Mohammed Rafi: शम्मी कपूर की शर्त पर एक सांस में मोहम्मद रफी ने गाया था गाना, पुण्यतिथि पर हिट गीतों के किस्से
Mohammed Rafi Death Anniversary भारतीय सिनेमा में संगीत की बात चलती है तो मोहम्मद रफी के बिना कोई भी चैप्टर पूरा नहीं होता। अपने सुरों से कई पीढ़ियों को थिरकाने वाले रफी ने अपने पीछे संगीत की ऐसी विरासत छोड़ी है जो आज भी उतनी ही पसंद की जाती है। उनकी गीतों के साथ उनसे जुड़े किस्से भी खूब दिलचस्प हैं।
By Jagran NewsEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Mon, 31 Jul 2023 08:49 AM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। Mohammed Death Anniversary: हिंदी सिनेमा को समृद्ध बनाने में जिन संगीतकारों का योगदार रहा है, उनमें मोहम्मद रफी का नाम काफी ऊपर आता है। अपने सुरों से रफी साहब ने कई गायकों की कई पीढ़ियों को प्रभावित किया। उनके गीतों ने ना जाने कितनी प्रतिभाओं को जन्म दिया और प्रेरित किया।
हिंदी फिल्मों की पहचान गीत-संगीत से है और गीतों की जान ‘मोहम्मद रफी’। मोहब्बत के नगमे हों या बिछड़ने का दर्द, रफी साहब की आवाज ने हर इमोशन को सुरों में पिरोया। दशकों बाद भी उनके गाए गीत रूह को सुकून देते हैं।
अपने जमाने के शीर्ष गायक रहे मोहम्मद रफी ने आला संगीतकारों के साथ यादगार गाने दिए। साथ ही यह भी बताते हैं कि मोहम्मद रफी कितने सादगी से भरे थे।
उन्होंने 31 जुलाई 1980 को आखिरी सांस ली थी। उनके अंतिम संस्कार में 10 हजार से अधिक लोग शामिल हुए थे। आज भले ही मोहम्मद रफी हमारे बीच न हों, लेकिन अपने गानों के जरिए वो हमेशा लोगों के बीच अमर रहेंगे। रफी साहब के सदाबहार गीतों के साथ उनके दिलचस्प किस्से।
‘लिखे जो खत तुझे’- कन्यादान
‘शंकर-जयकिशन’ का संगीत और मोहम्मद रफी की आवाज में यह गाना आज भी उतना ही नया और चर्चित है, जितना यह 1968 में था।आशा पारेख और शशि कपूर पर शूट किया गया यह गाना मोहम्मद रफी की बेहतरीन पेशकश में से एक है।आगे चलकर इस गाने को कई अलग-अलग तरह से रीमिक्स भी किया गया, लेकिन जो बात ओरिजिनल में थी, वो रीमिक्स में कहां। इसलिए मोहम्मद रफी का यह गाना पीढ़ी दर पीढ़ी फेमस होता चला गया।
‘तुम बिन जाऊं कहां’ - प्यार का मौसम
एक बार मोहम्मद रफी और किशोर कुमार बिना एक-दूसरे के जाने ही एक-दूसरे को चैलेंज कर चुके थे। हुआ यूं था कि 1969 की फिल्म ‘प्यार का मौसम’ का एक बेहतरीन गाना जो आज भी काफी चर्चित है ‘तुम बिन जाऊं कहां’ को दो आला-अलग कलाकारों पर फिल्माया गया था, जहां शशि कपूर की आवाज बने मोहम्मद रफी, वहीं भारत भूषण को किशोर कुमार ने आवाज दी।हालांकि, मोहम्मद रफी द्वारा गाया गया वर्जन किशोर कुमार के ‘तुम बिन जाऊं कहां’ से ज्यादा लोकप्रिय हुआ।‘बाबुल की दुआएं लेती जा’ - नील कमल
विदाई का यह गीत आज भी शादियों में या शादी के वीडियो में एक बार जरूर सुनने को मिल जाता है।मोहम्मद रफी ने कई भावुक करने वाले गाने गाए थे, लेकिन यह एक ऐसा गाना था, जिसे गाते वक्त वो खुद भावुक हो गए थे।- दरअसल, इस गीत को गाने के एक दिन पहले उनकी बेटी की सगाई हो चुकी थी और दो दिन बाद उनकी बेटी डोली चढ़ने वाली थी। इसी बात को सोचकर मोहम्मद रफी भावुक होकर इस गाने को गाते-गाते रो पड़े थे।
आज मौसम बड़ा बेईमान है - लोफर
धर्मेंद्र और मुमताज पर फिल्माया गया ‘लोफर’ फिल्म का गाना ‘आज मौसम बड़ा बेईमान है’ आज भी काफी लोकप्रिय है।लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल का संगीत और रफी की आवाज इस गाने को खास बनाती है।- मोहम्मद रफी ने सबसे ज्यादा 300 गाने लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल के लिए गाए थे। यहां तक कि रफी ने एक बार अपनी पूरी फीस (1000 रुपए) उन्हें दे दी थी।
ऐ मोहब्बत जिंदाबाद - मुगल ए आजम
‘मुगल ए आजम’ फिल्म को भला कौन भूल सकता है। सलीम और अनारकली की प्रेम कहानी की लोकप्रियता को देखते हुए ही आगे चलकर इस फिल्म को कलर रूप दिया गया। जितना लोकप्रिय यह फिल्म थी, उतने ही पॉपुलर इसके गाने थे। वहीं, मोहम्मद रफी का गाया हुआ गाना ‘ऐ मोहब्बत जिंदाबाद’ आज भी प्यार की ताकत को समझाता है। उस वक्त इस गाने में 100 कोरस गायकों ने हिस्सा लिया था।आजकल तेरे मेरे प्यार के चर्चे - ब्रह्मचारी
मोहम्मद रफी ने कई नामचीन अभिनेताओं को फिल्मों में आवाज दी है, जिनमें शम्मी कपूर, शशि कपूर, देव आनंद, धर्मेंद्र, अमिताभ बच्चन, राजेश खन्ना का नाम शामिल है।इनमें सबसे ज्यादा गाने उन्होंने वेटरन एक्टर शम्मी कपूर के लिए गाए थे। मोहम्मद रफी और शम्मी कपूर के नाम कई हिट ‘बदन पे सितारे’, ‘तुमसे अच्छा कौन है’, ‘चाहे कोई मुझे जंगली कहे’ हैं। शम्मी कपूर अपने आप को मोहम्मद रफी के बिना अधूरा मानते थे।मेरा मन तेरा प्यासा - गैंबलर
‘गैंबलर’ फिल्म का यह गाना देव आनंद पर फिल्माया गया एक खूबसूरत गीत था।- मोहम्मद रफी की आवाज इस गाने को इतना बेहतरीन बनाती है कि यह 2004 की हॉलीवुड फिल्म ‘एटरनल सनशाइन ऑफ द स्पॉट्लेस माइंड’ (eternal sunshine of the spotless mind) फिल्म में भी डाला गया था।
सुकु-सुकु - जंगली
मोहम्मद रफी और शम्मी कपूर की जोड़ी ने कई हिट गाने दिए हैं। इन्हीं में एक गाना था ‘जंगली’ फिल्म का ‘सुकु-सुकु’। ये गाना आज भी उतना ही खुशमिजाज लगता है, जितना उस दौर में लगता था।आज भी लोग इस गाने को घूमते-फिरते मस्ती में गुनगुना ही देते हैं।- वेस्ट इंडीज में यह गाना इतना चर्चित हुआ कि वहां मोहम्मद रफी ‘सुकु-सुकु मैन’ के नाम से लोकप्रिय हुए।
दिल के झरोखे में - ब्रह्मचारी
मोहम्मद रफी और शम्मी कपूर की दोस्ती काफी गहरी थी। वहीं, शम्मी कपूर अपने फिल्मों और गानों को लेकर काफी सोच-विचार करते थे। गाना कैसे फिल्माया जाएगा, कौन गाएगा और बहुत कुछ।ऐसे में मोहम्मद रफी का एक लोकप्रिय गाना ‘दिल के झरोखे में’, जिसे शम्मी कपूर पर फिल्माया गया था, उसके लिए शम्मी जी ने रफी के सामने एक शर्त रखी थी। उन्होंने रफी को कहा था कि रफी अगर एक सांस में वो इस गाने का मुखड़ा और अंतरा गा लेंगे तो उनके तारीफों के पुल बंध जाएंगे।- ये गाना काफी मुश्किल था, लेकिन जब रफी ने इसकी रिकॉर्डिंग की तो हर कोई हैरान रह गया। रफी ने इस गाने को एक टेक में रिकॉर्ड किया। बस फिर क्या आज भी ये गाना एक क्लासिक है।
जान पहचान हो - गुमनाम
मोहम्मद रफी का हॉलीवुड कनेक्शन एक बार और आपको देखने को मिल सकता है। गुमनाम फिल्म का गाना ‘जान-पहचान हो’ उस जमाने का एक रॉकिंग गाना था।- इस गाने को डैनियल क्लोव्स द्वारा लिखे गए फिल्म ‘घोस्ट वर्ल्ड’ के ओपनिंग क्रेडिट सीन में उपयोग किया गया था।