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Piyush Mishra Birthday: वो कलाकार जिसने आइंस्टीन का रोल करने के बाद समझे फिजिक्स के नियम

Piyush Mishra Birthday Special गैंग्स ऑफ वासेपुर द शौकीन और पिंक जैसी फिल्मों में नजर आ चुके पीयूष मिश्रा बॉलीवुड के मंझे हुए कलाकार हैं। 13 जनवरी 2023 को एक्टर अपना 60वां जन्मदिन मना रही हैं। इस खास मौके पर जानिए उनके बारे में कुछ दिलचस्प बातें।

By Jagran NewsEdited By: Tanya AroraUpdated: Fri, 13 Jan 2023 11:21 AM (IST)
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Piyush Mishra Birthday Special Know Unknown Facts About gangs of wasseypur actor life. Photo Credit/Instagram
नई दिल्ली, जेएनएन। Piyush Mishra Birthday Special: अपने गीतों, कविताओं और एक्टिंग से लोगों के फिल्म जगत में एक अपना एक अलग ऑडियंस ग्रुप बनाने वाले पीयूष मिश्रा आज अपना 60वां जन्मदिन मना रहे हैं। लेकिन, क्या साहित्य के शौकीन पीयूष का बचपन में फिजिक्स और केमिस्ट्री की पढ़ाई में बिल्कुल मन नहीं लगता था। बचपन में तो वो स्कूली पढ़ाई समझकर आए-बलाए इसे पढ़ लिया करते थे लेकिन, फिर जब 1999 में उन्हें एक प्ले में अल्बर्ट आइंस्टाइन का रोल प्ले करने का मौका मिला तब उन्हें समझ आया कि फिजिक्स कितनी जरूरी है और तभी उन्हें फिजिक्स के नियम भी समझ आए। 'द बेटर इंडिया' को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने ये भी बताया कि मुझे स्कूल में लिटरेचर पढ़ना काफी पसंद था और साथ ही में स्कूल में मैं कबड्डी का भी काफी अच्छा प्लेयर हुआ करता था।

बुआ ने लिया था गोद

पीयूष मिश्रा का जन्म 13 जनवरी 1963 को ग्वालियर में ब्राह्मण फैमिली में हुआ था। उनके पिता प्रताप कुमार शर्मा अपर डिवीजन रैंक के क्लर्क थे लेकिन बहन को कोई संतान नहीं होने के चलते पीयूष के पिता ने उन्हें अपनी बहन तारादेवी मिश्रा को गोद दे दिया तब से पीयूष का पालन पोषण तारादेवी के घर ही हुआ।

8वीं क्लास में लिखी कविता

पीयूष अपने बचपन से हमेशा निराश थे। 'द बेटर इंडिया' को दिए इंटरव्यू में उन्होंने इस बात का जिक्र किया है कि उनके बचपन में या तो वो मर जाना चाहते थे या लोग जो कहते थे वो करना चाहते थे या फिर अपने गुस्से को इकट्ठा करके कुछ अलग करना चाहते थे। हुआ भी कुछ ऐसा ही महज 8वीं की पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने अपने गुस्से को एक कविता में उतार दिया। जिसके शब्द लोगों के दिलों में बैठ गए। वो कविता "जिंदा हो तुम हां कोई शक नहीं, सांस लेते हुए देखा मैंने भी है" थी।

10वीं क्लास में अदालत में लगाई नाम बदलने की अर्जी

पीयूष का नाम उनकी फैमिली ने प्रियकांत शर्मा रखा था। कहा जाता है कि तारादेवी से उनके रिश्ते कभी अच्छे नहीं रहे ऐसे में उन्हें अपना नाम बदलवाना था तो महज 10वीं क्लास में ही उन्होंने अपना नाम बदलने के लिए डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में एफिट डेबिट दे दिया। जिसके बाद अदालत ने उनकी मर्जी के अनुसार उनका नाम प्रियकांत से पीयूष रख दिया।

ग्वालियर से दूर जाने के लिए एनएसडी में लिया एडमिशन

पीयूष का बचपन हर उस चीज से गुजरा जो उन्हें बिल्कुल पसंद नहीं थी। ऐसे में उन्होंने ग्वालियर छोड़ने का फैसला कर लिया। पीयूष मिश्रा के अनुसार उन्होंने एनएसडी में एडमिशन इसीलिए लिया ताकि वो ग्वालियर से दूर जा सकें। यहां पढ़ाई के दौरान उन्हें जर्मन डायरेक्टर फ्रिट्ज बैन्जेविच के प्ले हैमलेट में काम करने का मौका मिला। जहां उन्होंने एक्टिंग की बारीकियां सीखीं। फिल्म करियर की बात करें तो पीयूष ने 1998 में आई फिल्म 'दिल से' से अपना एक्टिंग करियर शुरू किया था जिसमें उन्होंने सीबीआई ऑफिसर का रोल प्ले किया था।

ब्लैक फ्राइडे के गीत से गीतकार के तौर पर मिली पहचान

पीयूष मिश्रा को 2004 में आई फिल्म ब्लैक फ्राइडे में उनके गीत 'अरे ओ रुक जा रे बंदे' से पहचान मिली। उस समय इस गीत के बोल देश के हर नौजवान के मुंह पर चढ़ गए थे। जिसके बाद पीयूष ने 2009 में फिल्म गुलाल के लिए 'आरंभ है प्रचंड', फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर के लिए 'एक बगल में चांद होगा' जैसे एक से बढ़कर एक गीत लिखे। आज पीयूष को देश दुनिया में लीग से हटकर गाने लिखने और बेहतरीन एक्टिंग के लिए जाना जाता है।

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