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पहली फिल्म के लिए Meena Kumari को मिले थे 25 रुपये, पी जयराज के साथ जुड़ा था रोचक किस्सा

मीना कुमारी (Meena Kumari) सिनेमा जगत की वो खूबसूरत अदाकारा थीं जिन्होंने कई दशकों तक इंडस्ट्री पर राज किया था। 1 अगस्त को मीना कुमारी की बर्थ एनिवर्सरी (Meena Kumari Birth Anniversary) मनाई जाती है। एक्ट्रेस की लाइफ को लेकर आज हम कई अहम पहलूओं पर बात करेंगे जिनके बारे में शायद ही आपको मालूम होगा। आइए मीना कुमारी से जुड़े ये रोचक किस्से जानते हैं।

By Ashish Rajendra Edited By: Ashish Rajendra Updated: Wed, 31 Jul 2024 08:27 PM (IST)
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मीना कुमारी की अनोखी कहानी (Photo Credit-Jagran)
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। रात के ढ़ाई बजे गुरुदत्त को फोन कर मीना कुमारी (Meena Kumari) ने उस फिल्म के लिए हामी भरी थी, जिसके ऑफर को उन्होंने पहले ठुकरा दिया था और वही मूवी बाद में अभिनेत्री के करियर का ट्रर्निंग प्वाइंट साबित हुई।

लेखक सत्य व्यास के जरिए लिखी गई मीना मेरे आगे किताब में मीना कुमारी की कल्ट फिल्म साहिब बीवी और गुलाम से जुड़ा ये रोचक किस्सा मिलता है। 31 जुलाई को सिनेमा की ट्रेजडी क्वीन की बर्थ एनिवर्सरी मनाई जाती है, उसे मद्देनजर रखते हुए मीना से जुड़े दिलचस्प तथ्यों को हम आपके सामने पेश करने जा रहे हैं। 

6 साल की उम्र में की पहली फिल्म

1 अगस्त 1933 को मुंबई के दादर में एक मुस्लिम परिवार में मीना कुमारी का जन्म हुआ। एक्ट्रेस का असली नाम महजबीन बानो था, जो बाद में मीना में तब्दील हो गया। 6 साल की उम्र में बतौर बाल कलाकार उन्होंने सिनेमा में कदम रखा और फिल्म लेदर फेस में काम किया। 

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आईएमडीबी की रिपोर्ट की मानें तो डेब्यू फिल्म के लिए उन्हें फीस के तौर पर महज 25 रुपये की धनराशि मिली थी। बाद में मीना ने एक एक्ट्रेस के तौर पर 3 दशक की लंबी पारी खेल और 33 साल के करियर में करीब 90 फिल्मों में अपनी अदाकारी का जलवा बिखेरा।

सन 1946 में आई फिल्म बच्चों का खेल में अनुराधा के रोल को निभाकर बतौर लीड एक्ट्रेस मीना ने अपना कारवां शुरू किया। माना जाता है कि विक्रम भट्ट के दादा और मशहूर फिल्ममेकर रहे विजय भट्ट ने मीना कुमारी के करियर बनाने में अहम योगदान दिया था, जिसका उदाहरण फिल्म बैजू बावरा से ले सकते हैं। 

पी जयराज संग जुड़ा रोचक किस्सा

उस दौर के दिग्गज एक्टर पी जयराज के साथ मीना कुमारी ने कई फिल्मों में काम किया था। अपनी पहली फिल्म लेदर फेस में मीना ने जयराज की बेटी की भूमिका को अदा किया था। लेकिन इसके 11 साल बाद कुछ ऐसा हुआ, जो दिलचस्प किस्सा बन गया। दरअसल 1950 में आई फिल्म मगरूर में मीना और पी जयराज का प्रेम प्रसंग दिखाया गया। 

किसने दिया था मीना नाम

हर किसी के जहन में ये सवाल रहता है की मीना कुमारी का नाम मीना आखिर कैसे पड़ा था। उसके पीछे भी विजय भट्ट साहब का हाथ रहा। दरअसल जैसा आपको बताया कि अपने 33 साल के फिल्मी करियर में मीना ने ज्यादातर विजय की मूवीज में काम किया। ऐसे में निर्देशक को महजबीन नाम बड़ा लगता था तो उन्होंने एक्ट्रेस का नया नामकरण कर दिया और फिर महजबीन बानो से वह इंडस्ट्री की मीना कुमारी बन गईं। 

दर्दभरी रही मीना कुमारी की असल जिंदगी

मीना कुमारी की रील लाइफ जितनी शोहरत भरी रही, उसके ठीक विपरीत उनकी असल जिंदगी काफी दर्दभरी थी। जन्म के दौरान ने उनके पिता ने घर में खुशी नहीं मनाई, क्योंकि उनको एक बेटे की चाहत थी, इससे पहले लड़की के रूप में मीना की दो बड़ी बहनें पहले से ही घर में मौजूद थीं। 

शादी के बाद उनके पति कमाल अमरोही से मीना को वो प्यार नहीं मिला, जिसकी उनको उम्र भर तलाश रही और आए दिन बढ़ते घरेलू कलेश से एक्ट्रेस का जीवन उदासी की तरफ चल पड़ा। इसके बाद धर्मेंद्र और गुलजार जैसी शख्सियत के साथ एक्ट्रेस के अफेयर के भी खूब चर्चे हुए थे। 

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