Mithun Chakraborty: 'तेरे नाम का कुत्ता पालूं', जब अपने संवादों से मिथुन ने छुड़ाए थे दुश्मनों के छक्के
Mithun Chakraborty पुराने जमाने के धुरंधर अभिनेताओं की लिस्ट में मिथुन चक्रवर्ती का नाम भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने दर्शकों को एक से बढ़कर एक फिल्में दी हैं और वो डायलॉग कहे हैं जिन्हें आज भी याद किया जाता है।
नई दिल्ली, जेएनएन। Mithun Chakraborty Dialogues: फिल्म इंडस्ट्री में मिथुन दा के नाम से चर्चित मिथुन चक्रवर्ती (Mithun Chakraborty) आज किसी परिचय के मोहताज नहीं रह गए हैं। उन्होंने 80-90 के दशक में एक से बढ़कर एक फिल्में कीं, जिसने लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है।
मिथुन चक्रवर्ती का योगदान सिनेमा में बहुत बड़ा है। इस डिस्को डांसर को लोग सिर्फ एक्टिंग के लिए ही नहीं जानते, बल्कि मिथुन दा के कहे कुछ ऐसे संवाद भी हैं, जिन्हें सुनना आज भी लोग पसंद करते हैं।
मिथुन चक्रवर्ती ने अपने अभिनय की शुरुआत आर्ट हाउस ड्रामा 'मृगया' से की थी। इसके लिए उन्होंने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए अपना पहला पुरस्कार जीता था। फिर 1982 में चक्रवर्ती ने डिस्को डांसर में जिमी की भूमिका निभाई, जिसमे उनकी अदाकारी, डांस और सब कुछ बहुत फेमस हुआ। कहा जाता है कि ये फ़िल्म इंडिया में 100 करोड़ कमाने वाली पहली मूवी थी।
सदाबहार हैं मिथुन चक्रवर्ती के कहे ये डायलॉग्स
मिथुन चक्रवर्ती ने अग्निपथ, गोलमाल, युगंधर और प्रतिज्ञा जैसी कई फिल्मों में काम किया। उनके कहे कुछ डायलॉग्स जो आज भी फेमस हैं, वह कुछ इस तरह हैं।
किक
इज्जत, लिज्जत, शोहरत और मौत ऊपर वाले के हाथ में है।
गुंडा
इतिहास बदलने वालों का नाम कभी इतिहास में नहीं होता।
मैं उन लोगों की गुंडागर्दी को मौत की वो वर्दी पहनाऊंगा, जिसे कफन कहते हैं कफन।
गुलामी
कोई शक
इलाका
तेरे नाम का कुत्ता पालूं
यमराज
सर जिसके आगे ना झुके, वो दरवाजा किसी और का होगा, हमारा नहीं।
बॉस
तुम जैसे जहर को मारने के लिए, जहर ही काम आएगा।
पानी कितना भी गंदा हो जाए, आग बुझाने के लिए काफी होता है।
गोलमाल 3
जिनके घर शीशे के होते हैं ना, वो बेसमेंट में कपड़े बदलते हैं।
लक
दुश्मन का बॉर्डर हो या दी हुई जुबान, हिंदुस्तानी सिपाही पीछे नहीं हटता।
इंसान का इरादा और उसकी तकदीर, बोलते नहीं बदलते।
वीर
कमान से निकला तीर, और जुबान से निकली बात कभी वापस नहीं जाते।
लोहा
कानून और देवता जब देता है ना, तो छप्पर फाड़ कर देता है, और जब लेता है, तो थप्पड़ मार कर लेता है।
लकी: नो टाइम फॉर लव
देखने में बेवड़ा, भागने में घोड़ा और मारने में हथौड़ा
एंटरटेनमेंट
तेरे में वो कमी है, जो एक अमीर आदमी भी नहीं खरीद सकता। क्या?..गरीबी।
चीता
इंसान को जिंदगी में सब कुछ मिल तो नहीं जाता, तमन्नाएं तो बहुत होती हैं, लेकिन पूरी नहीं होती। फर्क सिर्फ इतना है कि कुछ लोग आंसू बहा कर जीते हैं l, और कुछ लोग दर्द छुपाकर जीते हैं।