'पैसे के लिए बहुत बुरे काम करने पड़ते थे...', Neena Gupta नहीं चाहती थीं रिलीज हों उनकी फिल्में, अब छलका दर्द
Neena Gupta आज भले ही हिंदी सिनेमा की बेहतरीन अदाकाराओं में गिनी जाती हैं लेकिन एक वक्त था जब इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने के लिए उन्होंने खूब पापड़ बेले हैं। कई बार उन्हें ऐसी फिल्में करनी पड़ती थीं जो वह नहीं चाहती थीं। वह मन ही मन प्रार्थना करती थीं कि उनकी उस तरह की फिल्में कभी रिलीज न हों।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। नीना गुप्ता (Neena Gupta) एक बार फिर फुलेरा की महिला प्रधान मंजू देवी बनकर वापसी करने जा रही हैं। 'पंचायत 3' (Panchayat 3) की रिलीज से पहले अभिनेत्री ने अपने संघर्ष के दिनों को याद किया है। उनका कहना है कि करियर के शुरुआती दिनों में जब वह मुंबई गईं, तब पैसे कमाने के लिए उन्हें कई ऐसे रोल्स भी करने पड़े, जो उन्हें नहीं करना था।
नीना गुप्ता ने अपने करियर की शुरुआत साल 1982 में फिल्म 'साथ साथ' से की थी। बॉलीवुड में डेब्यू करते ही उनकी लॉटरी निकल गई थी और उन्हें हॉलीवुड मूवी 'गांधी' में कास्ट कर लिया गया था। सिनेमा में बोल्ड और बागी एक्ट्रेस कहलाने वालीं नीना गुप्ता ने अपने करियर में कई बेहतरीन किरदार निभाकर नाम कमाया है, लेकिन कई बार उन्हें ऐसे रोल करने पड़े, जो वह कभी नहीं करना चाहती थीं।
मजबूरी में करने पड़ते थे बुरे रोल्स
नीना गुप्ता ने न्यूज 18 के साथ बातचीत में कहा, "जरूरत के हिसाब से सब बदल गया। पहले पैसे की ज्यादा जरूरत थी तो बहुत बुरे-बुरे काम करने पड़ते थे। कई बार मैं भगवान से प्रार्थना करती थी कि ये पिक्चर रिलीज न हो। अब मैं न कह सकती हूं, पहले कभी न नहीं कह सकती थी। जो स्क्रिप्ट मुझे बहुत अच्छी लगती है, रोल बहुत अच्छा लगता है वो हां करती हूं जो नहीं अच्छा लगता है वो नहीं करती हूं।"यह भी पढ़ें- Neena Gupta: 'लोग आपस में लड़ रहे...', 'फालतू फेमिनिज्म' बयान को लेकर हुए विवाद पर नीना गुप्ता ने तोड़ी चुप्पी
मुंबई में किया संघर्ष
नीना गुप्ता ने बताया कि जब वह मुंबई एक्ट्रेस बनने आईं तो कई बार उनका मनोबल टूटा और हर तीन महीने में बैग पैक कर दिल्ली जाना चाहती थीं। मगर वह ऐसा नहीं कर पाईं। बकौल एक्ट्रेस, "मैं तो वैसे भी दिल्ली से आई थी ना तो बॉम्बे वैसे भी मुश्किल शहर है शुरू शुरू में। मुझे लगता है हर तीन महीने में मैं अपना बैग पैक कर वापस जाना चाहती थी। मैं पढ़ी-लिखी थी। मैंने कहा, 'मैं जाकर पीएचडी करूगीं। मैं यह नहीं संभाल सकती।'"
खुद को लाख समझाने के बावजूद 'पंचायत' एक्ट्रेस अपने सपनों को मार नहीं पाईं और उसी उम्मीद में रुक जाया करतीं कि अगले दिन शायद काम मिल जाये। खैर, उनकी किस्मत चमकी और आज 64 साल की उम्र में भी वह काम कर रही हैं।
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