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Raj Kapoor Birth Anniversary: 24 की उम्र में शुरू किया आरके स्टूडियो, फिल्म के लिए घर तक रख दिया गिरवी

Raj Kapoor Birth Anniversary भारतीय सिनेमा के शो मैन राज कपूर ने अपने पीछे हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की बड़ी विरासत छोड़ी है। उन्होंने अपने जमाने में न सिर्फ बेहतरीन अभिनय किया बल्कि कम उम्र में निर्देशन की जिम्मेदारी भी अपने कंधों पर ले ली।

By Karishma LalwaniEdited By: Updated: Wed, 14 Dec 2022 05:08 PM (IST)
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File Photos of Late Actor Raj Kapoor
नई दिल्ली, जेएनएन। Raj Kapoor Birth Anniversary: बॉलीवुड के शो मैन कहे जाने वाले राज कपूर की आज 98वीं बर्थ एनिवर्सरी है। 14 दिसंबर, 1924 को अंग्रेजी हुकुमत के पेशावर में कपूर हवेली में जन्में राज कपूर, पृथ्वीराज कपूर और रामसरणी मेहरा के छह बच्चों में सबसे बड़े भाई थे। राज, फिल्मी परिवार से ताल्लुक रखते थे। इसलिए अभिनय उनके खून में बसता था। 10 साल की उम्र में बच्चे जब स्कूल में पढ़ने जाते हैं, उस उम्र में राज कपूर ने फिल्म करना शुरू कर दी थी। बतौर बाल कलाकार उनकी पहली मूवी 'इंकलाब' थी। हालांकि, उन्हें बड़ा ब्रेक 1947 में मिला, जब उन्होंने आइकॉनिक अदाकारा मधुबाला के साथ 'नील कमल' में काम किया। इसके बाद उनका अभिनय करियर बढ़ता ही चला गया। लेकिन राज कपूर यहीं तक रुकने नहीं वाले थे। 20 की उम्र के बाद जब अधिकतर अभिनेता रिस्क न लेते हुए अपने एक्टिंग करियर पर फोकस करते हैं, उस उम्र में राज कपूर ने निर्देशन की पारी शुरू की।

राज कपूर ने 24 की उम्र में आर.के स्टूडियोज नाम से स्टूडियो स्थापित किया। वह अपने जमाने के सबसे कम उम्र के निर्देशक भी बन गए। बतौर निर्देशक उनकी पहली फिल्म 'आग' थी। उनकी पहली मूवी की हीरोइन थी्ं नरगिस। हालांकि, उनके एक्टिंग करना बंद नहीं किया। एक अभिनेता के रूप में उन्हें सबसे बड़ी सफलता मिली 1949 में आई फिल्म 'अंदाज' से। इसके बाद आई 'बरसात।' यह वह फिल्म थी जिसके जरिये राज कपूर को एक साथ निर्माता, निर्देशक और स्टार के रूप में पहली सफलता हाथ लगी।

यह हीरोइनें रहीं हैं राज कपूर की खोज

बतौर अभिनेता और निर्देशक राज कपूर ने कई हीरोइनों को अपनी फिल्मों में ब्रेक दिया, जो आगे चलकर बहुत बड़ा नाम बन गए। यह कोई छोटे-मोटे कलाकार नहीं थे, बल्कि राज कपूर से मिले ब्रेक के बाद इन्होंने इंडस्ट्री को बहुत कुछ लौटाया। यह एक्ट्रेस हैं हेमा मालिनी, सिमी ग्रेवाल, पद्मिनी कोल्हापुरे, मंदाकिनी और साधना। राज कपूर ने अपनी फिल्म 'सपनों का सौदागर' में हेमा मालिनी को हीरोइन के लिए चुना था। तब हेमा मालिनी की उम्र 16 वर्ष थी।

इसी तरह 'मेरा नाम जोकर' से सिमी ग्रेवाल को इंडस्ट्री में ब्रेक मिला। यह फिल्म राज कपूर के निर्देशन में ही बनी थी। पद्मिनी कोल्हापुरे को राज कपूर ने 'सत्यम शिवम सुंदरम' में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट फिल्मी दुनिया से रुबरू कराया था। 'राम तेरी गंगा मैली' में मंदाकिनी को लाने वाले राज कपूर ही थे। अपने जमाने की टॉप एक्ट्रेस रहीं साधना को भी फिल्म इंडस्ट्री में लाने वाले राज कपूर ही थे। राज कपूर ने अपने पूरे करियर में 'आवारा', 'श्री 420', 'जागते रहो' जैसी हिट फिल्मों का भी निर्माण किया।

वैश्विक स्तर पर लहराया परचम

राज कपूर ने 1951 में 'आवार' और 1954 में 'बूट पॉलिश' का निर्माण किया। उनकी यह दोनों फिल्में कान्स फिल्म फेस्टिवल में पाल्म जी' ओर भव्य पुरस्कार के लिए नॉमिनेट हुईं। टाइम पत्रिका ने 'आवारा' में उनकी परफॉर्मेंस को पूरी दुनिया में टॉप 10 ग्रेटेस्ट परफॉर्मेंस में से एक माना था। राज कपूर की लोकप्रियता इतनी फैली थी कि 1965 में उन्हें चौथे मॉस्को इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में जूरी का सदस्य चुना गया था।

सिनेमा में योदगान के लिए उन्हें 1971 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। उनके खाते में 9 फिल्मफेयर और 1987 में मिले दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड भी है।

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