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Pathaan: पठान की वजह से बंगाली फिल्मों को नहीं मिल रहे शोज, मेकर्स ने उठायी ये मांग

Pathaan 25 जनवरी 2023 को शाह रुख खान फिल्म पठान के साथ चार साल बाद स्क्रीन पर वापसी कर रहे हैं। एक तरफ जहां दर्शक किंग खान को देखने के लिए काफी उत्सुक हैं तो वही दूसरी तरफ बंगाली फिल्ममेकर्स ने पठान की कोलकाता रिलीज पर नाराजगी जताई है।

By Tanya AroraEdited By: Tanya AroraUpdated: Tue, 24 Jan 2023 02:06 PM (IST)
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Pathaan Shah Rukh Khan and Deepika Padukone Film Release in Kolkata Bengali filmmakers upset. Photo Credit/Instagram
 नई दिल्ली, जेएनएन। Pathaan Release In Kolkata: शाह रुख खान अपनी स्पाय थ्रिलर फिल्म 'पठान' के साथ चार साल बाद स्क्रीन पर दस्तक देने जा रहे हैं। किंग खान को इतने लम्बे समय बाद थिएटर्स में देखने के लिए उनके फैंस काफी एक्साइटेड हैं।

रिलीज से पहले ही एडवांस बुकिंग से शाह रुख और दीपिका स्टारर इस फिल्म ने 21 करोड़ से ज्यादा का बिजनेस कर लिया है। पठान को रिलीज से पहले मिल रहे रिस्पांस से जहां एक तरफ देशभर के डिस्ट्रीब्यूटर्स काफी खुश हैं, तो वही अब कुछ बंगाली फिल्ममेकर ने 'पठान' की सिंगल स्क्रीन पर रिलीज को लेकर नाराजगी जाहिर की है।

कौशिक गांगुली ने दी बंगाली फिल्मों के शोज पर दी प्रतिक्रिया

मशहूर बंगाली फिल्म मेकर कौशिक गांगुली ने डिस्ट्रिब्यूटर और थिएटर ओनर के 'पठान' के लिए बंगाली फिल्मों के शोज में कटौती करने पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। उन्होंने ई-टाइम्स से बात करते हुए कहा, ' मैं इस बात को बहुत अच्छे से समझता हूं, जो सिंगल स्क्रीन के डिस्ट्रीब्यूटर फेस कर रहे हैं।

जब फिल्में नहीं चल रही थीं, तभी भी उन्होंने अपने कर्मचारियों को उनकी पूरी सैलरी दी। मेरी उनसे कोई शिकायत नहीं है। शायद मैं भी उनकी जगह पर होता तो यही करता। लेकिन मुझे लगता है कि बंगाली फिल्मों के बिजनेस के लिए एक पॉलिसी होनी चाहिए। मुझे पता है 'काबेरी अंतर्धान' भी अन्य बंगाली फिल्मों की तरह ही चीजें फेस करेगी'।

पठान की रिलीज के साथ फिल्में चलाने के लिए ओनर ने किया मना

नेशनल अवॉर्ड विनिंग एक्टर डायरेक्टर कौशिक गांगुली ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, 'सिंगल स्क्रीन के ओनर्स को ये बोला गया है कि अगर वह पठान को अपने थिएटर में लगाना चाहते हैं, तो उसके साथ कोई और फिल्म नहीं लगेगी।

बंगाली फिल्म इंडस्ट्री इस इश्यू को लेकर एक लम्बे समय से शांत है, लेकिन अब हमें खुद के लिए खड़ा होना पड़ेगा। अगर कोई बंगाली फिल्म पिछले 40-50 दिनों से अच्छा बिजनेस कर रही है और अचानक फिल्म को इस तरह का रुखा रवैया देखना पड़े वो भी अपने राज्य में तो हमे यह स्वीकार करना होगा कि कुछ तो गलत हो रहा है'।

एकजुट होकर रोकना होगा डिस्ट्रीब्यूशन मॉडल

जब कौशिक गांगुली से इसका सुझाव पूछा गया तो, उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, 'हमें एकजुट होना होगा और डिस्ट्रीब्यूशन मॉडल को खत्म करना होगा। अगर जरुरत हो तो सरकार को इसमें दखल देना चाहिए। बंगाली फिल्मों को कम से कम 50 पर्सेंट प्राइमटाइम में शोज मिलने चाहिए'।

हालांकि पठान के डिस्ट्रीब्यूटर्स ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि सालों से हिंदी फिल्मों को लेकर यही मॉडल चलता आया है।

पठान की वजह से बंगाली फिल्मों ने नहीं मिल रहे शोज

कोलकाता थिएटर्स में बीते हफ्ते तीन बड़ी बंगाली फिल्में 'काबेरी अंतर्धान', 'दिलखुश' और 'डॉक्टर बक्षी' रिलीज हुई हैं। इन तीनों ही फिल्मों को ऑडियंस से काफी प्यार मिल रहा है। हालांकि फिल्मों को मिल रहे दर्शकों के पॉजिटिव रिस्पांस के बावजूद भी इन बंगाली फिल्मों के शोज में कटौती करेंगे और इसकी बड़ी वजह शाह रुख खान की फिल्म 'पठान' की रिलीज है।

बंगाली फिल्मों के लिए अपनी आवाज उठाने वाले और टॉलीवुड सिनेमा के हित में बात करने वाले स्टेकहोल्डर्स इस बात से काफी खफा हैं कि पठान को सिंगल स्क्रीन पर रिलीज करने के लिए डिस्ट्रिब्यूटर्स ने किस तरह के क्लॉज बना रखे हैं।

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