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Mental Health Day:बॉलीवुड की ये फिल्में मेंटल हेल्थ के प्रति करती हैं जागरूक, बॉक्स ऑफिस पर रही थीं ब्लॉकबस्टर

Bollywood Films That Raised The Issue of Mental Health तेजी से आगे बढ़ती जिंदगी में लोग अक्सर मेंटल हेल्थ जैसे जरूरी मुद्दे को नजरअंदाज कर देते हैं। ऐसे में कई बार फिल्में लोगों का ध्यान इन विषय पर खींचने और उन्हें जागरूक करने का काम करती है।

By Jagran NewsEdited By: Vaishali ChandraUpdated: Mon, 10 Oct 2022 07:47 AM (IST)
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Bollywood Films That Raised The Issue of Mental Health, Instagram
नई दिल्ली, जेएनएन। Bollywood Films That Raised The Issue of Mental Health: एक्शन, ड्रामा और थ्रीलर जैसी कॉमर्शियल फिल्मों के बीच बॉलीवुड में कई बार ऐसी भी फिल्में बनी है, जो लीग से हटकर होती हैं। इन फिल्मों की अहमियत बॉक्स ऑफिस कलेक्शन से कही ज्यादा होती हैं, क्योंकि यह समाज के उन मुद्दों पर बात करती हैं, जिनसे ज्यादातर लोग बचने की कोशिश करते हैं। ऐसा ही एक गंभीर विषय है मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याएं, जो आधुनिक जीवन में तेजी से बढ़ता जा रहा है।

शाह रुख खान,आमिर खान से लेकर रणबीर कपूर तक कई बड़े एक्टर्स मेंटल हेल्थ पर आधारित फिल्म का हिस्सा रह चुके हैं। इन्होंने अपनी अदाकारी से कई दिल छू लेने वाली कहानियां दर्शकों के सामने रखी हैं, जिन्होंने मेंटर हेल्थ जैसे गंभीर मुद्दे पर सोचने पर मजबूर किया है। मेंटर हेल्थ डे के मौके पर कुछ ऐसी ही फिल्मों के बारे में बात करेंगे,

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डियर जिंदगी

आलिया भट्ट स्टारर डियर जिंदगी नए दौर के पीढ़ी की कहनी को दिखाती है और मेंटल हेल्थ के मुद्दे पर पॉजिटिव तरीके से बात करती है। फिल्म में आलिया गुस्सा, डिप्रेशन और एंजाइटी जैसी गंभीर समस्याओं से जूझती हैं। काम का प्रेशर, रिश्तों की उलझन और आगे बढ़ने का प्रेशर फिल्म इन सभी मुद्दों पर खुलकर बात करती है कि कैसे ये एक यंगस्टर को अंधेरे में ढकेल देती है। डियर जिंदगी में शाह रुख खान एक साइकोलॉजिस्ट के किरदार में हैं, जो आलिया का ट्रीटमेंट करते हैं।

तारे जमीन पर

आमिर खान स्टारर तारे जमीन पर एक ऐसी फिल्म है जिसका मुकाबला कोई फिल्म नहीं कर सकती। फिल्म में आमिर के होते हुए भी वह हीरो नहीं थे क्योंकि तारे जमीन पर की कहानी एक ऐसे बच्चे के इर्द-गिर्द घूमती है, जो मेंटली डिस्एबल होता है और उसे डिस्लेक्सिया नाम की बीमारी होती है। इस बिमारी में बच्चे को पढ़ने लिखने में परेशानी होती है, उसे शब्दों और नंबरों के साथ जद्दोजहद करनी पड़ती है, लेकिन उसकी परेशानी को नजरअंदाज कर समाज उस पर सिर्फ बेहतर बनने का दबाव डालता है। इस चक्कर में कभी डांट, कभी मार तो कई बार बच्चे को बेइजत्ती तक झेलनी पड़ती है। एक 8-10 साल का बच्चा इस प्रेशर के बीच किन-किन हालातों से गुजरता फिल्म इस मुद्दे पर बात करती है।

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बर्फी

बर्फी में प्रियंका चोपड़ा और रणबीर कपूर ने मुख्य भूमिका निभाई है। फिल्म में प्रियंका ऑटिज्म की शिकार होती है। बर्फी में ऐसे मानसिक रोगियों की हालत और उनके रोजमर्रा के जीवन में आने वाली परेशानियों को दिखाया गया है। फिल्म में प्रियंका के काम को खूब सराहा गया था। यहां तक कि क्रिटिक्स भी बर्फी से इंप्रेस से हुए थे।

माई नेम इज खान

शाह रुख खान और कजोल स्टारर इस फिल्म को करण जौहर ने डायरेक्ट किया था। फिल्म में शाह रुख खान Asperger syndrome नाम की बीमारी से जूझते हुए नजर आते हैं, जिसकी वजह से उन्हें दूसरों से मिलने-जुलने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। फिल्म में शाह रुख के कई इमोशनल कर देने वाले सीन थे, जिनमें वह एक मानसिक रोगी की पीड़ा को बाखूबी दर्शाते हैं।

थ्री इडियट्स

कैंपस ड्रामा पर आधारित इस फिल्म में कोई मानसिक रोगी तो नहीं दिखाया गया था, लेकिन फिल्म मेटल हेल्थ के मुद्दे पर गंभीर और प्रभावी ढंग से बात करती है। थ्री इडियट्स इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स के इर्द-गिर्द घूमती है। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे पढ़ाई और करियर का हद से ज्यादा प्रेशर एक नौजवान बच्चे की जान ले सकता है। थ्री इडियट्स अपनी खूबसूरत कहानी के साथ इन मुद्दों पर हर किसी को सोचने के लिए मजबूर करती है।