'बच्चा सांवला नहीं होना चाहिए', प्रेग्नेंट Masaba Gupta का गोरे बेबी के लिए मिली सलाह पर फूटा गुस्सा
Neena Gupta की बेटी मसाबा गुप्ता (Masaba Gupta) मां बनने वाली हैं। प्रेग्नेंसी फेज एन्जॉय करने के बीच फैशन डिजाइनर ने अपने होने वाले बच्चे को लेकर किए गए कमेंट को लेकर बात की है। उन्होंने बताया कि उनका बच्चा गोरा हो इसलिए लोग किस तरह की सलाह देते हैं। मसाबा गुप्ता ने पिछले साल ही अभिनेता सत्यदीप मिश्रा से दूसरी शादी की थी।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। दुनिया भले ही कितनी भी आगे बढ़ जाए, लेकिन समाज में रंग-ढंग से सुंदरता को आंकना खत्म नहीं होता है। अगर कोई गोरा है तो वह सुंदर है और अगर कोई सांवला है तो उसे डाउन करने में लोग कभी पीछे नहीं हटते हैं। हाल ही में, कुछ ऐसा मसाबा गुप्ता (Masaba Gupta) के साथ भी हुआ। मसाबा का बच्चा गोरा पैदा हो, इसे लेकर कुछ महिलाओं ने उन्हें नसीहत दी।
एक्ट्रेस नीना गुप्ता की बेटी और फैशन डिजाइनर मसाबा गुप्ता जल्द ही अपने पहले बच्चे को जन्म देने वाली हैं। एक हालिया इंटरव्यू में उन्होंने खुलासा किया कि कुछ महिलाओं ने उन्हें सलाह दी कि गोरे बच्चे के लिए उन्हें क्या खाना या पीना चाहिए।
गोरे बच्चे के लिए मसाबा को मिली ऐसी सलाह
फेय डिसूजा के साथ बातचीत में मसाबा गुप्ता ने कहा, "कल ही मेरे साथ ऐसा हुआ कि कोई प्रसव-पूर्व किसी चीज के लिए मेरे पास आया और मुझसे कहा, 'आपको हर दिन एक रसगुल्ला खाना चाहिए' क्योंकि आपके बच्चे को आपसे लाइट (गोरा) होना चाहिए। और फिर उससे 15 दिन पहले मैं एक और प्रसव-पूर्व मालिश करवा रही थी, क्योंकि मैं यह करती रहती हूं और उसने (मालिश करने वाली ने) मुझसे कहा, 'आप ना, दूध लिया करो। सांवला नहीं होना चाहिए।' यह बहुत मासूमियत के साथ कहा गया था। आपके पास कोई ऑप्शन नहीं है- मैं क्या कर सकती हूं? अपनी मालिश करनेवाली को मुक्का मारूं? नहीं।"यह भी पढ़ें- Sonam Kapoor ने पापा के बंगले में होस्ट की Masaba Gupta की बेबी शॉवर पार्टी, सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरें
काली कहने वालों को लेकर बोलीं मसाबा गुप्ता
मसाबा गुप्ता ने आगे बताया कि आज भी समाज में काला रंग नीचा दिखाने जैसा साउंड करता है। डिजाइनर से एक्ट्रेस बनीं मसाबा गुप्ता ने कहा, "कई बार लोग सोचते हैं कि किसी को ‘काली’ कहना उन्हें नीचा दिखाने का एक तरीका है, मुझे यह बहुत बेतुका लगता है। मैं आपको एक मालिश करने वाली का उदाहरण दे रही हूं जो समाज के एक खास वर्ग से आती है। आप यह देखकर चौंक जाएंगे कि कितने शिक्षित, धनी, पढ़े-लिखे लोग भी ऐसा ही महसूस करते हैं। मैं इसकी गवाह रही हूं। 2024 आ गया है, लेकिन कोई बदलाव नहीं हुआ।"
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