पहली फिल्म के लिए Meena Kumari को मिले थे 25 रुपये, पी जयराज के साथ जुड़ा था रोचक किस्सा
मीना कुमारी (Meena Kumari) सिनेमा जगत की वो खूबसूरत अदाकारा थीं जिन्होंने कई दशकों तक इंडस्ट्री पर राज किया था। 1 अगस्त को मीना कुमारी की बर्थ एनिवर्सरी (Meena Kumari Birth Anniversary) मनाई जाती है। एक्ट्रेस की लाइफ को लेकर आज हम कई अहम पहलूओं पर बात करेंगे जिनके बारे में शायद ही आपको मालूम होगा। आइए मीना कुमारी से जुड़े ये रोचक किस्से जानते हैं।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। रात के ढ़ाई बजे गुरुदत्त को फोन कर मीना कुमारी (Meena Kumari) ने उस फिल्म के लिए हामी भरी थी, जिसके ऑफर को उन्होंने पहले ठुकरा दिया था और वही मूवी बाद में अभिनेत्री के करियर का ट्रर्निंग प्वाइंट साबित हुई।
लेखक सत्य व्यास के जरिए लिखी गई मीना मेरे आगे किताब में मीना कुमारी की कल्ट फिल्म साहिब बीवी और गुलाम से जुड़ा ये रोचक किस्सा मिलता है। 31 जुलाई को सिनेमा की ट्रेजडी क्वीन की बर्थ एनिवर्सरी मनाई जाती है, उसे मद्देनजर रखते हुए मीना से जुड़े दिलचस्प तथ्यों को हम आपके सामने पेश करने जा रहे हैं।
6 साल की उम्र में की पहली फिल्म
1 अगस्त 1933 को मुंबई के दादर में एक मुस्लिम परिवार में मीना कुमारी का जन्म हुआ। एक्ट्रेस का असली नाम महजबीन बानो था, जो बाद में मीना में तब्दील हो गया। 6 साल की उम्र में बतौर बाल कलाकार उन्होंने सिनेमा में कदम रखा और फिल्म लेदर फेस में काम किया।ये भी पढ़ें- Meena Kumari और उनकी अधूरी प्रेम कहानी, वसीयत में गुलजार के नाम कर गई थीं अपनी सबसे कीमती चीज
आईएमडीबी की रिपोर्ट की मानें तो डेब्यू फिल्म के लिए उन्हें फीस के तौर पर महज 25 रुपये की धनराशि मिली थी। बाद में मीना ने एक एक्ट्रेस के तौर पर 3 दशक की लंबी पारी खेल और 33 साल के करियर में करीब 90 फिल्मों में अपनी अदाकारी का जलवा बिखेरा।
सन 1946 में आई फिल्म बच्चों का खेल में अनुराधा के रोल को निभाकर बतौर लीड एक्ट्रेस मीना ने अपना कारवां शुरू किया। माना जाता है कि विक्रम भट्ट के दादा और मशहूर फिल्ममेकर रहे विजय भट्ट ने मीना कुमारी के करियर बनाने में अहम योगदान दिया था, जिसका उदाहरण फिल्म बैजू बावरा से ले सकते हैं।