बॉक्स ऑफिस पर 'ब्लैक पैंथर' जैसा तूफान लाना चाहती हैं ऑस्कर विनर गुनीत मोंगा, याद किए संघर्ष के दिन
आजकल अधिकांश हिंदी फिल्में हॉलीवुड या दक्षिण भारतीय सिनेमा से प्रेरित होती हैं मगर ऐसा पहली बार हो रहा है जब गुनीत मोंगा के सहनिर्माण में बनी फिल्म ‘किल’ को हालीवुड में रीमेक किया जा रहा है। ऑस्कर विजेता गुनीत मोंगा बड़े सधे कदमों से आगे बढ़ रही हैं और स्वयं को एक अलग तरह से स्थापित करने की तरफ उनका ध्यान है।
प्रियंका सिंह, मुंबई। पिछले साल डाक्यूमेंट्री शार्ट फिल्म ‘द एलिफेंट व्हिस्परर्स’ (The Elephant Whisperers) के लिए निर्माता गुनीत मोंगा (Guneet Monga) ने ऑस्कर पुरस्कार जीता था। उसके बाद उनके सहनिर्माण में बनी फिल्म ‘किल’ का एक्शन इतना पसंद किया गया कि अब हालीवुड में उसे रीमेक किया जा रहा है।
ऑस्कर के बाद एक निर्माता की जिंदगी में क्या बदलाव आता है?इस पर गुनीत मोंगा कहती हैं, ‘यहां हर रोज कुआं खोदकर पानी निकालना है। हां, थोड़े रास्ते खुल गए हैं। हालांकि ऐसा भी नहीं कि मेरे लिए रेड कार्पेट बिछा दी गई है। प्रक्रिया आसान हो गई है, लेकिन मेहनत उतनी ही है। अभी शुरुआत है, इतना सीख लिया है कि अपनी कहानियों को विदेश तक पहुंचा पाऊं। मुझे और झंडे गाड़ने हैं। इतने साल लग गए दरवाजा खोलने में, अब तो अंदर आए हैं।’
क्या कभी गुनीत का मन नहीं हुआ कि अमेरिका में रहकर वहां का कंटेंट बनाया जाए?इस पर वह कहती हैं, ‘मुझे अपने देश, मिट्टी की खुशबू, भाषा पसंद है। मेरा सपना है कि एक भारतीय फिल्म उस स्तर पर जाए, जहां हम अरबों रुपये कमा पाएं। मेरा सपना है कि जैसे हालीवुड फिल्म ‘ब्लैक पैंथर’ का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन रहा है, वैसा मेरी फिल्मों का हो। मैं सौ करोड़ की रेस में नहीं, आठ हजार करोड़ की रेस में हूं। एक दिन वहां तक पहुंचना है। जब आप बड़ा सोचते हैं, तो दुनिया जुड़ती जाती है। मेरी फिल्म ‘किल’ का हॉलीवुड रीमेक बन रहा है। हम उसके सह निर्माता भी हैं। वहां जाकर देखने का मौका मिलेगा कि वहां काम कैसे होता है।’
यह भी पढ़ें- Hansika Motwani को जल्दी बड़ा करने के लिए मां ने दिये थे हार्मोनल इंजेक्शन? जानिए क्या है सचक्या गुनीत ने ‘किल’ से एक नया ट्रेंड शुरू कर दिया है कि हिंदी फिल्मों की रीमेक हॉलीवुड में बनाई जाए?
इस पर वह कहती हैं, ‘यह मेरे हाथ में नहीं है। हम तो सुबह उठकर काम करते हैं। मुझे तो कहानियों से मोहब्बत है। फिर वह कहानी ऑस्कर जीत जाए या हॉलीवुड रीमेक बन जाए। जब आप काम कर रहे होते हैं, तो यही सोचते हैं कि यह सबको पसंद आए। जब बैठकर सोचते हैं कि क्या उपलब्धियां पाईं, तो अवॉर्ड और सराहना याद आती हैं। जब काम कर रहे होते हैं, तो दिल में यही होता है कि हमारे जाने के बाद भी लोग देखें कि कभी ‘द लंचबाक्स’, ‘किल’ या ‘गैंग्स आफ वासेपुर’ जैसी फिल्में बनी थीं। मैं यही कहती हूं कि बहुत मेहनत है, बाकी रहमत है।’
इस सप्ताह जी5 पर प्रदर्शित होने वाली वेब सीरीज ‘ग्यारह ग्यारह’ में वर्तमान को भूतकाल से जोड़ने की कहानी है। भूतकाल में जाकर अगर गुनीत को कुछ वापस लाना पड़े तो वह क्या वापस लाना चाहेंगी?इस पर वह कहती हैं, ‘अपने माता-पिता को वापस लाना चाहूंगी। उन्होंने न मेरी शादी देखी, न ऑस्कर देखा। जब आपके परिवार की आंखों में खुशी दिखे, समझिए आप सफल हैं। साल 2007 में मुंबई आई थी। तब उतने पैसे नहीं थे और आज अपना प्रोडक्शन हाउस चलाती हूं। सब सपने जैसा लगता है।’
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