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Nawazuddin Siddiqui: नेपोटिज्म की मार झेल चुके नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने अपने बच्चों की बॉलीवुड में एंट्री को लेकर कही ये बात

Nawazuddin Siddiqui on his kids career in Bollywood अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने जागरण डॉट कॉम से बातचीत में अपने बच्चों को लेकर बात की और बॉलीवुड में उनके करियर को लेकर भी खुलासा किया। एक्टर ने कहा कि उन्होंने कभी भी अपने बच्चों पर अपनी मर्जी नहीं थोपी।

By Vaishali ChandraEdited By: Published: Fri, 24 Jun 2022 06:28 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jun 2022 06:28 PM (IST)
Nawazuddin Siddiqui never tried to control his kids

शिखा धारीवाल, मुंबई जेएनएन। अधिकतर बॉलीवुड स्टार अपने बच्चों को भविष्य में पर्दे पर देखना चाहते हैं। हर स्टार की ख्वाहिश होती है कि जल्द से जल्द उनके बच्चे भी फिल्म इंडस्ट्री में डेब्यू करें और इसी फील्ड में अपना करियर चुनें। पिछले कुछ सालों में अनन्या पांडे , जानवी कपूर , वरुण धवन , आलिया भट्ट, करण देओल, आथिया शेट्टी समेत ऐसे कई स्टार किड्स है जिन्होंने बॉलीवुड में डेब्यू किया और सफल भी रहे। लेकिन नवाजुद्दीन सिद्दीकी इस मामले में जरा हटकर हैं। हाल ही में नवाज ने Jagran. com से एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया कि वह अपने बच्चों के कभी भी पॉजेसिव पिता नहीं बनना चाहते थे। इसीलिए उन्होंने कभी भी अपनी बच्चों की जिंदगी में जबरदस्ती अपनी मर्जी नहीं थोपी।

बातचीत में नवाज कहते हैं कि मेरी ऐसी कोई ख्वाहिश नहीं है कि मेरा बेटा या बेटी बॉलीवुड में डेब्यू करें। मैं चाहता हूं बच्चों की जो मर्जी हो वही करें और उसी फील्ड में अपना करियर चुने।

नवाज कहते हैं कि उनके कई ऐसे रिश्तेदार हैं जो दिन भर अपने बच्चों के पीछे रहते थे और चाहते थे कि बस उनके बच्चे पढ़ाई करते रहें। यहां तक कि छोटी से छोटी बात भी बच्चों की उन्हें पता होनी चाहिए। लेकिन इस दौरान मैंने देखा और समझा कि उनके बच्चे जीवन मे कुछ कर नहीं पाए क्योंकि असल मे उन्होंने बच्चो की जिंदगी में इतना प्रेशर रखा और इतनी टोकाटाकी की कि उसका नतीजा निगेटिव ही निकला। ये सब उदाहरण देखकर मैंने तभी तय कर लिया था कि मैं अपने बच्चो की जिंदगी में बिना वजह की दखलअंदाजी नही करूंगा। आखिर मां- बाप को बच्चों की हर चीज में क्यों इंटरफेयर करना है।

नवाज अपनी बात को बढ़ाते हुए कहते हैं कि मैं बच्चों के ऊपर न ही मैं जबरदस्ती करता हूं और न ही मैं उनको लेकर सुपर प्रोटेक्टिव या पजेसिव हूं। मैं कभी अपने बच्चों पर प्रेशर बनाने के लिए किसी दूसरे बच्चे की पढ़ाई या मार्क्स का उदारहण भी नहीं देता। भला उनका अपना टैलेंट है उन्हें दूसरे बच्चों से कंपेयर ही क्यों किया जाए। अभी मेरे बच्चे दुबई में पढ़ाई कर रहे हैं। जब पढ़ाई लिखाई पूरी हो जाएगी तब देखेंगे बच्चों को क्या करना है। 


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