Move to Jagran APP

Meena Kumari और उनकी अधूरी प्रेम कहानी, वसीयत में गुलजार के नाम कर गई थीं अपनी सबसे कीमती चीज

हिंदी सिनेमा में अपनी अदाकारी और खूबसूरती से बड़े पर्दे पर चार चांद लगाने वालीं एक्ट्रेस Meena Kumari को नाम और शोहरत तो खूब मिला लेकिन वो एक चीज नहीं मिली जिसके लिए वह जिंदगीभर तड़पती रहीं। एक्ट्रेस का नाम कई शादीशुदा मर्दों के साथ जुड़ा। उन्होंने टूट कर प्यार भी किया लेकिन हर बार मोहब्बत मुकम्मल न हो सकी।

By Karishma Lalwani Edited By: Karishma Lalwani Updated: Sun, 31 Mar 2024 07:58 AM (IST)
Hero Image
मीना कुमारी डेथ एनिवर्सरी. फोटो क्रेडिट- जागरण
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। Meena Kumari Death Anniversary: फिल्म इंडस्ट्री में खूबसूरती अभिनेत्रियों की जब भी बात होती है, तो उसका जिक्र मीना कुमारी (Meena Kumari) के नाम के बिना अधूरा होता है। मीना कुमारी हिंदी सिनेमा की वो अदाकारा थीं, जिनके साथ काम करना हर आर्टिस्ट का सपना हुआ करता था। दिलकश अदाओं और खूबसूरत नैन नक्श की मल्लिका, मीना कुमारी पर्दे पर इससे कहीं बढ़कर थीं। 

मीना कुमारी को नाम और शोहरत तो कम उम्र में ही मिलना शुरू हो गया था। न धन दौलत की कमी, न रंग रूप की कमी, फिर भी मीना कुमारी आजीवन प्यार के लिए तरसती रहीं। मीना कुमारी जितनी सुंदर थीं, उतनी ही दर्दभरी थी उनकी जिंदगी। आज ही के दिन मीना कुमारी ने दुनिया को अलविदा कहा था।

मीना कुमारी के थे कई नाम

1 अगस्त, 1933 को जन्मीं मीना कुमारी 'ट्रेजेडी क्वीन' के नाम से सबसे ज्यादा फेमस हुईं। मगर उन्हें और भी कई नामों से पुकारा जाता रहा। उनका असली नाम महजबीं बानो था। बचपन के दिनों में मीना कुमारी की आंखें बहुत छोटी थीं इसलिये परिवार वाले उन्हें ‘चीनी’ कहकर पुकारा करते थे। लगभग चार वर्ष की उम्र में ही मीना कुमारी ने फिल्मों में अभिनय करना शुरू कर दिया। डायरेक्टर विजय भट्ट ने मीना कुमारी को 'लेदरफेस' में कास्ट किया था। 13 साल की उम्र तक उन्होंने 'अधूरी कहानी', 'पूजा', 'एक ही भूल', 'नई रोशनी', 'कसौटी', 'विजय', 'गरीब', 'प्रतिज्ञा', 'बहन' और 'लाल हवेली' फिल्मों में काम किया था।

ऐसे पड़ा नाम 'मीना'

मीना कुमारी ने अधिकतर विजय भट्ट के साथ काम किया था। उन्हें मीना कुमारी का 'माहजबीं' नाम अच्छा नहीं लगता था। लिहाजा विजय भट्ट ने मीना कुमारी को 'बेबी मीना' नाम दे दिया। इस तरह से अभिनेत्री का एक नाम ये भी पड़ गया। 31 मार्च को एक्ट्रेस की डेथ एनिवर्सरी है। इस मौके पर हम उनकी जिंदगी के कुछ अनछुए पहलुओं और उनकी अधूरी प्रेम कहानी पर बात करेंगे। मीना कुमारी ने हर बार टूटकर मोहब्बत की, लेकिन हर बार उन्हें धोखा ही मिला।

पिता से लेकर प्रेमी तक, मिला सिर्फ दर्द ही दर्द

मीना कुमारी का बचपन गरीबी में बीता था। जब उनका जन्म हुआ, तो दो बेटियां होने के कारण उनके पिता उन्हें अनाथालय में छोड़ आए थे, लेकिन कुछ देर बाद उनसे अपनी बेटी का रोना देखा नहीं गया और वह उन्हें वापस ले आए। मीना कुमार चार साल की थीं, जब उन्होंने फिल्मों में काम करना शुरू किया। माहजबीं उर्फ मीना कुमारी के अब्बू जबरन उन्हें सेट पर ले जाया करते थे। काम के कारण मीना कुमारी की पढ़ाई और इसी के साथ-साथ बचपन भी पीछे छूट गया।

मीना की जिंदगी में आए ये तीन शख्स

मीना कुमारी एक अभिनेत्री के तौर पर जितनी सफल थीं, दिल के मामले में उतनी ही असफल थीं। उनकी प्रेम कहानी का पहला अध्याय लेखक और निर्देशक कमाल अमरोही (Kamala Amrohi) के साथ शुरू हुआ था। मीना कुमारी ने एक अखबार में उनकी फोटो देखी थी और तभी से दिल हार बैठी थीं। इसके बाद जब मुलाकात हुई, तो कमाल को भी मीना का दीवाना बनने में ज्यादा वक्त नहीं लगा। कमाल पहले से ही दो बीवीयों और तीन बच्चों के पिता थे। इसके बावजूद मीना ने उनसे प्यार करने की जुर्रत की।

मीना कुमारी और कमाल अमरोही ने चुपके से शादी की थी। कई महीनों तक किसी को कुछ पता नहीं चला। मगर जब इसकी भनक एक्ट्रेस के पिता को लगी, तो मीना ने अपनी सारी पैतृक संपत्ति वहां छोड़कर और कुछ साड़ी लेकर वहां से निकल आईं। शुरुआत में तो सब कुछ अच्छा था, लेकिन बाद में कमाल और मीना के बीच दूरियां आने लगीं। कमाल को मीना की लोकप्रियता बर्दाश्त नहीं होती और वह उन पर बंदिशें लगाते। लिहाजा सालों बाद मीना ने कमाल से अपने रिश्ते को खत्म कर दिया।

धर्मेंद्र को अपना मानने लगी थीं मीना कुमारी

जब धर्मेंद्र (Dharmendra) फिल्म लाइन में आए, तब तक मीना कुमारी सुपरस्टार बन चुकी थीं। उन्हीं की सिफारिश पर धर्मेंद्र को कई फि्ल्मों में काम मिला। मीना कुमारी ने ही धर्मेंद्र का व्यक्तित्व भी निखारा। उन्हें अदाकारी के गुर सिखाए और इसी सिलसिले में वह उनके करीब आ पाईं। दोनों के दिल में एक दूसरे के लिए सॉफ्ट कॉर्नर था, लेकिन शादीशुदा होने की वजह से इस मामले में कुछ कर न सके। धर्मेंद्र और मीना कुमारी की एक फोटो ने उस जमाने में काफी तूल पकड़ी थी, जिसे कहीं न कहीं कमाल और मीना कुमारी के झगड़े और शादी के अंत की शुरुआत का कारण माना जाता है।

धर्मेंद्र ने शादीशुदा और दो बच्चों (सनी और बॉबी देओल) का पिता होने के कारण मीना कुमारी से अपने लगाव को वहीं रोक दिया। हालांकि, जब वह हेमा मालिनी से मिले, तो अपने ही ऊपर लगाई बंदिश से खुद को आजाद कर दिया।

गुलजार के साथ भी जुड़ा नाम

कमाल अमरोही शक के चलते अक्सर मीना कुमारी पर नजर रखे रहते थे। वह जहां भी जातीं, उनके साथ कमाल के बॉडीगार्ड भी रहते। इस बंदिश से तंग आ चुकीं मीना कुछ पल सुकून के चाहती थीं। इसी के चलते वो गुलजार के भी करीब आई थीं। दोनों को शायरी का बहुत शौक था। यह एक वजह थी, जो मीना को गुलजार के करीब ले आई। मीना कुमारी के शायराना अंदाज और अदाकारी पर गुलजार भी फिदा थे। फ़ुर्सत के लम्हों में दोनों शेर-ओ-शायरी पर बातें किया करते।

अपनी जिंदगी के अंतिम दिनों में मीना कुमारी ने अपनी वसीयत में एक कीमती चीज गुलजार के नाम की थी। उन्होंने अपनी निजी डायरियां, जिसमें वह शायरी लिखा करतीं, उसे गुलजार को सौंपकर दुनिया से रुखसत हो गईं।

यह भी पढ़ें: Padma Khanna: अमिताभ बच्चन की 'पत्नी' बन हुई थीं मशहूर, एक्टिंग छोड़ विदेश में ये काम कर रहीं 'रामायण' की 'कैकयी'