दिलीप कुमार को नौकर से क्यों पिटवाना चाहते थे राज कुमार? अमरीश पुरी के विग पहनने पर कसा था तंज
28 जुलाई 1965 को प्रदर्शित हुई फिल्म ‘वक्त’ ने अभिनेता राज कुमार (Raaj Kumar) को शोहरत की बुलंदियों पर पहुंचा दिया था। फिल्म जगत में मुंहफट अंदाज के लिए चर्चित राज कुमार को निजी जीवन में करीब से जानने वाले फिल्मकार राहुल रवेल ने कुछ किस्से साझा किये हैं जिनसे शायद ही आप वाकिफ होंगे। जानिए उन्हें क्या-क्या कहा है।
कीर्ति सिंह, मुंबई। चिनाय सेठ जिनके घर शीशे के बने होते हैं वो दूसरों पर पत्थर नहीं फेंका करते’ फिल्म ‘वक्त’ में राज कुमार (Raaj Kumar) के इस संवाद पर सिनेमाघरों में बैठे दर्शकों की तालियों की गड़गड़ाहट थमती नहीं थी, वहीं ‘हमराज’ फिल्म में उनकी एंट्री का दृश्य, जिसमें कैमरा उनके सफेद जूतों को दिखाता है, चेहरे पर कैमरा आकर टिकने से पहले ही दर्शकों की सीटियां और तालियां बता देती थीं कि हर आयु वर्ग में उनका क्रेज किस कदर था।
बेबाक थे राज कुमार
आदत में समाई थी साफगोई मीडिया में अक्सर कहा गया कि राज कुमार में अहंकार था, पर मुझे लगता है कि वह उनकी साफगोई थी। वह इस बात का विचार नहीं करते थे कि सामने वाला क्या सोचेगा। बेबाग बोलने की यह आदत अभिनेता बनने से पहले पुलिस में सब इंस्पेक्टर की नौकरी की वजह से थी।
राज कुमार ने अमरीश पुरी पर कसा था तंज
राज कुमार ने अमरीश पुरी के साथ ‘हिंदुस्तान की कसम’ और ‘सूर्या: एन अवेकनिंग’ जैसी कई हिट फिल्में दी थीं। एक बार दोनों साथ में शूटिंग कर रहे थे। उस दृश्य में अमरीश पुरी ने विग पहनी थी। एक टेक के बाद अमरीश पुरी संतुष्ट नहीं थे। तब राज कुमार तपाक से बोले कि विग लगाकर हर गंजा राज कुमार नहीं बन सकता। ये अमरीश जी पर तंज था, पर स्वयं के साथ भी उन्होंने विनोद किया था। दरअसल राज कुमार स्वयं विग लगाते थे, ये स्वीकार करने में उन्हें हिचक नहीं थी, हालांकि वह कभी बगैर विग किसी के सामने नहीं आए। असल जीवन में भी हीरो असल जीवन में भी उनका स्टाइल अलग ही था।राजेंद्र कुमार संग ठुकराई फिल्म
फिल्म ‘लव स्टोरी’ की बात है। मैं फिल्म निर्देशित कर रहा था और राजेंद्र कुमार फिल्म के निर्माता थे। हम सभी चाहते थे कि राज कुमार फिल्म का हिस्सा बनें। राज कुमार को राजेंद्र कुमार के घर बुलाया गया, उन्होंने कहानी सुनी और वो फिल्म करने को राजी हो गए। उन्हें लड़की के पिता का रोल करना था, उन्होंने ये भी हामी भरवा ली कि शूटिंग से 15 दिन पहले वह कश्मीर आएंगे। घूमेंगे-फिरेंगे, गोल्फ खेलेंगे, तब शूटिंग करेंगे।
लौटा दी थी साइनिंग अमाउंट
उन्हें साइनिंग अमाउंट दिया गया। लिफाफे को चूमकर उन्होंने रख लिया। राज कुमार की गाड़ी आगे बढ़ गई। हम सब राहत की सांस ले रहे थे कि सब फाइनल हो गया, इतनी देर में गाड़ी रिवर्स होकर आई और राज कुमार ने पूछा कि लड़के के पिता का रोल कौन करेगा, तब मैंने बताया कि राजेंद्र जी करेंगे। राज कुमार ने कहा कि तुम निर्देशक तो अच्छे हो, पर ऐसा तो हो नहीं सकता कि राजेंद्र कुमार के साथ राज कुमार काम करेंगे। इतना कहकर उन्होंने लिफाफा लौटा दिया। राजेंद्र कुमार वहीं सामने खड़े थे, पर वो उनकी ओर मुखातिब तक नहीं हुए।शत्रु भी करते थे सम्मान
राज कुमार ने इस बात का हमेशा ध्यान रखा कि उनका पात्र दमदार हो। सह कलाकारों को लेकर भी उनकी अपनी पसंद थी। ‘पैगाम’ के बाद से ही दिलीप कुमार के साथ उनके रिश्ते में खिंचाव था। मेरे पिता एच.एस. रवेल फिल्म ‘संघर्ष’ में दिलीप कुमार और राज कुमार को लेना चाहते थे। राज कुमार ने कहानी सुनी और बोले कि क्लाइमेक्स में थोड़ा बदलाव करना होगा।यह भी पढ़ें- नीतू कपूर और ऋषि कपूर में होते थे झगड़े, देख डर जाते थे Ranbir Kapoor, कहा- 'वे बुरे दौर से गुजर रहे थे'