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Pathaan विवाद पर उमा भारती ने कहा- SRK नफरत के लिए खुद जिम्मेदार, गाने को निकालने का सेंसर बोर्ड के पास विकल्प

Pathaan Song Row शाह रुख खान की फिल्म पठान के गाने बेशरम रंग को लेकर काफी विवाद हुआ है। अब इसपर उमा भारती ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि शाह रुख खान नफरत के लिए खुद जिम्मेदार है।

By Rupesh KumarEdited By: Updated: Thu, 22 Dec 2022 07:12 PM (IST)
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Pathaan Song Row: पठान फिल्म को लेकर विवाद हो गया है।

नई दिल्ली, जेएनएन। Pathaan Song Row: फिल्म पठान के गाने बेशरम रंग को लेकर हुए विवाद के बाद अब भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने बुधवार को बयान दिया है। उनका कहना है कि सेंसर बोर्ड के पास फिल्म पठान से विवादित बेशरम रंग गाने को निकालने का विकल्प है। इस फिल्म में शाह रुख खान की अहम भूमिका है। उन्होंने यह भी कहा कि शाह रुख खान नफरत के लिए खुद जिम्मेदार है। 

बेशरम रंग में दीपिका पादुकोण और शाह रुख खान ने बोल्ड डांस किया है

बेशरम रंग गाने में दीपिका पादुकोण के अलावा शाह रुख खान ने काफी बोल्ड डांस किया है जो कि कई लोगों को रास नहीं आया है। जब उमा भारती से इस बारे में पूछा गया, तब उन्होंने कहा, 'शाह रुख खान अपने खिलाफ नफरत के लिए खुद जिम्मेदार है क्योंकि शाह रुख, सैफ और आमिर ने एक बार कहा था कि उन्हें भारत में सुरक्षित नहीं लगता लेकिन नूपुर शर्मा कांड के बाद जब लोगों के गले काटे गए, तब उन लोगों ने मुंह तक नहीं खोला। उन्होंने चुप्पी साध ली।'

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उमा भारती मध्य प्रदेश की भूतपूर्व मुख्यमंत्री रही है

उमा भारती मध्य प्रदेश की भूतपूर्व मुख्यमंत्री रही है। उन्होंने आगे कहा, 'इसी के चलते लोगों को लगता है कि वे मुस्लिम समुदाय के फंडामेंटालिस्ट की गतिविधियों का विरोध नहीं करते और लोगों का इसलिए उन पर से भरोसा उठ गया है।' उमा भारती आगे कहती हैं कि पठान में से विवादित गाना निकालने का विकल्प सेंसर बोर्ड के पास है। फिल्म पठान जनवरी के अंत में रिलीज हो रही है।

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जो अभी भी भारत में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं वे पाकिस्तान जा सकते हैं

उमा भारती आगे कहती हैं, 'जब भारत 1947 में बांटा गया, तब मात्र ढाई पर्सेंट मुस्लिम पाकिस्तान गया और जो भारत में रह रहे थे, वे यहीं रहे। उन्होंने तब यह नहीं कहा कि उन्हें हिंदू पड़ोसी से डर लग रहा है। इसी के चलते जो अभी भी भारत में सुरक्षित महसूस नहीं कर सकते वे वहां जा सकते हैं लेकिन क्या वहां उन्हें बोलने और रहने की आजादी मिल पाएगी। भारत से ज्यादा उन्हें कहां सुरक्षा मिलने वाली है।'