Manoj Bajpayee ने अभिनेता का बताया मतलब, कहा- 'हीरो का मतलब चार-पांच डायलॉग दागना और हीरोइन के साथ नाचना सिर्फ नहीं होता'
Manoj Bajpayee On Heroism द फैमिली मैन जैसी हिट सीरीज देने वाले अभिनेता मनोज बाजपेयी मानते हैं कि ओटीटी प्लेटफॉर्म ने आज की तारीख में हीरो होने की परिभाषा पूरी तरह से बदल दी है जो पहले सिर्फ गुंडों को पीटना और हीरोइन के साथ नाचना होता था।
By Vaishali ChandraEdited By: Updated: Sat, 16 Jul 2022 03:08 PM (IST)
मुंबई, जेएनएन। हिंदी सिनेमा में दर्शकों और कहानियों में लगातार हो रहे बदलावों की वजह से हीरो या सुपरस्टार का सिस्टम धुंधला पड़ता जा रहा है। डिजिटल प्लेटफार्म के आने से अब हर तरह के कलाकारों को लीड रोल करके, प्रोजेक्ट को अपने कंधों पर आगे बढ़ाने का मौका मिल रहा है।
ऐसे में मौजूदा दौर में अभिनेता और हीरो के कांसेप्ट पर तीन- तीन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता अभिनेता मनोज बाजपेयी का कहना है, "हीरो का मतलब वही होता है, जो विलेन को मार दे, चार-पांच डायलॉग दाग दे, हीरोइन के साथ नाच ले, साथ ही किसी और के गाने पर अपने होंठ हिलाकर उसे अपना जता दे। हमारे यहां पर लीड एक्टर्स को पहले हीरो बोला जाता था, क्योंकि उस दौर में फिल्मकार एक खास तरह के फॉरमूले पर चल रहे थे। इसके अलावा इसके अलावा बाकी एक्टर, कैरेक्टर एक्टर होते थे, लेकिन बाद में जब कई कलाकारों ने इस पर ऐतराज जताया, तो उन्हें एक्टर बुलाया जाना शुरू हुआ।"
मनोज ने आगे कहा, "अब चीजें बदल चुकी हैं, अब बहुत कम ही कलाकार हैं, जो सिर्फ हीरो का किरदार निभाते हैं। यहां तक कि कई सुपरस्टार्स भी पिछले कई वर्षों से ऐसे फॉरमूले से अलग कहानियों के पीछे भाग रहे हैं। वे समझ चुके हैं कि अब सिनेमा का विषय और दर्शक दोनों बदल रहे हैं। अगर डिजिटल प्लेटफार्म की बात करें तो यहां उस तरह की हीरोगिरी चलती ही नहीं। इस प्लेटफार्म ने हीरो सिस्टम को एकदम से खारिज कर दिया है। इसलिए अब हमारे यहां सिर्फ एक्टर बचे हैं।"
मनोज बाजपेयी के वर्कफ्रंट की बात करें को आगामी दिनों में वे फिल्म डिस्पैच और कब्जा में नजर आएंगे। इसके अलावा उनके हिट सीरीज फैमिली मैन का तीसरा सीजन भी जल्द आने वाला है।