Movies on Rescue Operation: 65 मजदूरों की जान बचाएंगे अक्षय कुमार, रेस्क्यू मिशन पर है इन फिल्मों की भी कहानी
Movies on Rescue Operation फिल्म इंडस्ट्री में तमाम तरह की मूवीज बनती हैं। पहले के जमाने में हुए अलग-अलग हादसों को लेते हुए कई फिल्में बन चुकी हैं। कुछ दिनों में अक्षय कुमार की मिशन रानीगंज रिलीज हो रही है जो कि रेस्क्यू ऑपरेशन पर आधारित है। इससे पहले भी कई फिल्में रेस्क्यू ऑपरेशन पर बन चुकी हैं और कुछ अन्य रिलीज होने को बाकी हैं।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। सिनेमाई दुनिया में उन फिल्मों को देखना का मजा ही अलग होता है, जहां आर्ट के जरिये इतिहास के रियल लाइफ इंसीडेंट को नई कलाकारी के साथ दिखाया जाए। रॉ मगर ऑरिजनल ड्राफ्ट के साथ इन फिल्मों को बड़े पर्दे पर बखूबी दिखाना आसान बात नहीं होती।
कुछ ही दिनों में अक्षय कुमार की 'मिशन रानीगंज' रिलीज हो रही है। मजदूरों के रेस्क्यू ऑपरेशन पर बनी इस फिल्म में 1989 में हुए हादसे को दिखाया जाए। यह हादसा कुछ की यादें ताजा कर सकता है, तो कुछ को पहली बार पता चलेगा कि उस दिन मुसीबत में फंसे लोगों को एक व्यक्ति ने कैसे रेस्क्यू किया था।
रेस्क्यू ऑपरेशन पर बनी फिल्में
'मिशन रानीगंज' बॉलीवुड की एकलौती वह मूवी नहीं है, जिसमें दिखाया गया हो कि लाखों लोगों की जान किसी एक ने बचाई थी। इसके पहले रेस्क्यू ऑपरेशन पर कई फिल्में बन चुकी हैं। 6 अक्टूबर को 'मिशन रानीगंज' रिलीज हो रही है। इस मौके पर एक नजर डालेंगे उन फिल्मों पर, जिसकी कहानी रियल लाइफ रेस्क्यू ऑपरेशन पर आधारित है।एयरलिफ्ट
राजा कृष्ण मेनन के निर्देशन में बनी फिल्म 'एयरलिफ्ट' 1990 में हुए इराक-कुवैत युद्ध में फंसे एक लाख 70 हजार भारतीयों को सुरक्षित निकालने की सच्ची कहानी है। कुवैत में बसे कुछ भारतीयों की मदद और भारत सरकार की पहल पर एयर इंडिया के विमान 59 दिनों में 488 उड़ानों के जरिए सभी भारतीयों को सुरक्षित स्वदेश लेकर लौटे थे। फिल्म में अक्षय कुमार ने इंडियन बिजनस मैन रंजीत कात्याल की भूमिका निभाई थी, जो अपने देशवासियों को बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल देता है।
नीरजा
राम माधवानी के डायरेक्शन में बनी 'नीरजा' फ्लाइट अटेंडेंट नीरजा भनोट की कहानी है, जिसने कई यात्रियों की जान बचाते हुए अपनी जान जोखिम में डाल दी। सोनम कपूर ने फिल्म में लीड रोल किया था। 7 सितंबर, 1963 को चंडीगढ़ में जन्मीं नीरजा भनोट का शादी का अनुभव अच्छा नहीं था। वह ससुराल छोड़कर अपनी मां के पास आ गईं। उन्होंने पैन एम में फ्लाइट अटेंडेंट की नौकरी के लिए अप्लाई किया और सेलेक्ट हो गईं। फिल्म में नीरजा की निजी जिंदगी को दिखाया गया है।यह भी दिखाया गया है कि जब नीरजा यात्रियों संग सवार थीं, तब अबू निदाल ऑर्गनाइजेशन नामक आतंकी संगठन के आतंकियों ने प्लेन हाइजैक कर लिया था। नीरजा को कहा गया कि वह सभी के पासपोर्ट इकट्ठा कर अमेरिकी यात्रियों की पहचान करें। नीरजा ने अपने साथियों संग 41 अमेरिकी नागरिकों के पासपोर्ट छुपा दिए। जब हाइजैकर्स ने विमान में आग लगा दी, तब नीरजा ने इमरजेंसी द्वार से यात्रियों को बाहर निकाला। इसके बाद आतंकियों ने गोली चलाई। नीरजा ने तीन बच्चों सहित बाकी लोगों को बचाने के लिए खुद गोली खा ली।