फीस भरने के नहीं थे पैसे, पिता पर था चोरी का इल्जाम, बचपन में Om Puri ने देखे बेबसी के दिन
OM Puri हिंदी सिनेमा के शानदार कलाकारों में से एक हैं। आज भले ही वह हमारे बीच नहीं हैं लेकिन अपनी यादगार परफॉर्मेंस के लिए वह हमेशा याद किये जाएंगे। ओम पुरी का बचपन बहुत ही कठिनाइयों में बीता। उनके पास पढ़ाई के लिए पैसे नहीं थे जिसकी वजह से वो चाय की दुकान पर बर्तन मांजा करते थे। जानिए एक्टर की जिंदगी से जुड़े अन्य किस्से।
एंटरटेनमेंट डेस्क,नई दिल्ली। ओम पुरी (Om Puri) बॉलीवुड के मोस्ट टैलेंटेड एक्टर्स में से एक थे। एक तरफ जहां अभी भी फिल्मों में लोगों को सुंदर चेहरे और रंग रूप देखकर चुना जाता है, ओम पुरी ने ठीक इसके विपरीत होकर एक अलग पहचान बनाई। उनका चेहरा और भारी आवाज ही उनके लिए असली पहचान बन गई। आज उनकी बर्थ एनिवर्सरी पर आपको बताएंगे एक्टर की जिंदगी से जुड़े कुछ अनजाने फैक्ट्स।
फिल्मों से बनाई पहचान
ओम पुरी ने अपना फिल्मी करियर कन्नड़ सिनेमा से शुरू किया था। उनकी पहली फिल्म ‘कल्ला कल्ला बचितको’ थी, जो 1975 में आई थी। एक्टर को बॉलीवुड में उनकी फिल्म अर्ध सत्य,आक्रोश और जाने भी दो यारों में शानदार अभिनय के लिए जाना जाता है। ओम पुरी ने अपने अभिनय के हुनर से दो बार नेशनल फिल्म अवॉर्ड, पद्मश्री अवॉर्ड और लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड हासिल किया था। लेकिन उनका बचपन बेहद गरीबी में बीता।
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चोरी के मामले में पिता को हुई थी जेल
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भले ही उनके पिता भारतीय रेलवे और भारतीय सेना में काम करते थे,लेकिन उन्हें बर्तन मांजकर गुजारा करना पड़ता था। दरअसल जब ओम पुरी 6 साल के थे तब उनके पिता को सीमेंट चोरी के आरोप में जेल में डाल दिया गया था। पिता के जेल जाने के बाद ओम पुरी और उनका परिवार बेघर हो गया। घर खर्च चलाने के लिए कोई नहीं था। तब ओम पुरी ने अपने कंधों पर जिम्मेदारी लेते हुए चाय की दुकान में बर्तन धोने लगे जबकि उनका भाई कुली बन गया। इसके अलावा वो रेलवे ट्रैक से कोयला भी उठाया करते थे।ओम पुरी का बचपन भले ही गरीबी में बीता लेकिन एक्टर ने अपनी पढ़ाई जारी रखी। ओम पुरी FTII में पढ़ाई कर रहे थे। उनके पास फीस भरने तक के पैसे नहीं थे। बताया जाता है कि उन्हें FTII को 280 रुपये देने थे, लेकिन उन्होंने ये कर्ज कभी नहीं चुकाया।