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Oscar Awards 2023: 10 सालों में ये फिल्में बनी हैं भारत की ऑफिशियल एंट्री, जानें- कितनी रहीं हिंदी की?

Oscar Awards 2023फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया की ज्यूरी हर साल देश की सारी भाषाओं की चुनिंदा फिल्मों में से किसी एक फिल्म को ऑस्कर पुरस्कार के लिए चुनती है। पिछले कुछ वर्षों में कई भारतीय फिल्मों को ऑस्कर की ऑफिशियल एंट्री के लिए भेजा गया था।

By Karishma LalwaniEdited By: Updated: Tue, 20 Sep 2022 08:39 PM (IST)
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Flms selected for Official Entry for Oscars
नई दिल्ली, जेएनएन। दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित एकेडमी अवॉर्ड (ऑस्कर अवॉर्ड) का इंतजार हर सिने प्रेमी को होता है। इसका आगाज नॉमिनेशन के साथ हो गया है। 12 मार्च, 2023 को ऑस्कर विनिंग फिल्मों की घोषणा होनी है, जिसके लिए गुजराती फिल्म 'छेलो शो' को नॉमिनेट किया गया है। हालांकि, 'आरआरआर' और 'कश्मीर फाइल्स' जैसी ब्लॉकबस्टर मूवीज से काफी उम्मीदें थीं, लेकिन भारत से ऑस्कर अवॉर्ड के लिए 'छेलो शो' ने ऑफिशियल एंट्री दर्ज कराई है। अगर इसके अलावा बाकी बेस्ट मूवीज की बात करें, तो बीते कई वर्षों में ऐसी अव्वल दर्जे की स्क्रिप्ट वाली फिल्मों के बारे में पता लगेगा, जो ऑस्कर के लिए भेजी तो गईं, लेकिन अवॉर्ड नहीं जीत सकीं।

न्यूटन

राजकुमार राव की फिल्म न्यूटन को भारत की तरफ से विदेशी भाषा में सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए ऑस्कर के लिए आधिकारिक एंट्री मिली थी। फिल्म को फेडरेशन ऑफ इंडिया की तरफ से ऑस्कर के लिए भेजा गया था।  हालांकि, सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में जगह बनाने से ये फिल्म नाकाम रही।

कागज

2021 में आई पंकज त्रिपाठी की फिल्म कागज को ऑस्कर के लिए नॉमिनेट किया गया था। यह फिल्म सतीश कौशिक ने डायरेक्ट की थी, जिसे बॉक्स ऑफिस पर ठीकठाक रिस्पांस मिला था। इसकी कहानी एक बैंड वाले की जिंदगी के ईद गिर्द घूमती है।

बर्फी

2012 में आई अनुराग बसु की फिल्म बर्फी को भी भारत की आधिकारिक तौर पर चुनी गई ऑस्कर फिल्मों के लिए भेजा गया था। दमदार स्क्रिप्ट और रणबीर कपूर और प्रियंका चोपड़ा की अच्छी परफार्मेंस के बाद फिल्म अवॉर्ड लेने से चूक गई। 

गली बॉय

आलिया भट्ट और रणबीर कपूर की फिल्म गली बॉय को ऑस्कर के लिए आधिकारिक तौर पर भेजा गया था। फिल्म को बेस्ट इंटरनेशनल फीचर फिल्म की कैटेगरी में ऑस्कर के लिए भेजा गया था। 

लायर्स डाइस

'लायर्स डाइस' 2013 में आई फिल्म थी। नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने इसमें एक्टिंग की थी। यह फिल्म गांव की एक युवा मां की कहानी को दिखाती है, जो अपने लापता पति की तलाश में जा रही है लेकिन खुद ही लापता हो जाती है। 

द गुड रोड

'द गुड रोड' गुजराती मूवी है, जो 2013 में रिलीज की गई थी। इस फिल्म को 60वें फिल्मफेयर अवॉर्ड में बेस्ट गुजराती फिल्म का अवॉर्ड मिला था। फिल्म ने बेस्ट फीचर फिल्म जूरी का भी अवॉर्ड जीता था। लेकिन भारत की आधिकारिक एंट्री के तौर पर ऑस्कर के लिए भेजे जाने के बाद भी बाकी फिल्मों से बाजी मारने में चूक गई।

कोर्ट

ऑस्कर के लिए भारत की तरफ से मराठी फिल्म कोर्ट को चुना गया था। 26 फरवरी, 2016 को दिए जाने वाले ऑस्‍कर अवॉर्ड के लिए भारत सरकार की ऑफिशियल एंट्री थी। 

अबू, सन ऑफ एडम

यह 2011 में आई मलयालम फिल्म है, जिसे कभी बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज फिल्म कैटेगरी के लिए चुना गया था। इसकी कहानी परफ्यूम बेचने वाली लाइफ पर बेस्ड थी।

यह फिल्में भी चुनी गई ऑस्कर के लिए

इन फिल्मों के अलावा तमिल फिल्म वीसारानी, असमीस फिल्म विलेज रॉकस्टार, मलायाली फिल्म जलीकट्टू और तमिल फिल्म पेबल्स भी शेयर की गई थी।

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