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'रामराज्य' में दिखा था काजोल की नानी का सीता वाला रूप, प्रेम अदीब को भगवान राम समझकर पूजने लगे थे लोग

इंडियन सिनेमा का इतिहास काफी पुराना है। हिंदी सिनेमा में पिछले 100 साल से भी ज्यादा समय से फिल्में बनती आ रही हैं। पर्दे पर रामायण पर आधारित कई फिल्में बन चुकी हैं जिनमें प्रेम अदीब और शोभना समर्थ की फिल्म भी शामिल है।

By Karishma LalwaniEdited By: Karishma LalwaniUpdated: Fri, 09 Jun 2023 07:22 PM (IST)
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Still Images of Prem Adib and Shobhana Samarth

नई दिल्ली, जेएनएन। फिल्म इंडस्ट्री में धार्मिक ग्रंथों पर फिल्में बनाने का इतिहास पुराना है। बॉलीवुड में पुराने जमाने की धार्मिक कथाओं को दिखाती कई फिल्में बनी हैं। इन दिनों रामायण पर आधारित फिल्म 'आदिपुरुष' (Adipurush) ट्रेंड में है, जो कि कुछ ही दिनों में सिनेमाघरों में दस्तक देने के लिए तैयार है। मगर क्या आप जानते हैं कि त्रेतायुग की कहानी को दिखाने वाली फिल्म 'रामराज्य' आई थी।

इस मूवी के किरदार इतने चर्चित हुए कि लोगों ने भगवान राम का किरदार निभाने वाले अभिनेता को पूजना शुरू कर दिया था। जी हां, इस फिल्म से जुड़े कुछ रोचक तथ्य हैं, जिनके बारे में हम आपको बता रहे हैं।

सीरियल से पहले बन चुकी है फिल्म

90 के दशक में रामायण सीरियल आता था, जो आज भी तब की जेनरेशन और ओल्ड जेनरेशन के बीच लोकप्रिय है। यह सीरियल काफी चर्चा में रहा। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि 90 के दशक से पहले रामायण पर ही कई फिल्में बन चुकी हैं।

आजादी से पहले राम सीता की पौराणिक कथा पर एक हिट फिल्म 'रामराज्य' का निर्देशन किया गया था। फिल्म को लेकर एक खास बात भी है कि यह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा देखी गई इकलौती हिंदी फिल्म थी। तो चलिये जानते हैं कि इस मूवी में क्या खास बात थी।

अमेरिका में प्रीमियर होने वाली थी पहली फिल्म

आज से 80 साल पहले यानी कि 1943 में भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास पर आधारित फिल्म रामराज्य रिलीज हुई थी। फिल्म का निर्देशन विजय भट्ट ने किया था। यह फिल्म उस जमाने की तीसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्म बन चुकी थी। इसमें राम और सीता के रोल में प्रेम अदीब और शोभना समर्थ थे।

लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले अभिनेता का नाम उमाकांत था। बता दें कि शोभना समर्थ, काजोल की नानी थीं। यह पहली भारतीय फिल्म थी, जिसका प्रीमियर अमेरिका में हुआ था।

महात्मा गांधी को नहीं पसंद आई थी फिल्म

यह 1943 की तीसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म जरूर थी, लेकिन महात्मा गांधी को एक कारण की वजह से नापसंद थी। कहा जाता है कि 'मिशन टू मॉस्को' के बाद महात्मा गांधी ने अगर कोई फिल्म देखी, तो वह 'रामराज्य' थी। यह इकलौती हिंदी फिल्म थी, जिसे उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी में देखी।

लोग देने लगे थे भगवान का दर्जा

'रामराज्य' और भी कई मायनों में खास है। बताया जाता है कि यह वह फिल्म है, जिसके लिए प्रेम अदीब ने सिगरेट और नॉन-वेज छोड़ दिया था। उनकी भूमिका लोगों को इतनी पसंद आई कि गाड़ियों में उनकी फोटो भगवान राम के तौर पर होती थी। यहां तक कि उनकी आरती भी उतारी जाती थी।

रामायण पर हुए कई प्रयोग

'रामराज्य' अमेरिका में प्रीमियर होने वाली पहली इंडियन मूवी थी। 5 मई को न्यूयॉर्क के म्यूजियम ऑफ आर्ट में फिल्म का प्रीमियर रखा गया था। इस फिल्म के बाद भी रामायण पर कई प्रयोग हुए, और इसकी कहानी को दिखाने के लिए कई फिल्में बनीं। एनिमेटेड वर्जन से लेकर अलग भाषाओं में बड़े पर्दे पर कुछ फिल्में रिलीज हुईं।

8 फिल्मों में प्रेम आदीब ने निभाया था राम का किरदार

'रामराज्य' प्रेम अदीब की दूसरी फिल्म थी, जिसमें उन्होंने भगवान राम का रोल क्या था। इसके पहले 1942 में आई 'भरत मिलाप' में उन्होंने भगवान राम का रोल प्ले किया था। इसके बाद छह और मूवीज में भगवान राम का किरदार निभाया। इसके बाद वह बाण (1948), राम विवाह (1949), राम नवमी (1956), राम हनुमान युद्ध (1957), राम लक्ष्मण (1957) और राम भक्त विभीषण (1958) में भगवान राम की भूमिका में नजर आए थे।

रामायण पर आधारित हैं ये फिल्में भी

अब तक रामायण या राम कथा को दिखातीं कुल 49 भारतीय फिल्में बन चुकी हैं। 1931 में 'चंद्रसेना' रिलीज हुई थी, जो कि साइलेंट इंडियन मूवी है। मूवी का निर्देशन वी शांताराव और केशवराव धाईबर ने किया था। इसके पहले 1917 में साइलेंट मूवी 'लंका दहन' आई थी, जिसका निर्देशन दादासाहेब फाल्के ने किया था। इसके अलावा रामायण पर यह फिल्में भी थीं आधारित।

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