Rajiv Gandhi Death Anniversary: ऐसे पकड़े गए थे राजीव गांधी के हत्यारे, इस वेब सीरीज से होगा खुलासा
Rajiv Gandhi Death Anniversary अनिरुद्ध मित्रा की किताब ‘90 डेज द ट्रू स्टोरी ऑफ द हंट फॉर राजीव गांधी असैसिन पर अब एक वेब सीरीज बन रही है। इससे पता चलेगा कि कैसे राजीव गांधी के हत्यारे पकड़े गए थे।
By Ruchi VajpayeeEdited By: Ruchi VajpayeeUpdated: Sun, 21 May 2023 04:25 PM (IST)
स्मिता श्रीवास्तव, मुंबई। Rajiv Gandhi Death Anniversary: 21 मई 1991, रात करीब 10.20, चेन्नई से 42 किमी उत्तर में श्रीपेरंबुदूर में एक चुनावी रैली में एक युवती ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को माला पहनानी चाही। तो सब इंस्पेक्टर अनुसुइया ने उसे रोक दिया, लेकिन राजीव ने कहने पर उसे आने दिया गया। माला पहनाने के बाद जैसे ही वह उनके पांव छूने के लिए झुकी उसने अपनी कमर में बंधे बटन को दबा दिया तभी जोरदार धमाका हुआ। उसमें वह मारे गए।
कैसे पकड़े गए थे राजीव गांधी के हत्यारे?
साल 1991 के आम चुनावों में राजीव गांधी की सत्ता में वापसी न हो यह सुनिश्चित करने के लिए लिट्टे (लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम) ने उनकी हत्या की साजिश रची थी। आत्मघाती हमलावर महिला की पहचान धनु के तौर पर हुई थी। पुलिस ने इस मामले में कई लोगों को आरोपी बनाया था, जिनमें पेरारिवलन, मुरुगन, संथन, रविचंद्रन, रॉबर्ट पायस, जयकुमार और नलिनी श्रीहरन शामिल थे। सीबीआई की विशेष जांच टीम इन लोगों तक कैसे पहुंची? इन साजिशकर्ताओं की पहचान कैसे हुई इस पर अनिरुद्ध मित्रा ने ‘90 डेज: द ट्रू स्टोरी ऑफ द हंट फॉर राजीव गांधीज असैसिन" किताब लिखी है।
इस किताब से हुआ खुलासा
इसी किताब पर आधारित वेब सीरीज का निर्देशन नागेश कुकुनूर कर रहे हैं। इस सीरीज को अप्लाज एंटरटेनमेंट द्वारा बनाया जा रहा है। फिलहाल शो की शूटिंग चल रही है। शो में साहिल वैद्य सीबीआइ अधिकारी की भूमिका में है जो कि किताब का नायक है। राजीव की हत्या के समय अनिरुद्ध प्रतिष्ठित पत्रिका में काम कर रहे थे। किताब लिखने के संबंध में वह बताते हैं, ‘यह घटना करीब 32 साल पुरानी है। जब यह किताब लिखी तब 30 साल हो चुके थे। दोस्तों ने कहा कि तुम्हें किताब लिखना चाहिए। जब मैं कोई काम करता हूं तो उसमें पूरी तरह डूब जाता हूं।अब बन रही है वेब सीरीज
प्रकाशक हार्पर कोलिंस को चिट्ठी लिखा उन्होंने एकदम से कहा कि मैनुस्क्रिप्ट भेज दीजिए। मुझे यकीन नहीं हुआ। इस विषय पर कई दिग्गजों डीआर कार्तिकेयन (जांच अधिकारी) ने किताब लिखी, पूर्व सीबीआई अधिकारी के. रघोत्तम और पत्रकार नीना गोपाल ने किताब लिखी है। मैंने हमेशा सोचा कि इन लोगों ने किताब लिखी तो हम क्या लिखेंगे। लेकिन प्रकाशक को मैनुस्क्रिप्ट पसंद आई। यह विषय काफी संवेदनशील है तो उनके पास करीब डेढ़ साल का समय लगा।
90 दिनों में सॉल्व हुई थी मिस्ट्री
90 डेज शीर्षक इसलिए दिया क्योंकि हत्या का दिन 21 मई था। उसके अगले दिन यानी 22 मई से जांच आरंभ हुई। उस दिन से लेकर हत्याकांड के मास्टरमाइंड एक आंख वाले श्रीलंकाई शिवरासन ने बेंगलूर से करीब 12 मील दूर कोननकुटा (Konanakunta) में आत्मसमर्पण करने से इन्कार कर दिया और खुद को गोली मार ली थी। उस दिन वास्तव में 90 दिन पूरे हुए थे। मुझे लगा कि किताब का नाम भी कुछ ऐसा ही होना चाहिए। उन 90 दिनों में क्या हुआ था किताब में मैंने उसके बारे में लिखा।कौन निभाएगा राजीव गांधी का किरदार?
शो में राजीव की कास्टिंग को लेकर वह कहते हैं कि उसके लिए किसी खास कलाकार की जरुरत नहीं है, क्योंकि राजीव का किरदार बहुत कम है। शिवरासन की भूमिका को अभिनेता सदाशिव अमरापुरकर निभाना चाहते थे। इस बाबत अनिरुद्ध बताते हैं कि मैंने प्रिंट मीडिया से यू टीवी में आया। यूटीवी में लंबे समय तक काम किया। उस समय सीहॉक नामक शो को अनुभव सिन्हा ने निर्देशित किया था1 मैं उसका कार्यकारी निर्माता और राइटर था। उन दिनों किसी ने यूटीवी संस्थापक जरीना मेहता और रोनी स्क्रूवाला को बोला था कि अनिरुद्ध का पत्रिका में प्रकाशित आलेख थ्रिलर की तरह है। आप लोग उस पर शो क्यो नहीं बनाते हैं। उन्होंने मुझसे मेरे आलेखों की कटिंग मांगी।