वह फिल्म जिसने राज कपूर की जिंदगी में ला दिया भूचाल, पत्नी ने छोड़ दिया था घर, फिर पड़ी इनकम टैक्स रेड और...
त्रिकोणीय प्रेम संबंध पर बनी फिल्म ‘संगम’ कैसे इस फिल्म के नायक राज कपूर के जीवन का एक निजी क्षण भी बता गई। यह फिल्म राज कपूर और उनके परिवार के लिए वह टर्निंग प्वाइंट साबित हुई जिसने भूचाल ला दिया। 18 जून को प्रदर्शन के 60 वर्ष पूरे कर रही फिल्म ‘संगम’ से जुड़े रहस्य खोलता अनंत विजय का आलेख...
अनंत विजय, मुंबई। आज से 60 वर्ष पहले बनी फिल्म ‘संगम’ का एक गाना, ‘ओ मेरे सनम, ओ मेरे सनम’ रिलीज हुआ था। उस गीत के पहले के एक दृश्य को याद करिए। फिल्म में आईने के सामने बैठकर वैजयंतीमाला गहने पहन रही होती हैं। राज कपूर आते हैं और नायिका से दूसरा गहना पहनने का अनुरोध करते हैं।
वैजयंतीमाला कहती हैं कि तुम अपनी पसंद के गहने निकाल लाओ। जब वो लॉकर से गहना निकाल रहे होते हैं तो उनके हाथ एक प्रेम पत्र लगता है। वो उसको पढ़ने लगते हैं। वो जानना चाहते हैं कि किसने लिखा। तभी फोन की घंटी बजती है। वैजयंतीमाला उनके हाथ से प्रेम पत्र लेकर फोन उठाने दूसरे कमरे में चली जाती हैं। फोन पर बात करते-करते वो प्रेम पत्र फाड़कर खिड़की से बाहर फेंक देती हैं।
राज कपूर की फिल्म है 'संगम'
राज कपूर ये देख लेते हैं। जब वो दोनों पार्टी में जाने के लिए निकलते हैं, तो राज कपूर रुमाल भूलने का बहाना करके वापस घर में घुसते हैं। खिड़की के बाहर फटे प्रेम पत्र को उठा रहे होते हैं। वैजयंतीमाला को शक हो जाता है। वो भी वापस कमरे में आती हैं। दोनों में झगड़ा होता है। फिर राज कपूर पिस्तौल लेकर आते हैं और वैजयंतीमाला से कहते हैं कि जब तक उनको ये पता नहीं चल जाएगा कि ये खत किसने लिखे, तब तक वो अंगारों पर लोटते रहेंगे, जैसे ही पता चलेगा वैसे ही ये अंगारा उसके सीने में उतार देंगे।इस संवाद के बाद दरवाजा बंद हो जाता है। पर्दे पर कुछ देर के लिए सन्नाटा। आपको लग रहा होगा कि इस दृश्य के बारे में विस्तार से चर्चा क्यों? वो इसलिए कि यह दृश्य राज कपूर की असली जिंदगी में घटित हुआ था, जिसको उन्होंने फिल्म ‘संगम’ में उतार दिया।
एक पत्र को लेकर राज कपूर और नरगिस में हुआ था झगड़ा
बात 1955 की है, राज कपूर और नरगिस मद्रास (अब चेन्नई) में फिल्म ‘चोरी चोरी’ की शूटिंग कर रहे थे। उस दौरान एक दिन दोनों के बीच जबरदस्त झगड़ा हुआ था। वह झगड़ा एक प्रेम पत्र को लेकर हुआ था। लगभग तीन दशक बाद राज कपूर ने पत्रकार सुरेश कोहली से बातचीत करते हुए ये स्वीकार भी किया था। जब दोनों के बीच बातचीत हो रही थी, तो अचानक राज कपूर ने अपनी दराज से एक फ्रेम किया हुआ पत्र निकाला। उस पत्र के कुछ हिस्से गायब थे।
फटे हुए टुकड़ों को चिपकाकर फ्रेम करवाया गया था। राज कपूर ने उस दिन की बातचीत में दिल खोल दिया था, ‘पूरी दुनिया कहती है कि मैंने नरगिस को धोखा दिया, लेकिन कहानी इसके उलट है। हुआ ये कि हम लोग एक पार्टी में जाने वाले थे। देर हो रही थी। मैं नरगिस के पास पहुंचा, तो देखा उसके हाथ में एक कागज था। मैंने उससे पूछा कि क्या है तो उसने कहा, कुछ नहीं, कुछ नहीं। इतना कहकर उसने उस कागज को फाड़ दिया और मेरे साथ चल पड़ी।