राजस्थान के झुंझुनू जिले में एक छोटा-सा कस्बा मंडावा (Mandawa) है जो अपनी पुरानी हवेलियों और किलों के लिए जाना जाता है। बॉलीवुड का इस जगह से खास नाता है। यहां खुले मैदानों और रेत के टीलों हैं जिन्हें फिल्मों में पाकिस्तान के हिस्से के रूप में दिखाया जाता रहा है। सलमान खान की फिल्म बजरंगी भाईजान के कई दृश्यों में मंडावा शामिल है।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। खूबसूरत लोकेशंस फिल्मों की जान होती हैं। कई बार ये कहानी की मांग तो कभी विजुअल अपील बढ़ाने के लिए इस्तेमाल होती हैं। इन लोकेशंस की खोज की प्रक्रिया को रेकी कहा जाता है और निर्देशक शूट शुरू होने से पहले दृश्यों की जरूरत के हिसाब से देश-विदेश की खान छानते फिरते हैं, ताकि उपयुक्त लोकेशन मिल जाए।
देश में भी कुछ लोकेशंस ऐसी हैं, जो खास तरह के दृश्यों को फिल्माने के लिए सटीक समझी जाती हैं। ऐसी एक जगह है राजस्थान के झुंझुनू जिले में स्थित मंडावा, जो अपनी पुरानी हवेलियों और किलों के लिए जाना जाता है।
यहां खुले मैदानों और रेत के टीले हैं, जिन्हें फिल्मों में पाकिस्तान के हिस्से के रूप में दिखाया जाता है। जब कभी पाकिस्तान से सटे सीमावर्ती इलाकों को पर्दे पर दिखाने की जरूरत होती है तो फिल्ममेकर्स को याद आता है मंडावा। सलमान खान की फिल्म बजरंगी भाईजान के कई सींस में मंडावा मौजूद है।
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आमिर से सलमान तक पहुंचे मंडावा
बजरंगी भाईजान की ज्यादातर शूटिंग इसी खूबसूरत शहर में हुई थी। फिल्म में दिखाया गया इंडो-पाक बॉर्डर भी मंडावा का ही है। इसके अलावा आमिर खान की फिल्म
पीके के भी कई हिस्से यहां शूट हुए है। स्पेस से आए आमिर खान पहली बार पृथ्वी के जिस हिस्से पर कदम रखते हैं, वो भी मंडावा में स्थित है। पीके में आमिर खान को समोसा ऑफर करने वाली दुकान भी मंडावा की एक लोकल शॉप है।
मंडावा बॉलीवुड के लिए है लकी
मंडावा अपनी सुंदरता के साथ- साथ लागत के मामले में भी किफायती है। यहां शूटिंग काफी सस्ती पड़ती है और मनचाही लोकेशन भी मिल जाती है। ऐसे में ये जगह निर्माता- निर्देशकों की पसंद रहा है। बॉलीवुड के यहां पहुंचने का एक और बड़ा कारण है। फिल्ममेकर्स इस कस्बे को अपनी फिल्मों के लिए लकी समझते हैं।
इन फिल्मों की हुई शूटिंग
कई बार तो सिर्फ गाने की शूटिंग के लिए निर्देशक मंडावा पहुंच जाते हैं। ऐसी ही एक फिल्म है करीना कपूर और शाहिद कपूर की
जब वी मेट। फिल्म की कहानी का राजस्थान से कोई लेना-देना नहीं था, लेकिन गाना आओ मिले चले की शूटिंग मंडावा में की गई।छोटी- बड़ी कई तरह की फिल्में मंडावा में शूट हो चुकी है। इनमें कच्चे धागे, गुलामी, दिल्ली चलो, लव आजकल, गुलामी, पहेली, ए दिल है मुश्किल, मिर्जा, मिमी, बोले चूडियां समेत कई फिल्में यहां शूट हो चुकी।
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दिल्ली से बस 5 घंटे की दूरी
मंडावा घूमने के लिहाज से भी काफी पॉपुलर है। यहां हर साल हजारों लोग घूमने-फिरने आते हैं। मंडावा के साथ-साथ इसके आसपास के इलाकों में चूरू, झुंझुनू, सीकर, नागौर, बीकानेर, हनुमानगढ़ व गंगानगर मौजूद हैं। अगर आप दिल्ली या फिर राजधानी के आसपास के रहने वाले हैं तो अगली बार मंडावा घूमने जरूर जाएं, क्योंकि ये दिल्ली से सिर्फ 5 घंटे (257.3 किमी) की दूरी पर है।