Entertainment News: सेक्शन 108 में केस लड़ते नजर आएंगे नवाजुद्दीन सिद्दीकी, बोले- प्रोडक्शन हाउस से फर्क नहीं पड़ता
अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी कहते हैं कि फिल्म की कहानी अच्छी होनी चाहिए फिर प्रोडक्शन हाउस बड़ा हो या छोटा फीस कितनी मिल रही है इससे फर्क नहीं पड़ता है। दैनिक जागरण से बातचीत में एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी कहते हैं कि मैं यह भी कहूंगा कि जो अपनी समीक्षा नहीं करते हैं या ज्यादा पैसे डिमांड करते हैं उनको मत लो।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। फिल्म की कहानी अच्छी होनी चाहिए, फिर प्रोडक्शन हाउस बड़ा हो या छोटा, फीस कितनी मिल रही है, इससे फर्क नहीं पड़ता है। यह मानना है अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी का। पिछले दिनों फिल्मकार करण जौहर ने कहा था कि ज्यादा फीस मांगने वाले बड़े कलाकारों को अपने बॉक्स ऑफिस की समीक्षा करके फिर फीस मांगनी चाहिए।
नए निर्माता-निर्देशकों के साथ काम करने वाले नवाजुद्दीन खुद को बड़े कलाकारों से अलग मानते हैं। दैनिक जागरण से बातचीत में वह कहते हैं कि हां, मैं करण की इस बात को मानता हूं। लेकिन मैं यह भी कहूंगा कि जो अपनी समीक्षा नहीं करते हैं या ज्यादा पैसे डिमांड करते हैं, उनको मत लो। उन्हें फिर क्यों लेते हैं। मुझे खुद की समीक्षा की जरूरत इसलिए महसूस नहीं होती है, क्योंकि मैं इतनी फीस लेता ही नहीं हूं।
मैं कोई आडंबर नहीं कर रहा हूं- नवाज
आगे बोले कि जितने बजट में बड़े प्रोडक्शन हाउस की फिल्में बनती हैं, उसमें वाकई कलाकारों को समीक्षा करने की जरूरत है, क्योंकि लागत निकालकर देना उनकी जिम्मेदारी है। मैं खुद को इस रेस में नहीं मानता हूं। मुझे अपनी वास्तविकता पता है। मैं कोई आडंबर नहीं कर रहा हूं। यह सच है। मेरी ज्यादातर फिल्में छोटे बजट की होती है। वह लागत आराम से थिएटर रिलीज, ओटीटी और सैटेलाइट राइट्स से निकल आती है।मैं हर तरह की छोटी-बड़ी फिल्में कर रहा हूं- नवाज
उन्होंने कहा कि कला को देखने का नजरिए मेरा दूसरों से अलग है। मैं कभी अपने काम से संतुष्ट नहीं होता हूं। अच्छी फिल्में करने की हमेशा ललक रहती है। मैं अगर फीस के बारे में सोचता, तो नए-नए निर्देशकों के साथ कैसे काम करता। मैं हर तरह की छोटी-बड़ी फिल्में कर रहा हूं।