TMKOC और CID नहीं हैं सबसे लंबा चलने वाले सीरियल, दूरदर्शन के इस शो ने बनाया है वर्ल्ड रिकॉर्ड
Longest Indian television show भारत में धारावाहिक शोज की लोकप्रियता का इतिहास बहुत पुराना है।पुराने समय में सीरियल देखने के लिए लोग एक दूसरे के घरों पर जाया करते थे। धीरे धीरे इन सीरियल का क्रेज इतना बढ़ गया और बढ़ती लोकप्रियता के चलते शोज का काफी लम्बे समय तक टीवी पर दिखाया गया। भारत में सबसे लम्बे चलने वाले शो के बारे में जानने के लिए पढ़िए ये खबर।
By Jagran NewsEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Tue, 08 Aug 2023 01:46 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। Longest Indian television show: भारत में डेली सोप का जोरदार क्रेज है। लंबे चलने वाले धारावाहिक लोगों को खूब पसंद आते हैं। एक समय के बाद धारावाहिक के किरदारों से लोग कनेक्टड फील करने लगते हैं। 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' और 'सीआईडी' जैसे सीरियल्स को देखते हुए एक पीढ़ी जवान हुई है।
ऐसे धारावाहिकों के प्रति लोगों का लगाव हमेशा बना रहता है। लोग इनके पुराने एपिसोड्स भी खोज-खोजकर देखते हैं। कुछ शोज तो 4 से 6 साल लंबे चला करते थे, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी दुनिया का सबसे लंबा चलने वाला धारावाहिक कितना लंबा चला था।
कौन सा शो सबसे लंबा चला?
दुनिया का सबसे लंबा चलने वाला धारावाहिक भारत का था। टीवी शो 'कृषि दर्शन' है, जो 1967 में शुरू हुआ था। इस शो ने 56 साल में 16700 एपिसोड पूरे कर लिए थे। यह एक नॉन-फिक्शन कार्यक्रम था, जो खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी प्रसारित करता था। इससे लंबा एक जर्मन एनिमेटेड शो है, जो 1959 में शुरू हुआ था।
इसके करीब 22000 एपिसोड प्रसारित हो चुके हैं। लेकिन लाइव एक्शन के तौर पर कृषि दर्शन ही सबसे लंबा चलने वाला शो है। लोगों का मानना था कि तारक मेहता का उल्टा चश्मा सबसे लंबा शो है, लेकिन ऐसा नहीं है।
क्या है कृषि दर्शन का इतिहास?
दूरदर्शन (डीडी नेशनल) पर भारत सरकार द्वारा प्रसारित किए जाने वाले कार्यक्रमों को भी दिखाया जाता है। कृषि दर्शन भी भारत सरकार द्बारा ही प्रसारित किया जाता था। यह शो साल 1967 में गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी से शुरू हुआ था।
शुरुआत में इसको दिल्ली के आसपास के 80 गांवों में ही ब्रॉडकास्ट किया जाता था। लेकिन जल्द ही इसे राष्ट्रीय स्तर पर प्रसारित किया जाने लगा। हालांकि, साल 2015 में इस कार्यक्रम को नए चैनल डीडी किसान पर शिफ्ट कर दिया गया, जहां यह आज भी चल रहा है। इस कार्यक्रम अधिकतर ग्रामीण इलाकों में देखा जाता है।