गुज़रे ज़माने की खूबसूरत अभिनेत्री वहीदा रहमान 80 साल की उम्र में भी दिखती हैं 'लाजवाब', देखें लेटेस्ट तस्वीरें
वहीदा को उनके शानदार अभिनय के लिए 1972 में पद्मश्री और 2011 में पद्मभूषण अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।
By Hirendra JEdited By: Updated: Sun, 04 Feb 2018 02:08 AM (IST)
मुंबई। आज 80 साल की उम्र में भी वहीदा के बारे में यही कह सकते हैं कि वो ‘लाजवाब’ हैं। बता दें कि उर्दू शब्द वहीदा का अर्थ लाजवाब ही होता है।
3 फरवरी 1938 को तमिलनाडु में जन्मीं वहीदा को बचपन से ही संगीत और नृत्य का शौक था। हालांकि, उनका सपना डॉक्टर बनने का था। लेकिन, माता-पिता की देखरेख में वहीदा भरतनाट्यम नृत्य में निपुण हो गईं। इसके बाद वह मंचों पर प्रस्तुतियां देने लगीं। नन्हीं उम्र में ही उन्हें नृत्य के कई प्रस्ताव मिलने लगे। उनके अभिभावकों ने सभी प्रस्तावों को ठुकरा दिया। बहरहाल, उनके कैरियर पर हम थोड़ा विस्तार से बात करेंगे पर पहले देखिये 80 वर्षीय वहीदा की यह लेटेस्ट तस्वीर, जिसमें वो बेहद संजीदा, सोबर और आकर्षक लग रही हैं! यह भी पढ़ें: रुक्मिणी के दीवाने हैं नील नितिन मुकेश, जल्द होगी बाहुबली से टक्कर, देखें तस्वीरें
गौरतलब है कि पिता के निधन के बाद घर में आर्थिक संकट के चलते 17 वर्षीय वहीदा ने ग्लैमर की दुनिया का रुख किया। साल 1955 में उन्होंने दो तेलुगू फ़िल्मों में काम किया। जिसके बाद हिंदी सिनेमा के अभिनेता, निर्देशक व निर्माता गुरुदत्त की नज़र उन पर पड़ी। बॉलीवुड में उन्हें पहली फ़िल्म ‘सीआईडी’ में खलनायिका का किरदार मिला। सीआईडी की कामयाबी के बाद फ़िल्म ‘प्यासा’ में वहीदा रहमान को नायिका के रूप में लिया गया। ‘प्यासा’ के बाद गुरुदत्त और वहीदा रहमान ‘कागज के फूल’, ‘चौदहवीं का चांद’ और ‘साहब बीवी और गुलाम’ में भी साथ नज़र आये।
साल 1964 में गुरुदत्त की मौत के बाद वहीदा थोड़ी अकेली हो गयीं थीं। दोनों के बीच रिलेशनशिप की बातें भी उस दौर में चर्चा में रही थीं! नेशनल अवार्ड विनिंग फ़िल्म ‘तीसरी कसम’ में राज कपूर के साथ वहीदा ने जो हीराबाई का किरदार निभाया था, उसे भला कौन भूल सकता है? ‘गाइड’ और ‘नीलकमल’ भी उनके कैरियर की यादगार फ़िल्मों में शुमार है। इन दोनों ही फ़िल्मों के लिए उन्होंने फ़िल्मफेयर से बेस्ट एक्ट्रेस अभिनेत्री का अवार्ड जीता।यह भी पढ़ें: दुनिया को आशिकी सिखाने वाली अभिनेत्री अनु अग्रवाल को आज भूल गए सब, अब दिखती हैं ऐसीसाल 1974 में वहीदा के सामने अभिनेता कंवलजीत ने शादी का प्रस्ताव रखा और फिर दोनों शादी के बंधन में बंध गये। गौरतलब है कि साल 2002 में उनके पति का आकस्मिक निधन हो गया। हाल के वर्षों में वहीदा 2006 ‘रंग दे बसंती’ के बाद ‘पार्क एवेन्यू’, ‘मैंने गांधी को नहीं मारा’, ‘ओम जय जगदीश’ जैसी फ़िल्मों में नज़र आ चुकी हैं। वहीदा को उनके शानदार अभिनय के लिए 1972 में पद्मश्री और 2011 में पद्मभूषण अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।