राखी गुलज़ार कितनी बदल गयी हैं अब, उन्हें इस हाल में देख पहचान नहीं पायेंगे आप
आज अगर आप उन्हें देखें तो पहली नज़र में पहचान भी नहीं पाएंगे। राखी इस समय अकेली ही रहती हैं। उनके करीबी बताते हैं कि अपनी शांत ज़िंदगी जीना उन्हें पसंद हैं।
By Hirendra JEdited By: Updated: Sun, 28 Oct 2018 07:41 AM (IST)
मुंबई। ‘ओ साथी रे तेरे बिना भी क्या जीना’! यह गीत उन्हीं के लिए कभी सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने गाया था लेकिन, असल जीवन और फ़िल्मी जीवन में यही तो सबसे बड़ा फ़र्क है? मसलन यह कि 15 अगस्त 1947 को जन्मीं राखी आज जितनी अकेली, सबसे कटी हुई और गुम है उस अहसास को शब्दों में नहीं ढाला जा सकता।
वो कभी लाखों, करोड़ों दिलों की धड़कन थीं। आज अपनी कर्मभूमि मुंबई से पचास किलोमीटर दूर पनवेल के किसी फॉर्म हाउस में रहने के लिए विवश है! कम दिखती हैं, कम बोलती हैं, अपनी दुनिया में खोयी रहती हैं। पर, हमेशा से ऐसा नहीं था। एक दौर ऐसा भी रहा है कि उनके पलट के देख भर लेने से मौसम रुक जाया करता था। राखी के करियर की सबसे बड़ी विशेषता है कि वह फ़िल्मों या रोल के पीछे दूसरी अभिनेत्रियों की तरह कभी नहीं दौड़ी। उन्होंने हमेशा ऐसे रोल किए, जिससे उनकी एक सही इमेज दर्शकों के दिल-दिमाग में लंबे समय तक दर्ज रह सकें। राखी के जीवन की यादगार फ़िल्म है यश चोपड़ा की 'कभी कभी'। आगे बढ़ने से पहले आइये देखते हैं राखी आज कैसी दिखती हैं!
राखी ने अपने दौर के तमाम दिग्गज डायरेक्टर्स के साथ काम किया। सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के साथ उन्होंने 11 फ़िल्में की हैं। सब की सब दमदार! कभी वो बिग बी की प्रेमिका बनी तो कभी सेक्रेटरी तो कभी मां हर रूप में नज़र आयीं। गौरतलब है कि राखी ने हीरो के मां के रोल में कई यादगार भूमिकाएं की हैं जिनमें करण- अर्जुन, सोल्जर, बाजीगर जैसे फ़िल्मों के नाम लिए जा सकते हैं। उस दौर में वह सबसे अधिक पारिश्रमिक लेने वाली मां थीं।
राखी की ज़िंदगी में गुलजार का आना एक मोड़ लेकर आया। 1973 में गुलजार से शादी करने के बाद उन्होंने गुलज़ार के कहने पर फ़िल्मों में काम न करने का फैसला किया। पर जब उनकी बेटी मेघना लगभग डेढ़ वर्ष की थी तब यह रिश्ता भी टूट गया। हालांकि दोनों में तलाक नहीं हुआ और मेघना को भी हमेशा दोनों का प्यार मिला, पर अकेलेपन के इस दर्द के बीच उन्होंने फ़िल्मों में काम करने को ही जीने का जरिया बना लिया। आपको याद होगा पिछले साल होली के मौके पर राखी और गुलज़ार की यह तस्वीरें खूब वाइरल हुई थीं!
गुलज़ार से अलग होने के बाद राखी के लिए उनकी दूसरी पारी धमाकेदार रही जिसमें उन्होंने कई हिट फ़िल्में दीं। इनमें कभी-कभी,कसमे वादे, त्रिशूल, मुकद्दर का सिकंदर, दूसरा आदमी, जुर्माना, काला पत्थर आदि शामिल हैं। 2009 के बाद वो बड़े पर्दे पर नहीं दिखीं और छोटे पर्दे पर उनकी दिलचस्पी कभी रही नहीं। ऐसे में सबसे कटते हुए राखी धीरे-धीरे बॉलीवुड की ग्लैमरस लाइफस्टाइल से दूर हो गयीं।
आज अगर आप उन्हें देखें तो पहली नज़र में पहचान भी नहीं पाएंगे। फ़िल्मफ़ेयर से लेकर नेशनल अवॉर्ड और पद्मश्री पुरस्कार तक सब मिला है इन्हें बस ऐसा एक साथी नहीं मिला जो उनके लिए कह सके ‘तेरे बिना भी क्या जीना’। राखी इस समय अकेली ही रहती हैं। उनके करीबी बताते हैं कि अपनी शांत ज़िंदगी जीना उन्हें पसंद हैं।