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Parveen Babi Birth Anniversary: 1971 के भारत-पाक युद्ध ने खत्म की थी मोहब्बत, अमिताभ बच्चन के साथ दी पहली हिट

खूबसूरती और बिंदास अंदाज के लिए मशहूर रहीं अभिनेत्री Parveen Babi ने अपनी अदाकारी से कई एक्ट्रेस को टक्कर दी। मगर एक सच ये भी है कि वह ताउम्र सच्चे प्यार की तलाश में रहीं। अभिनय सहित अपने प्रेम प्रसंगों को लेकर सुर्खियों में रहीं परवीन बाबी की 4 अप्रैल को जयंती (Parveen Babi Birth Anniversary) है। इस मौके पर उनके दिल टूटने के किस्से बता रही हैं स्मिता श्रीवास्तव…

By Jagran News Edited By: Karishma Lalwani Updated: Thu, 04 Apr 2024 12:54 PM (IST)
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दिवंगत अभिनेत्री परवीन बाबी. फोटो क्रेडिट- इंस्टाग्राम
स्मिता श्रीवास्तव, मुंबई। अपने अभिनय और अंदाज से जिन अभिनेत्रियों ने हिंदी सिनेमा की दिशा बदली, उनमें परवीन बाबी का नाम भी शामिल है। ड्रीम गर्ल के सपनों में खोई पीढ़ी को परवीन ने शहरी मिजाज वाली नायिका से रू-ब-रू करवाया।

4 अप्रैल, 1954 को गुजरात के जूनागढ़ में नवाबों के घर में जन्मी परवीन बाबी इकलौती संतान थीं और पिता के गुजर जाने के बाद मां जमाल की सख्त परवरिश के बीच बड़ी हो रही थीं। उन्हें अहमदाबाद स्थित सेंट जेवियर कालेज में आगे पढ़ाई करने की अनुमति भी इस शर्त पर मिली थी कि जल्द ही उनकी सगाई कर दी जाएगी।

14 साल की परवीन के लिए यह सशर्त स्वतंत्रता भी पर्याप्त थी। 16 साल की उम्र में परवीन की सगाई उनके दूर के रिश्तेदार के बेटे से हो गई। पहली ही नजर में पाकिस्तान एयरलांइस में बतौर पायलट कार्यरत यह लड़का परवीन का दिल ले उड़ा।

युद्ध के कारण टूटी थी सगाई

करिश्मा उपाध्याय द्वारा लिखी किताब ‘परवीन बाबी’ के मुताबिक, साल 1969 में कॉलेज में सर्दियों की छुट्टी के दौरान कराची में जमील और परवीन की भव्य समारोह में सगाई की गई। दोनों के बीच चिट्ठियों का लेन-देन आरंभ हो गया, जमील कुछ दिनों के लिए अहमदाबाद भी आए, जहां दोनों की मुलाकातें हुईं मगर दो दिलों का मिलना कुदरत को नामंजूर था।

साल 1971 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध ने उनकी जिंदगी के रुख को बदल दिया। दोनों देशों के बिगड़ते संबंधों से परवीन की मां परेशान हुई। देश विभाजन की विभीषिका, फिर 1965 युद्ध की कड़वी यादें उनके दिमाग में ताजा थीं। उन्हें लगा कि दोनों देशों के बीच युद्ध का असर परवीन की शादी पर भी पड़ेगा, सो, उन्होंने इस सगाई को तोड़ दिया। इस खबर ने अरमानों से भरे परवीन के दिल को तोड़ दिया था।

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पदार्पण पर हुआ विवाद

परवीन ने कभी फिल्मों में आने की कल्पना नहीं की थी। हालांकि उनके पदार्पण को लेकर भी विवाद हो गया था। अहमदाबाद में एक फैशन शो के दौरान प्रख्यात फिल्ममेकर किशोर साहू की बेटी ममता की नजर परवीन पर गई, जो उसका हिस्सा थीं। वह उनकी सुंदरता और व्यक्तित्व से प्रभावित हुई थी। उन्होंने अपने पिता को उनके बारे में बताया।

भीड़ में पड़ी थी परवीन पर नजर

साहू ने परवीन को फोटोशूट के लिए बॉम्बे (अब मुंबई) बुलाया। वह भी परवीन से बहुत प्रभावित हुए और उन्हें तुरंत अपनी फिल्म के लिए साइन कर लिया। परंपरा के अनुसार, उन्होंने फिल्म की घोषणा स्थानीय अखबार और फिल्मी मैगजीन में विज्ञापन के जरिए की।

अगले दिन फिल्ममेकर बी. आर. इशारा ने दावा किया कि परवीन बाबी उनकी खोज हैं। वह उन्हें पहले लॉन्च करेंगे। तब पता चला कि 1972 में अहमदाबाद में इशारा फिल्म ‘एक नाव दो किनारे’ की शूटिंग कर रहे थे, जहां शूटिंग देखने आई भीड़ में उनकी नजर परवीन पर पड़ी। अगले दिन उन्होंने परवीन को फिल्म का प्रस्ताव दिया, जिसे परवीन ने झट से स्वीकार कर लिया।

बॉम्बे वापस आने के बाद इशारा इस अनुबंध को भूल गए। मामला सामने आने के बाद इशारा ने साहू को परवीन को लॉन्च करने की लिखित अनुमति दी। इसके बाद इशारा ने परवीन के साथ ‘चरित्र’ फिल्म बनाई। पदार्पण के पहले साल में ही परवीन बाबी ने 8 फिल्में साइन की थीं।

12 फ्लाप फिल्में देने के बाद ‘मजबूर’ के साथ ही परवीन ने पहली बार बाक्स आफिस की सफलता का स्वाद चखा था। उसमें उनके नायक अमिताभ बच्चन थे। उसके बाद परवीन ने कभी मुड़कर नहीं देखा।

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