Om Puri Death Anniversary: जब अंग्रेजी न आने की वजह से एनएसडी छोड़ना चाहते थे ओमपुरी, फिर की 20 हॉलीवुड फिल्में
हिंदी सिनेमा के मशहूर और दिग्गज अभिनेता ओमपुरी की पुण्यतिथि 6 जनवरी को होती है। वह भारत के बड़े कलाकारों में से एक थे जिसने अपने अभिनय से पूरी दुनिया में नाम कमाया। ओमपुरी ने कई फिल्मों में अपने शानदार अभिनय से दर्शकों के दिलों जीता था।
By Anand KashyapEdited By: Updated: Thu, 06 Jan 2022 09:55 AM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। हिंदी सिनेमा के मशहूर और दिग्गज अभिनेता ओमपुरी की पुण्यतिथि 6 जनवरी को होती है। वह भारत के बड़े कलाकारों में से एक थे, जिसने अपने अभिनय से पूरी दुनिया में नाम कमाया। ओमपुरी ने कई फिल्मों में अपने शानदार अभिनय से दर्शकों के दिलों जीता था। उनका जन्म 18 अक्टूबर 1950 को हरियाणा के अंबाला में हुआ था, लेकिन उन्होंने अपनी पढ़ाई पटियाला से की थी। फिल्मों में आने से पहले ओमपुरी सरकारी विभाग में कलर्क थे।
ओमपुरी ने अभिनय की दुनिया में कदम रखने के लिए कॉलेज के असिस्टेंट लाइब्रेरियन की नौकरी को छोड़ दिया था। दरअसल उन्हें स्कूल के समय से ही अभिनय करना पसंद था। वह अपने स्कूल फंक्शन में हिस्सा लिया करते थे। इसके बाद ओमपुरी अपने कॉलेज के थिएटर से जुड़ गए। इस दौरान उन्होंने कॉलेज के लिए कई थिएटर किए थे। ओमपुरी जिस कॉलेज में पढ़ते थे उसी में असिस्टेंट लाइब्रेरियन की नौकरी करते थे।इसके बाद धीरे-धीरे ओमपुरी को नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) के बारे में पता चला। उन्होंने एनएसडी से अभिनय की पढ़ाई करने का फैसला किया। उस समय ओमपुरी की अंग्रेजी काफी खराब थी। हालात यहां तक आ गए थे कि अंग्रेजी मीडियम होने की वजह से उन्होंने एनएसडी को छोड़ने का फैसला कर लिया था, लेकिन फिर उन्हें एक टीचर ने समझाया कि अंग्रेजी आम भाषाओं जैसी होती है।
टीचर ने ओमपुरी को अंग्रेजी न्यूज पेपर पढ़ने और रेडियो सुनकर अंग्रेजी बोलने की सलाह दी। इसके बाद धीरे-धीरे ओमपुरी ने अंग्रेजी सीखने में जीत हासिल की। उन्होंने अपने पूरे फिल्मी करियर में 20 अंग्रेजी फिल्मों में काम किया, जिनमें उनका अभिनय काफी सराहा गया। उन्होंने ऑस्कर विनिंग फिल्म गांधी में छोटा सा किरदार निभाया था। ओमपुरी ने हॉलीवुड की ‘ईस्ट इज ईस्ट’, ‘सिटी ऑफ जॉय’, ‘वुल्फ’ जैसे फिल्मों में काम किया। इन फिल्मों में उन्होंने लीड रोड प्ले किए थे।
ओम पुरी ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत फिल्म ‘घासीराम कोतवाल’ से की थी। फिल्म ‘आक्रोश’ ओम पुरी के लिए एक वरदान बनकर आई। फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिए ओम पुरी बेहतरीन सहायक अभिनेता के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किए गए। उसके बाद ओम ने कई सफल फिल्मों में काम किया, साथ ही छोटे पर्दे पर भी अपना जलवा बिखेरा।
ओम पुरी को फिल्म ‘आरोहण’ और ‘अर्ध सत्य’ के लिए बेस्ट एक्टर का नेशनल अवार्ड भी मिला और एक इंटरव्यू के दौरान ओम पुरी ने कहा, 'अमिताभ बच्चन महान एक्टर हैं और मैं उनका शुक्रगुजार हूं क्योंकि उन्होंने ‘अर्ध सत्य’ फिल्म करने से इंकार कर दिया था।' उन्होंने समानांतर सिनेमा में काम करने के साथ ही कई व्यावसायिक फिल्मों में भी काम किया, जिसमें मिर्च मसाला, जाने भी दो यारों, चाची 420, हेराफेरी, मालामाल वीकली आदि शामिल हैं।