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Salman Khan की फिल्म के सेट पर पहुंच गया था चीता, संगीतकार ने सुनाया 'मुझसे शादी करोगी' से जुड़ा डरावना किस्सा

20th Years Mujhse Shaadi Karogi बॉलीवुड निर्देशक डेविड डवन के निर्देशन में बनी मुझसे शादी करोगी एक बेहतरीन रॉम-कॉम मूवी मानी जाती है। सलमान खान (Salman Khan) प्रियंका चोपड़ा और अक्षय कुमार जैसे कलाकारों से सजी ये फिल्म जल्द ही रिलीज के 20 साल पूरे करेगी। इस फिल्म को लेकर संगीतकार साजिद खान (Sajid Khan) ने पुरानी यादों को ताजा करते हुए खुलकर बात की है।

By Ashish Rajendra Edited By: Ashish Rajendra Updated: Sun, 28 Jul 2024 12:30 AM (IST)
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बॉलीवुड फिल्म मुझसे शादी करोगी (Photo Credit-Jagran)

प्रियंका सिंह, मुंबई डेस्क, फिल्म की सफलता में गीत अहम भूमिका निभाते हैं। ‘मुझसे शादी करोगी’ ऐसी ही सफल फिल्म रही, जिसके सभी गीत सुपरहिट रहे। इसके पीछे न सिर्फ संगीतकारों-गायकों की मेहनत थी, बल्कि गायक-कलाकार के बीच बेहतर माहौल का भी योगदान था। ऐसा ही दोस्ताना माहौल बना था 30 जुलाई को 20 साल पूरे कर रही इस फिल्म के सेट पर। फिल्म व इसके गीतों से जुड़ी कुछ यादों को संगीतकार साजिद खान दैनिक जागरण से बातचीत करते हुए ताजा कर रहे हैं।

सदाबहार फिल्म मुझसे शादी करोगी

कुछ सदाबहार फिल्में होती हैं, जो पर्दे पर तो धमाल मचाती हैं, लेकिन उनकी पर्दे के पीछे की कहानी भी बेहद मजेदार होती है। खासकर जब अभिनेता सलमान खान और जोड़ी संगीतकार साजिद-वाजिद (साजिद खान और वाजिद खान) एक साथ किसी फिल्म से जुड़े हों। 30 जुलाई को फिल्म ‘मुझसे शादी करोगी’ के 20 साल पूरे हो रहे हैं। फिल्म के साथ इसका संगीत भी हिट हुआ था।

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इस फिल्म को याद करते हुए साजिद कहते हैं, ‘उसकी यादें तो अभी भी जेहन में ताजा हैं। लगता है

जैसे कल ही ही बात हो। उस दृश्य में हम इस जगह खड़े थे, टाइटल गाने पर लिप सिंक नहीं हो पा रहा था, वहां हंसी- मजाक चल रहा था। फिल्म ‘दुल्हन हम ले जाएंगे’ से हिमेश रेशमिया का गाना ‘मुझसे शादी करोगी...’ बेहद हिट हुआ था, उसकी धुन अलग थी। हमें उसी मुखड़े पर नया संगीत बनाना था।

उसके लिए बहुत मेहनत की थी। ‘आजा सोनिए...’ गाने का सेट मुंबई के फिल्मसिटी में हेलीपैड पर लगा था। वहां सलमान भाई और बाकी कलाकारों के भी कमरे बने हुए थे। हम सब वहीं सोते और रहते थे। एक बार रात में हम बाहर निकले तो वहां हमें चीता दिख गया था। उसके बाद तो अगर रात में किसी को बाहर जाना होता था, तो सबकी हालत खराब हो जाती थी। हम दोनों भाई अक्सर सलमान भाई की फिल्मों के सेट पर रहते थे। अगर निर्माता हमारा खर्चा नहीं उठाते थे, तो हम खुद एयर टिकट और होटल बुक करके पहुंच जाते थे।’

कैसे तैयार हुआ जीने के हैं चार दिन

इस फिल्म का गीत ‘जीने के हैं चार दिन’ संगीतकार और गायक अनु मलिक ने तैयार किया था, जबकि फिल्म के बाकी गीत साजिद-वाजिद के थे। जब फिल्म के सभी गीत आप दोनों कर रहे थे, फिर आपने एतराज नहीं जताया कि एक गाना अनु मलिक क्यों कर रहे हैं? इस पर साजिद कहते हैं, ‘वाजिद अब रहा नहीं, लेकिन हम दोनों भाइयों ने कभी ऐसा नहीं किया। न हम दबाव लेते थे, न किसी पर ऐसा करने के लिए दबाव बनाते थे।

अब इसके सबसे प्रसिद्ध गीत ‘लाल दुपट्टा’ को ही ले लीजिए, इसके गीतकार अरुण भैरव, साजिद नाडियाडवाला (निर्माता) के दोस्त थे। उनकी संगीत की समझ कमाल की थी। यह गाना उन्होंने राजस्थानी अंदाज में सुनाया था। हमने सोचा उनके साथ ‘लाल दुपट्टा’ करते हैं।

यह गाना फिल्म पूरी होने के बाद डाला गया है। साजिद (नाडियाडवाला) भाई खुश थे कि उनके दोस्त ने गाना लिखा। हमको अगर किसी ने बोला कि इसको मौका दो तो हमने कभी किसी को ना नहीं कहा। हम दोनों भाई यही मानते थे कि हमारी किस्मत का कोई ले नहीं सकता था और किसी के नसीब का हमारे पास नहीं आएगा।’

फिल्म के बारे में साजिद की राय

फिल्म के बारे में साजिद आगे कहते हैं, ‘इस फिल्म में सलमान भाई बेहद हैंडसम लगे हैं। उन्होंने फिल्म में कई चश्मे और टोपियां पहनी हैं, उनमें से कई तो मैंने उन्हें तोहफे में दी थीं। जब कभी मैं शापिंग करने जाता था, तो कुछ चीजों को देखकर लगता था कि ये सलमान भाई पर अच्छी लगेंगी, तो मैं खरीद लेता था। सलमान भाई तोहफे देने के लिए मशहूर हैं, मगर कभी किसी का गिफ्ट लेते नहीं हैं, लेकिन मेरी दी हुई चीजें वह रख लेते हैं।

वह शूटिंग में व्यस्त रहते थे, मेरे पास वक्त होता था, तो मैं उनके लिए शापिंग कर लेता था। फिर अपने रूम में सारी चीजें किसी स्टोर की तरह सजाकर उन्हें बुलाता था कि आइए साहब, आपको मेरे स्टोर से क्या चाहिए। वो खूब हंसते और उन्हें जो पसंद आता था, फिल्म के लिए वह पहन लेते थे। ‘जीने के हैं चार दिन... ’ गाने में भी उन्होंने जो डेनिम की कैप पहनी है, वह मेरी है।

उनकी आदत ऐसी ही रही है कि अगर मैं सेट पर कोई चश्मा पहनकर जाता था, तो वह कहते थे कि क्या चश्मा पहना है, रुको, शॉट के बाद देता हूं। उनके पास किसी चीज की कोई कमी नहीं है, लेकिन उनका ये करना मुझे अच्छा महसूस कराता था। मैं जो खरीदता था, वह मुझ पर तो अच्छा लगता था, लेकिन वह जब पहनते थे, तो लगता था कि उस सामान की कीमत और बढ़ गई।’

टाइटल सॉन्ग से जुड़ा मजेदार किस्सा

इस फिल्म के टाइटल गीत से जुड़ा एक मजेदार किस्सा साजिद बताते हैं, ‘इस गाने में अक्षय कुमार और सलमान भाई घास जैसा कास्ट्यूम पहनकर आते हैं। अगर वह शाट ध्यान से देखें, तो पाएंगे कि वह दोनों कुछ अलग ही बोल रहे थे। सलमान भाई ने बताया था कि वह गाने के बीच में ही बोल रहे हैं कि अरे, मैं आगे की लाइन ही भूल गया हूं। वह आपस में बात कर रहे थे, फिर भी वह शॉट ओके हो गया।’

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