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बहन की शादी में गाना गाते हुए Mukesh को मिला था पहला ब्रेक, रिश्तेदार ने की थी मदद

हिंदी सिनेमा में अपनी गायिकी के लिए मशहूर मुकेश भले ही आज इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनके गानों से आप चलते-फिरते कहीं ना कहीं टकरा ही जाएंगे। उनके गाने कानों में रस घोलने जैसे हैं। सिंगर को इंडस्ट्री में पहला ब्रेक कैसे मिला ये सबसे चर्चित किस्सा है। आज आपको बताएंगे कि कैसे बहन की शादी ने खोला मुकेश की किस्मत का ताला।

By Surabhi Shukla Edited By: Surabhi Shukla Updated: Sat, 31 Aug 2024 06:25 PM (IST)
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गीतकार मुकेश और उनके बारे में अनसुने किस्से

एंटरटेनमेंट डेस्क,नई दिल्ली। मुकेश की आवाज में वो जादू था कि उन्होंने जिस भी गाने को सुना उसे अमर बना दिया। सिंगर अपने 10 भाई-बहनों में छठे नंबर पर थे। अपनी बड़ी बहन को देखकर उन्हें गायकी का शौक हुआ। उनका पूरा नाम मुकेश चंद माथुर है लेकिन प्यार से लोग उन्हें सिर्फ मुकेश बुलाते हैं। आज आपको मुकेश की जिंदगी का एक ऐसा दिलचस्प किस्सा बताएंगे जिसने उन्हें पहला ब्रेक दिलाया।

बहन की शादी में मिला मौका

मुकेश कुमार के बॉलीवुड जाने का रास्ता उनकी बहन की शादी से खुला था। ये एक बहुत ही दिलचस्प किस्सा है। दिल्ली में बहन की शादी थी और फेरों के समय में थोड़ी देर हो रही थी। इस वजह से सबका मन बहलाने के लिए मुकेश को गाना गाने के लिए कहा गया। इस शादी में उनके दूर के रिश्तेदार मोतीलाल भी आए थे। मोतीलाल के अभिनय का लोग इंडस्ट्री में लोहा मानते थे। वह बड़े ही जबरदस्त अभिनेता थे।

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मोतीलाल ने मुंबई बुला लिया

मुकेश का गाना सबको बहुत पसंद आया और साल 1939 में मोतीलाल ने मुकेश को मुंबई बुला लिया। उन्होंने उन्हें अपने घर में रहने की जगह दी। इसके अलावा उन्होंने मुकेश के लिए संगीत रियाज का भी इंतजाम किया। मुंबई पहुंचकर पंडित जगन्नाथ प्रसाद से उन्होंने और भी शिक्षा ली। मोतीलाल ने ही उन्हें पहला ब्रेक दिया था। अनिल विश्वास का संगीत था, फिल्म का नाम पहली नजर था और गाना था दिल है तो जलने दे। इसी में मुकेश ने अपना दमखम दिखाया।

इसके बाद मुकेश ने कई बेहतरीन और हिट गाने गाए। मुकेश कुमार उन दिनों राज कपूर की फिल्म 'सत्यम शिवम सुंदरम' का एक गाना रिकॉर्ड कर रहे थे। रिकॉर्डिंग पूरी करने के बाद वो अमेरिका में एक कंसर्ट में परफॉर्म करने चले गए जहां 27 अगस्त 1976 को दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया।

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