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Mukesh Death Anniversary: दिल के तार छेड़ देते थे मुकेश के गाने, कहलाए राज कपूर की आवाज, जानें दिलचस्प किस्से

Mukesh Death Anniversary हिंदी सिनेमा में अपनी गायिकी के लिए मशहूर मुकेश भले ही इस दुनिया में न हों लेकिन वह अपने गानों के जरिए अपने चाहने वालों के दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगे। आज यानी 27 अगस्त को मुकेश की डेथ एनिवर्सरी के मौके पर फैंस उन्हें याद कर रहे हैं। आइए आपको मुकेश के बारे में कुछ दिलचस्प किस्से बताएं।

By Rinki TiwariEdited By: Rinki TiwariUpdated: Sun, 27 Aug 2023 12:49 PM (IST)
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Mukesh की डेथ एनिवर्सरी पर जानिए उनके दिलचस्प किस्से। Photo-Instagram

 नई दिल्ली, जेएनएन। Mukesh Death Anniversary: हिंदी सिनेमा के दिग्गज सिंगर मुकेश की आज डेथ एनिवर्सरी है। अपनी आवाज से दुनियाभर में परचम लहराने वाले मुकेश ने 27 अगस्त 1976 को दुनिया को अलविदा कह दिया था। आइए, आपको इस खास मौके पर मुकेश से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्सों के बारे में बताते हैं।

सैकड़ों गानों को मुकेश ने दी अपनी आवाज

'जीना यहां मरना यहां', 'एक प्यार का नगमा है', 'मैं पल दो पल का शायर' जैसे सदाबहार गानों को अपनी आवाज देने वाले मुकेश (Mukesh) एक ऐसे गायक थे, जिन्हें दर्द भरे गानों से इश्क था। वह कहते थे कि वह 10 नॉर्मल गानों को छोड़कर एक दर्द भरा सॉन्ग गाना पसंद करते हैं। उनका मिजाज ही कुछ ऐसा था कि वह अपने समय में सभी सिंगर्स पर भारी पड़ गए थे।

40 के दशक में मुकेश ने अपने करियर की शुरुआत की थी और उन्होंने 1300 से भी ज्यादा गाने गाएं। उन्होंने सबसे ज्यादा गाने राज कपूर (Raj Kapoor) के लिए गाए थे, इसी वजह से उन्हें राज कपूर की आवाज भी कहा जाने लगा। मुकेश की गायिकी की दीवानगी आज भी लोगों में कम नहीं है। 'सुरों के सरताज' मुकेश के गाने जितने बेहतरीन थे, उनकी निजी जिंदगी भी उतनी ही दिलचस्प थी।

मुकेश के अनसुने किस्से

  • 22 जुलाई 1923 को जन्मे मुकेश का पूरा नाम मुकेश चंद माथुर था। वह 10 भाई-बहनों में मुकेश छठे नंबर पर थे। उनके पिता का नाम लाला जोरावर चंद माथुर और मां चांद रानी थीं।
  • मुकेश सिंगर बनने से पहले दिल्ली के लोक निर्माण विभाग में काम करते थे। 10वीं की पढ़ाई के बाद ही मुकेश ने काम करना शुरू कर दिया था। उन्हें गाने का भी काफी शौक था, इसलिए वह काम से फुरसत निकालकर गाने की रिहर्सल भी किया करते थे।
  • मुकेश की किस्मत तब खुली, जब उनकी बहन की शादी में एक्टर मोतीलाल आए और उन्होंने मुकेश को गाते हुए सुना। फिर क्या था। वह मुकेश को मुंबई ले गए।
  • मुकेश सिर्फ गाते ही अच्छा नहीं थे, बल्कि उनके नैन-नक्श भी कमाल के थे। उनकी पर्सनैलिटी हीरो वाली थी। इसके चलते उन्हें साल 1941 में फिल्म 'निर्दोष' में सिंगर के साथ-साथ एक्टर बनने का भी मौका मिला। उनका पहला गाना था- 'दिल जलता है तो जलने दो...'
  • मुकेश का फिल्मी करियर भले ही न चला हो, लेकिन उनकी धुन फैंस के दिलों के तार छेड़ देती थी। उन्होंने सबसे ज्यादा गानें राज कपूर के लिए गाए, जिसकी वजह से उन्हें 50 के दशक में 'राज कपूर की आवाज' ही कहा जाने लगे।
  • मुकेश का सिंगिंग करियर ही नहीं, उनकी लव स्टोरी भी काफी दिलचस्प थी। महज 23 की उम्र में मुकेश ने सरला त्रिवेदी से शादी कर ली थी, वो भी भागकर। दरअसल, सरला के माता-पिता मुकेश संग शादी के खिलाफ थे। इसलिए उन्होंने भागकर मंदिर में सरला के साथ सात फेरे लिये।
  • मुकेश के नाती नील नितिन मुकेश हैं, जो आज बॉलीवुड में एक जाना-माना नाम बन चुके हैं। नील के पिता सिंगर नितिन मुकेश हैं।
  • एक बार मुकेश ने एक बीमार फैन को अपने गाने से ठीक कर दिया था। जी हां, कहा जाता है कि एक फीमेल फैन अस्पताल में भर्ती थी और वह चाहती थी कि मुकेश वहां आकर उनके लिए एक गाना गाए। डॉक्टर से जब ये बात मुकेश के कान में पड़ी तो वह तुरंग हॉस्पिटल पहुंचे और उसके लिए गाना गाया।  

कैसे हुआ था मुकेश का निधन?

मुकेश ने अपने अंतिम समय तक म्यूजिक का साथ नहीं छोड़ा। मुकेश का निधन 27 अगस्त 1976 को अमेरिका में एक स्टेज शो के दौरान हुआ था। उन्हें कॉन्सर्ट के बीच हार्ट अटैक आया था। कहा जाता है कि जब मुकेश को हार्ट अटैक आया, उस वक्त वह स्टेज पर 'इक दिन बिक जाएगा माटी के मोल' गाना गा रहे थे।