Meena Kumari को लगातार दो बार मिला बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्मफेयर अवॉर्ड, ये हैं ट्रैजडी क्वीन की बेस्ट फिल्में
Meena Kumari Birth Anniversary 1 अगस्त 1933 में जन्मी बॉलीवुड की ट्रैजडी क्वीन मीना कुमारी ( Meena Kumari ) ने अपने जमाने में बड़े से बड़े कलाकरों के साथ काम किया। 60 से 70 के दशक के बीच मीना कुमारी ने हर किसी को अपना दीवाना बना दिया था लोग सिर्फ उन्हें देखने के लिए सिनेमा हॉल जाया करते थे।
नई दिल्ली, जेएनएन। Meena Kumari Birth Anniversary: बॉलीवुड में नजाकत की अदाकारा कहलाने वाली मीना कुमारी का 1 अगस्त को जन्मदिन है। साल 1933 में महजबीं बानो के नाम से जन्मी बॉलीवुड की ट्रैजडी क्वीन ने अपनी अदाकारी के दम पर खुद का मुकाम हासिल किया।
चालीस के दशक में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट शुरुआत करने वाली मीना ने अपने जमाने में बड़े से बड़े कलाकारों के साथ काम किया। 60 से 70 के दशक के बीच मीना कुमारी ने हर किसी को अपना दीवाना बना दिया था, लोग सिर्फ उन्हें देखने के लिए सिनेमा हॉल जाया करते थे।
- महजबीं जब बाल कलाकार थीं, तब निर्देशक विजय भट्ट ने उन्हें अपनी फिल्मों में बेबी मीना नाम दिया था, जो आगे चलकर मीना कुमारी हो गयी। 1939 में आयी लेदरफेस के लिए मीना को 25 रुपये मेहनताना मिला था। इस फिल्म में उनकी उम्र महज 6 साल थी।
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मीना कुमारी ने 90 से ज्यादा फिल्मों में काम किया और महज 38 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया।आइए जानते हैं उनकी ऐसी फिल्मों के बारे में, जिनमें उनकी अदाकारी ने लोगों का मन मोह लिया।
बैजू बावरा (1952)
यह मीना कुमारी के करियर की बतौर लीड पहली फिल्म थी। पहली ही फिल्म में उनकी एक्टिंग खूब पसंद की गई। शानदार अदाकारी के लिए मीना कुमारी को बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्मफेयर अवार्ड मिला। यह म्यूजिकल फिल्म थी, इसमें 16वीं शताब्दी का मुगल कालीन भारत दिखाया गया था। इसे विजय भट्ट डायरेक्ट किया है।
परिणीति (1953)
इस फिल्म में मीना कुमारी की अदाकारी ने एक बार फिर ऑडियंस का दिल जीता। उन्होंने लगातार दूसरी बार फिल्मफेयर अवॉर्ड जीता। फिल्म में मीना कुमारी के अलावा अशोक कुमार और बद्री प्रसाद भी थे। फिल्म को मशहूर डायरेक्टर बिमल रॉय ने डायरेक्ट किया। इनके बाद 2005 में इसी फिल्म का रीमेक बनाया, जिसमें सैफ अली खान और विद्या बालन मुख्य भूमिका में थे।
साहिब बीवी और गुलाम (1962)
अबरार अल्वी निर्देशित फिल्म भारतीय सिनेमा की क्लासिक मानी जाती है। फिल्म का निर्माण गुरु दत्त ने किया। मीना कुमारी लीड रोल में थीं। रहमान, वहीदा रहमान और गुरु दत्त मुख्य स्टार कास्ट का हिस्सा थे। यह फिल्म छोटी बहू के रूप में मीना कुमारी की बेहतरीन परफॉर्मेंस के लिए याद की जाती है। इस फिल्म के लिए मीना को बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था।
मझली दीदी (1967)
इस फिल्म को भले ही याद न रखा गया हो, लेकिन यह मीना कुमारी के करियर की बेस्ट फिल्मों में से एक है। इस फिल्म को बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज कैटेगरी में अकादमी अवॉर्ड के लिए भेजा गया था।
यह फिल्म लेखक शरतचंद्र द्वारा लिखी गई कहानी पर आधारित थी। इसमें मीना कुमारी ने एक शिक्षित शहरी लड़की का किरदार निभाया है, जो एक ट्रेडिशनल परिवार में शादी करती है। फिर वह पारिवारिक झगड़े में फंस जाती है।
मेरे अपने (1971)
इस फिल्म में मीना कुमारी ने एक बुजुर्ग महिला का किरदार निभाया है। मीना कुमारी उस वक्त जवान हुआ करती थीं, फिर भी उन्होंने बुजुर्ग महिला की जबरदस्त एक्टिंग की। यह बतौर डायरेक्टर गुलजार की पहली फिल्म थी। इसमें शत्रुघ्न सिन्हा और विनोद खन्ना मुख्य भूमिका में थे।
पाकीजा (1972)
कमाल अमरोही द्वारा निर्देशित यह फिल्म बॉलीवुड की क्लासिक मूवीज में से एक है। इसे कल्ट फिल्म में मीना कुमारी ने एक तवायफ का किरदार निभाया, जो आज भी लोगों के जहन में बसा है। इस फिल्म के मीना कुमारी को बेस्ट एक्ट्रेस के लिए नॉमिनेट भी किया गया था। बेस्ट आर्ट डायरेक्शन में फिल्म को फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला। फिल्म में राजकुमार और अशोक कुमार ने भी मुख्य भूमिका निभाई थी।