Mirzapur की 'बीना त्रिपाठी' का झूठ बोलने के बाद होता था ऐसा हाल, एक्ट्रेस ने कहा- ये एक कला है
मिर्जापुर (Mirzapur) वेब सीरीज का हर एक किरदार दर्शकों को काफी पसंद आया था। चतुर-चालाक किरदार निभाने वाली एक्ट्रेस रसिका दुग्गल की भूमिका को भी काफी प्यार मिला। उन्होंने वेब सीरीज में बीना त्रिपाठी बनी थीं। सीरीज में तो उन्होंने काफी झूठ बोला लेकिन रियल लाइफ में वह कितना झूठ बोलती हैं ये भी उन्होंने खास बातचीत करते हुए बताया।
दीपेश पांडे, मुंबई डेस्क। मिर्जापुर के सीजन वन और टू में बीना त्रिपाठी बनकर बवाल मचाने वाली एक्ट्रेस रसिका दुग्गल को सीरीज में उनके किरदार के लिए खूब वाहवाही मिली। वेब सीरीज में उन्होंने पंकज त्रिपाठी उर्फ कालीन भैया की दूसरी पत्नी और मुन्ना भैया की सौतेली मां का किरदार निभाया था।
बीना त्रिपाठी का किरदार सीरीज में हिंसक तो नहीं था, लेकिन चालाक था। मुंह पे खड़े-खड़े झूठ बोलना है मिर्जापुर की बीना को ये बखूबी पता था।
हाल ही में रसिका दुग्गल ने खास बातचीत में बताया कि क्या कभी उन्होंने झूठ बोला है या नहीं, इसके साथ ही एक्ट्रेस ने आने वाले समय में वह किस तरह के किरदार अदा करना चाहती हैं, इस पर भी बात की।
हर कोई कभी न कभी झूठ बोलता है-रसिका दुग्गल
अपने जीवन में कहीं न कहीं सभी लोग कुछ न कुछ झूठ बोल जाते हैं। कोई झूठ इतना सफाई से बोलता है, समझ में ही नहीं आता और किसी का झूठ झट से पकड़ा जाता है। वेब सीरीज मिर्जापुर और फिल्म लूटकेस की अभिनेत्री रसिका दुग्गल झूठ बोलने को भी कला मानती हैं। वह कहती हैं,
झूठ बोलना कलाकारी का काम है। कुछ लोग बहुत आसानी से कर जाते हैं। मुझसे तो यह बिल्कुल भी नहीं होता है। हां, बचपन में तो हम मम्मी-पापा से चीजें छुपाने के लिए झूठ बोलते थे। जैसे अगर कभी दूध नहीं पीना हुआ तो सिंक में डाल देती थी और फिर मम्मी से कहती कि पी लिया। कई बार पकड़ी भी गई हूं। मुझे झूठ बोलते हुए हंसी आ जाती है या शक्ल से पता चल जाता है कि यह झूठ बोल रही है।
मिर्जापुर के बाद अब कॉमेडी करना चाहती हैं रसिका
अभिनय करते हुए कलाकार को अपने व्यक्तित्व से अलग दूसरे चरित्र को पर्दे पर निभाना पड़ता है। हालांकि रसिका इसे झूठ का चित्रण नहीं मानती हैं। वह कहती हैं, ‘एक्टिंग के माध्यम से आप किसी और का सच बता रहे होते हैं। पिछले कुछ दिनों में विविधतापूर्ण पात्र निभाए हैं, पर नए पात्रों की तलाश जारी रहने वाली है।यह भी पढ़ें: Mirzapur 3 Review: ढीले पड़े 'कालीन भैया' के तेवर, 'गुड्डू पंडित' के भौकाल को लगा 'शरद शुक्ला' का ग्रहण
जीवन के हर पड़ाव पर कुछ मिलता है और कुछ चीजों के लिए मन में कसक रहती है कि अगर वो भी मिल जाए तो कितना अच्छा होता। मेरा बहुत मन है कि किसी कॉमेडी प्रोजेक्ट में केंद्रीय भूमिका निभाऊं।’यह भी पढ़ें: ऊटी के उसी स्कूल में क्यों हुई हॉरर सीरीज 'अधूरा' की शूटिंग, निर्देशकों ने बतायी इसके पीछे की खास वजह