जब Mukesh Khanna पर लगा फ्लॉप का ठप्पा, गुमनामी में चले गये थे एक्टर, इस TV शो ने दिखाई रोशनी
Mukesh Khanna हिंदी सिनेमा के बेहतरीन कलाकारों में से एक हैं। जब वह इंडस्ट्री में आये थे तब उनकी तुलना अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) से की जाती थी। हालांकि उन्होंने अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर इंडस्ट्री में एक अलग छाप छोड़ी। मगर यह जर्नी उनके लिए आसान कभी नहीं रही। वह एक बार गुमनामी में भी चले गये थे।
अमिताभ बच्चन से मुकेश खन्ना की तुलना
एक बार मुकेश खन्ना ने अमिताभ बच्चन से तुलना किये जाने पर चुप्पी तोड़ी थी। उन्होंने बताया था कि उन्होंने आज तक कभी भी अमिताभ को कॉपी नहीं किया। जब लोग उन्हें यह कहने लगे तो एक पल के लिए उन्हें लगा कि उन्हें अपना चाल-ढाल बदलना चाहिए, मगर इंडस्ट्री में पैर जमाने के बाद लेकिन शुरुआती सफर कठिन हो गया और अभिनेता गुमनाम हो गये। उन्हें करियर के शुरुआती दौर में 15 फिल्में मिली थीं, लेकिन लगातार 4-5 फिल्में फ्लॉप होने के बाद उन पर फ्लॉप का ठप्पा लग गया।फ्लॉप का लगा था ठप्पा
गुमनामी में चले गये थे मुकेश खन्ना
लगातार फ्लॉप हो रही फिल्मों से मुकेश खन्ना इतने तंग आ गये थे कि उन्होंने इंडस्ट्री से कुछ समय के लिए तौबा कर लिया था। उन्होंने 2 साल (1984-1986) तक फिल्मी दुनिया से दूर हो गये। उन्होंने इस बारे में कहा था-1984 से पहले मेरी कुछ 5-6 फिल्में रिलीज हुई थीं। उस जमाने में मेरे पास 15 फिल्में थीं। उसमें से 4-5 रिलीज नहीं हो पाईं, जो बन नहीं पाईं... तो जो पहले की फिल्में फ्लॉप हुईं तो मुझ पर फ्लॉप का लेबल लग गया। लोगों ने कहा कि सर आपकी वजह से फ्लॉप होती हैं। मेरे पास जो प्रोड्यूसर चलकर आये थे, वो मुझसे कुछ फायदा उठाना चाहते थे।
फ्लॉप के बाद प्रोड्यूसर्स फेरने लगे थे मुंह
मुकेश खन्ना ने बताया था कि किस तरह फ्लॉप फिल्मों के बाद उन्हें बाद में फिल्में मिलना बंद हो गई थीं। उन्होंने कहा था-मुकेश खन्ना ने दो साल इंडस्ट्री से ब्रेक लेने के बाद घर पर समय बिताया और खुद को और तराशा। उन्होंने अपने बिजनेस पर भी ध्यान दिया। फिर एक रोज उन्हें बीआर चोपड़ा की महाभारत का ऑफर मिला और अभिनेता ने बिना देर किये इस पर मुहर लगा दी। फिर क्या था, अभिनेता की किस्मत रातोंरात चमक गई।यह भी पढ़ें- भीष्म पितामह नहीं, Mahabharat का 'अर्जुन' बनना चाहते थे मुकेश खन्ना, इस एक्टर की वजह से पलट गया पूरा खेलमेरी पहली फिल्म नरेंद्र बेदी के साथ आई थी। उन्होंने मुझे इंट्रोड्यूस किया था। उस वक्त मेरे काम की तारीफ हुई थी तो उस वक्त मैंने 10-15 फिल्में बतौर लीड साइन की थीं लेकिन जब फिल्में फ्लॉप होना शुरू हुईं तो आप जानते हैं कि इंडस्ट्री में अगर काम अच्छा न हो लेकिन अगर आपकी फिल्म चल जाये तो 10-15 फिल्में मिल जाती हैं। अगर उल्टा हो, आपका काम अच्छा हो, फिल्म नहीं चली तो लोग आपको नहीं उठाते हैं।