Srikanth: राजकुमार राव की 'श्रीकांत' बनाने में लगे 5 साल, दिल छू लेगी फिल्म की हीरोइक कहानी
निर्देशक तुषार हीरानंदानी को बायोपिक के लिए कहानियों के अधिकार हासिल करने का अच्छा खासा अनुभव हो गया है। सांड की आंख और स्कैम 2003 द तेलगी स्टोरी के बाद तुषार फिर से बायोपिक फिल्म श्रीकांत आ रहा है सबकी आंखें खोलने ले आए हैं। यह फिल्म नेत्रहीन उद्योगपति श्रीकांत बोला (Srikanth Bolla) की जिंदगानी पर बनी है। इस बायोपिक में राजकुमार राव (Rajkummar Rao) लीड रोल निभा रहे हैं।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। निर्देशक तुषार हीरानंदानी को बायोपिक के लिए कहानियों के अधिकार हासिल करने का अच्छा खासा अनुभव हो गया है। सांड की आंख और स्कैम 2003: द तेलगी स्टोरी के बाद तुषार फिर से बायोपिक फिल्म श्रीकांत आ रहा है सबकी आंखें खोलने ले आए हैं। यह फिल्म नेत्रहीन उद्योगपति श्रीकांत बोला की जिंदगानी पर बनी है।
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श्रीकांत का दिखेगा हीरोइक अंदाज
दैनिक जागरण से बातचीत में तुषार कहते हैं, "मैं बायोपिक्स इसलिए ज्यादा बनाता हूं, क्योंकि मुझे वह लोग हीरो लगते हैं। दिव्यांगों पर कई कहानियां बनी हैं, लेकिन मुझे श्रीकांत की जिंदगी बहुत प्रेरणादायक लगी। वह खुद को कमजोर या बेचारा नहीं समझते हैं। कई बार मेकर्स ऐसी कहानियों को या तो कॉमेडी या बहुत ट्रैजिक बना देते हैं। मुझे उन्हें हीरोइक अंदाज में दिखाना था।"5 साल में तैयार हुई फिल्म
उन्होंने आगे कहा, "श्रीकांत से उनकी जिंदगानी पर फिल्म बनाने के अधिकार लेने से लेकर यह फिल्म बनाने तक मुझे पांच साल लगे। पहले उनकी बायोपिक बनाने के राइट्स किसी और के पास थे। वहां से मेरे पास आते-आते ही एक साल लगा। मुझे वास्तविक कहानियों को मसाला फिल्मों के अंदाज में पेश करना पसंद है। श्रीकांत की जिंदगी के अहम मोड़ मैंने फिल्म में जरूर लिए हैं, लेकिन उसके अलावा सब कुछ क्रिएट किया है, क्योंकि इसे डाक्यूमेंट्री नहीं बनानी थी।"यह भी पढ़ें- प्लास्टिक सर्जरी की अफवाह पर Rajkummar Rao ने तोड़ी चुप्पी, कहा- मैंने फिलर वर्क करवाया और उससे मुझे...