Prakash Raj: प्रकाश राज ने फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' को बताया बकवास, कहा- 'अंतरराष्ट्रीय ज्यूरी ने उन पर थूका'
प्रकाश राज ने कश्मीर फाइल्स को सबसे बकवास फिल्मों में से एक बताया है। उन्होंने फिल्म के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री को भी क्रिटिसाइज किया है। इससे पहले भी इजरायली फिल्ममेकर नदव लापिड इस फिल्म को क्रिटीसाइज कर चुके हैं।
By Priyanka JoshiEdited By: Priyanka JoshiUpdated: Wed, 08 Feb 2023 05:36 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। Prakash Raj on The Kashmir Files: द कश्मीर फाइल्स 2022 की सबसे बेहतरीन फिल्मों में से एक है। इस फिल्म को लोगों का खूब प्यार मिला था। लेकिन फिल्म एक्टर प्रकाश राज को कुछ खास पसंद नहीं आई। इस फिल्म को प्रकाश राज ने सबसे बकवास फिल्म बताया है। उन्होंने कहा है कि ये सबसे बकवास फिल्मों में से एक है। साथ ही उन्होंने फिल्म के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री को शेमलेस और द कश्मीर फाइल्स को एक प्रोपगैंडा फिल्म बताया है।
'द कश्मीर फाइल्स सबसे बकवास फिल्मों में से एक' - प्रकाश राज
प्रकाश राज मातृभूमि इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में गेस्ट के तौर पर पहुंचे थे। यहां उन्होंने द कश्मीर फाइल्स को प्रोपगैंडा पर बेस्ड फिल्म बताया। उन्होंने कहा, 'द कश्मीर फाइल्स बकवास फिल्मों में से एक है, लेकिन हम जानते हैं कि इसे किसने प्रोड्यूस किया था। बेशर्म। अंतरराष्ट्रीय ज्यूरी ने उन पर थूका। वे अब भी बेशर्म हैं। उनका दूसरा साथी, निर्देशक अभी भी कह रहा है, 'मुझे ऑस्कर क्यों नहीं मिल रहा है?' उसे भास्कर भी नहीं मिलेगा'।
'आप हर समय लोगों को बेवकूफ नहीं बना सकते' - प्रकाश राज
प्रकाश राज ने आगे कहा, 'मैं आपको बता रहा हूं क्योंकि वहां एक संवेदनशील मीडिया है। यहां आप प्रोपेगेंडा फिल्म कर सकते हैं। मुझे पता है, मेरे सूत्रों के अनुसार, उन्होंने इस तरह की फिल्में बनाने के लिए लगभग ₹2000 करोड़ का निवेश किया है। लेकिन आप हर समय लोगों को बेवकूफ नहीं बना सकते'।इजरायली फिल्ममेकर ने भी फिल्म को बताया वल्गर
पिछले साल 2022 में इजरायली फिल्ममेकर नदव लापिड ने भी द कश्मीर फाइल्स को वल्गर फिल्म बताया था। उन्होंने 53वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में कहा था कि, '15वीं फिल्म द कश्मीर फाइल्स से हम सभी परेशान और हैरान थे। ये एक अश्लील और प्रचार फिल्म की तरह लगी, जो इस तरह के प्रतिष्ठित फिल्म समारोह के कलात्मक प्रतिस्पर्धी वर्ग के लिए गलत है। इस मंच पर आपके साथ इन इमोशन को खुले तौर पर साझा करने में मुझे पूरी तरह से सहज महसूस हो रहा है। इस त्योहार पर निश्चित रूप से एक आलोचनात्मक चर्चा को भी स्वीकार कर सकते हैं, जो कला और जीवन के लिए आवश्यक है'।