है चिढ़

बॉलीवुड के साथ ही ओटीटी प्लेटफॉर्म पर भी धमाल मचा चुके मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpayee) फिल्म भैया जी को लेकर सुर्खियों में छाए हुए हैं। इस हालिया रिलीज फिल्म के सिलसिले को प्रमोट करने में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी। मनोज बाजपेयी ने हाल ही में बताया कि उन्हें क्यों सब्जी वाले डांट देते हैं और उनकी किस आदत से पत्नी तक परेशान रहती हैं।

By Karishma Lalwani Edited By: Karishma Lalwani Updated: Tue, 28 May 2024 04:42 PM (IST)
Hero Image
एक्टर मनोज बाजपेयी. फोटो क्रेडिट - इंस्टाग्राम
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। फिल्म 'भैया जी' से बॉक्स ऑफिस पर भौकाल मचाने वाले मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpayee) की एक्टिंग का हर कोई कायल है। वह जितनी सादगी से अपने रोल को परफॉर्म करते हैं, उसे देख लोग उनका दीवाना हुए बगैर नहीं रह पाते। लग्जीरियस लाइफस्टाइल जीने वाले मनोज बाजपेयी अपनी रियल लाइफ में कुछ ऐसी चीजों का शौक रखते हैं, जो ये साबित करता है कि उनमें मिडिल क्लास मैन वाली बात अब भी है।

सब्जी खरीदना पसंद करते हैं मनोज बाजपेयी

माशबेल इंडिया को दिए इंटरव्यू में मनोज बाजपेयी ने अपने बारे में कई दिलचस्प चीजों का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि उन्हें सब्जी खरीदने का शौक है। बिजी शेड्यूल से जब भी समय मिलता है, तो वह सब्जी खरीदने निकल जाते हैं और इसके लिए उन्हें डांट भी पड़ती है।

सब्जी बेचने वालों से पड़ती है डांट

'भैया जी' मनोज बाजपेयी ने बताया कि वह जब भी सब्जी खरीदने जाते हैं, तो बार्गेनिंग करने लग जाते हैं। वो उनसे कहते हैं, 'आप जैसे एक्टर पर ये अच्छा नहीं लग रहा सर।' बेइज्जति से बचने के लिए मनोज बाजपेयी इस पर मजाकिया जवाब देते हैं। वो कहते हैं कि मैं सिर्फ प्रैक्टिस कर रहा हूं।

शबाना करती हैं फुल इग्नोर

'भैया जी' एक्टर ने बताया कि अगर वह अपनी पत्नी शबाना रजा के साथ सब्जी खरीदने निकले हैं और तब अगर वह बार्गेनिंग कर रहे होते हैं, तो शबाना ऐसे बिहेव करती हैं, जैसे वो उन्हें नहीं जानतीं। उन्हें बार्गेनिंग करना पसंद नहीं। 

कपड़ों को नहीं करते बर्बाद

एक हाईफाई लाइफस्टाइल जीने वाले मनोज बाजपेयी ने बताया कि वह कपड़ों को बर्बाद नहीं करते। शॉपिंग पर जाते वक्त प्लास्टिक के बजाय क्लोथ बैग कैरी करना पसंद करते हैं। अगर उनके कोई कपड़े हैं, जो पुराने हो चुके हैं और जिसकी उन्हें जरूरत नहीं, तो वह उसे फेंकने के बजाय किसी दोस्त या रिश्तेदार को भेज देते हैं, जो उन लोगों को दे देते हैं, जिन्हें जरूरत हो। 

यह भी पढ़ें: इस चीज को पाकर बचपन में खुद को रईस समझते थे Manoj Bajpyee, कबाब की खुशबू से ही काम चलाते थे 'भैया जी'