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National Film Awards: 1954 में पहली बार दिये गये थे राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, 'श्यामची आई' रही थी बेस्ट फिल्म

National Film Awards राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार सिनेमा की दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार हैं। हर साल कलाकारों को इन पुरस्कारों की घोषणा का इंतजार रहता है। 2023 में हो रहे 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों का एलान हो गया है। इस मौके पर जानिए कि इन पुरस्कारों की शुरुआत कब और क्यों की गयी। आजादी के सात साल बाद राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों का आयोजन शुरू हुआ था।

By Jagran NewsEdited By: Manoj VashisthUpdated: Thu, 24 Aug 2023 07:26 PM (IST)
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श्यामची आई और दो बीघा जमीन के पोस्टर। फोटो- आइएमडीबी
नई दिल्ली, जेएनएन। देश में कई फिल्म पुरस्कार समारोह आयोजित होते रहे हैं। राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार देश के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित पुरस्कारों में शामिल माना जाता है। इन पुरस्कारों का आयोजन भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय की तरफ से किया जाता है।

निर्देशन, अभिनय, सिनेमैटोग्राफी, सिंगिंग और लेखन के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम करने वाले कलाकारों को हर साल विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार दिये जाते हैं। देश में अब तक 68 राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार आयोजित हो चुके हैं। 2023 में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार का 69वां संस्करण आयोजित किया जाना है। 

राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार कब शुरू हुए?

इन पुरस्कारों की शुरुआत करने के लिए साल 1949 में एक कमेटी बनाई गई थी। इस कमेटी का काम शिक्षा और सांस्कृतिक मूल्यों के आधार पर बनी सबसे अच्छी फिल्मों का चुनाव करना था। शुरुआती दौर में इन्हें राजकीय फिल्म पुरस्कार के नाम से जाना जाता था।

  • राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की शुरुआत साल 1954 से हुई थी।
  • साल 1953 में रिलीज हुई कुछ बेहतरीन फिल्मों को चुना गया था। उस समय देश के राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद थे और सूचना प्रसारण मंत्री बीवी केसकर थे।
  • पहले नेशनल फिल्म अवॉर्ड समारोह में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए राष्ट्रपति का स्वर्ण पदक मराठी फिल्म श्यामची आई को दिया गया था।
  • सर्वश्रेष्ठ डॉक्युमेंट्री फिल्म के लिए राष्ट्रपति का स्वर्ण पदक महाबलीपुरम को मिला था। इसके अलावा हिंदी फिल्म दो बीघा जमीन के साथ बांग्ला फीचर फिल्म भगवान श्रीकृष्ण चैतन्य को ऑल इंडिया सर्टिफिकेट ऑफ मेरिट का पुरस्कार दिया गया था।
  • सर्वश्रेष्ठ बाल फिल्म के लिए अखिल भारतीय योग्यता प्रमाणपत्र बच्चों की फिल्म खेला घर को मिला। साथ ही डॉक्यूमेंट्री फिल्म होली हिमालयाज और ट्री ऑफ वेल्थ को भी योग्यता प्रमाण पत्र पुरस्कार दिया गया।

क्यों हुई थी हुई नेशनल फिल्म अवॉर्ड की शुरुआत?

नेशनल फिल्म अवॉर्ड कला, संस्कृति, सिनेमा और साहित्य के क्षेत्र में श्रेष्ठ काम करने वाले कलाकारों को दिया जाता है। देश में स्वतंत्रता के बाद कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए इसकी शुरुआत की गई थी। इन पुरस्कारों के पीछे मकसद यह भी था कि अच्छी फिल्मों के निर्माण को प्रोत्साहन मिले।

कितनी कैटगरी में दिया जाता है अवॉर्ड?

राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों को तीन कैटेगरी में बांटा गया है- फीचर, नॉन-फीचर और बेस्ट राइटिंग इन सिनेमा। भारत के माननीय राष्ट्रपति विनर्स को यह पुरस्कार देते हैं। राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में हर कैटेगरी के आधार पर अलग अवॉर्ड दिया जाता है, जिन्हें स्वर्ण कमल, रजत कमल नाम से जाना जाता है। कुछ अवॉर्ड में नकद पुरस्कार भी दिया जाता है, जबकि कुछ कैटेगरी में सिर्फ मेडल ही दिया जाता है।

ज्यूरी में कौन शामिल था?

पहले राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की ज्यूरी की अध्यक्षता मंगल दास पकवासा ने की थी, जबकि कमलादेवी चट्टोपाध्याय, कालीदास नाग, रामधारी सिंह दिनकर, बीडी मीरचंदानी, सीवी देसाई और एसए अय्यर शामिल थे।