Iran Hijab Controversy: ईरान में चल रहे हिजाब विवाद के बीच ऑस्कर विनर्स ने काटे अपने बाल
Iran Hijab Controversy ईरान में हिजाब पर चल रहे विवाद के बीच ऑस्कर विजेताओं ने अपने बाल काट दिए हैं। कई सेलेब्स से बाल काटते हुए वीडियो शेयर किया है और हेयर फॉर फ्रीडम के तहत आजादी की बात की है।
By Karishma LalwaniEdited By: Updated: Thu, 06 Oct 2022 12:40 AM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। Iran Hijab Controversy: ईरान में चल रहे हिजाब विरोध कंट्रोवर्सी ने तूल पकड़ ली है। अब प्रदर्शन करने वाली महिलाओं के समर्थन में ऑस्कर विजेताओं ने अपने बाल काट दिए हैं। ऑस्कर पुरस्कार विजेता अभिनेत्री मैरिऑन कोटिलार्ड और जुलिएट बिनोशे ने अन्य अभिनेत्रियों और संगीतकारों के साथ सिर के बाल काटकर विरोध किया है। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया है। ऐसा करने का मकसद महिलाओं की आजादी है। बाल काटने वाली इन अभिनेत्रियों ने कहा कि ईरान में महिलाओं को आजादी मिलनी चाहिए। कुछ दिन पहने मंदाना करीमी ने मुंबई की सड़कों पर इसी मुद्दे पर प्रदर्शन किया था।
सोशल मीडिया पर इसका वीडियो पोस्ट किया गया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि अभिनेत्री बिनोशे कैंची से अपने सिर के बाल काट रही हैं। बाल काटते हुए वह 'आजादी के लिए' बोल रही हैं। इसके बाद कटे हुए बाल कैमरे का सामने दिखा रही हैं। इन वीडियो को 'हैशटैग हेयर फॉर फ्रीडम' टैग के साथ पोस्ट किया गया है। सिर्फ एक ने नहीं बल्कि कई अन्य महिलाओं ने भी बाल काटते हुए अपना वीडियो इंस्टाग्राम पर शेयर किया है। जानकारी के लिए बता दें कि इस अभियान में शार्लट रैम्पलिंग और शार्लट गेन्सबॉरो ने भी हिस्सा लिया। गेन्सबॉरो ने वीडियो में अपनी सिंगर मां जेन बिर्किन्स का बाल काटा है।
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कहां से शुरू हुआ ये ट्रेंड
दरअसल, ईरान में हिजाब सही से न पहनने के आरोप में 22 वर्षीय महसा अमीनी को गिरफ्तार कर लिया गया। जिसके बाद उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद ईरान में सरकार विरोधी प्रदर्शन शुरू हो गए। प्रदर्शन करने वाली कुछ महिलाओं ने बाल काटकर हवा में लहराए। देखते ही देखते ईरान में यह ट्रेंड बन गया, जो कि अब बाकी देशों में भी फैलता जा रहा है।यूरोपीय सांसद ने भी काटा बाल
इस विरोध की लड़ाई में एकजुटता दिखाने के लिए यूरोपिय सांसद ने भी बाल काट दिए। स्वीडिश राजनेता अबीर अल सहलानी ने कहा कि यूरोपीय संघ और उसके नागरिक ईरान में पुरुषों और महिलाओं के खिलाफ चल रही हिंसक कार्रवाई को तत्काल प्रभाव से बिना शर्त रोकने की मांग करते हैं।