Raksha Bandhan 2022: धर्मेंद्र के लिए किसी सगे से बढ़कर थीं मुंहबोली बहन, मुंबई में संघर्ष के दिनों में दी थी पनाह
Raksha Bandhan 2022 धर्मेंद्र पंजाब के एक गांव से हीरो बनने का सपना लेकर मुंबई पहुंचे थे। पर्दे पर वो भले ही गरम-धरम वाली इमेज रखते हों मगर असल जिंदगी में काफी भावुक हैं और अक्सर अपने शुरुआती रिश्तों को याद करते हैं।
By Manoj VashisthEdited By: Updated: Mon, 08 Aug 2022 09:19 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। रक्षा बंधन का त्योहार सिर्फ हर्षोल्लास लेकर नहीं आता, बल्कि भावनाओं का एक ज्वार लेकर आता है। भाई की कलाई पर बंधा बहन का प्यार, नोकझोंक और ढेर सारी यादें। कलाई पर बंधे इस धागे ने ऐसे रिश्तों को भी मजबूती से बांधा है, जिनके बीच खून का संबंध नहीं होता।
हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में ऐसे रिश्तों की कमी नहीं है। हिंदी फिल्मों के सबसे हैंडसम और लोकप्रिय सितारों में से एक धर्मेंद्र भी सालों पहले ऐसे ही एक रिश्ते से बंधे थे। मुंबई में संघर्ष के दिनों में धर्मेंद्र को एक ऐसी बहन मिली, जिसने उन्हें ना सिर्फ सिर छिपाने की जगह दी, बल्कि अपने भाई की तरह घर में रखा। रिश्तों को लेकर बेहद संवेदनशील धर्मेंद्र अपनी इस बहन को कभी नहीं भूले और रक्षा बंधन पर वो उन्हें राखी बांधती रहीं।
मुंबई के माटुंगा रोड इलाके में रहती थीं धर्मेंद्र की बहन
अपनी इस मुंहबोली बहन के बारे में धर्मेंद्र ने खुद ही सोशल मीडिया के जरिए खुलासा किया था। 2020 में रक्षा बंधन के मौके पर उन्होंने सोशल मीडिया में अपनी इस बहन के साथ राखी बंधवाते हुए फोटो पोस्ट की थी और इसके साथ भावुक संदेश भी लिखा। धर्मेंद्र ने लिखा था- इस प्यारी बहन ने... मेरे कड़े संघर्ष के दिनों में मेरी देखभाल की थी... इतने बड़े शहर में मैं अकेला था... उन्होंने मुझे पनाह दी थी।इससे पहले 2019 में धर्मेंद्र ने अपनी बहन को याद करते हुए बताया था कि वो उन्हीं के गांव की थीं और मुंबई के माटुंगा रोड इलाके में रेलवे क्वार्टर में रहती थीं। उनके क्वार्टर का नम्बर 75 था। धर्मेंद्र ने लिखा कि उनका निधन हो चुका है। हर साल वो धर्मेंद्र को राखी बांधती थीं और रक्षा बंधन पर उनकी बहुत याद आती है।
बता दें, धर्मेंद्र का जन्म 8 दिसम्बर 1935 को लुधियाना जिले के साहनेवाल गांव में हुआ था। उनका बचपन इसी गांव में बीता था और यहीं के सरकारी स्कूल में उन्होंने शिक्षा हासिल की थी।मेरे गाँव की इस देवी ने ,जाँलेवा मेरी जद्दोजहद के दिनों , Matunga road , अपने रेल्वे क्वॉर्टर नम्बर 75 की बाल्कनी में रहने को जगा दी थी मुझे . हर साल राखी बाँधती थी . ये नहीं रहीं . राखी के दिन बहुत याद आती हैं इनकी . राखी के शुभ दिन पर देश भर की बहनों को जी जान से प्यार 👋 pic.twitter.com/q3jIE026m3
— Dharmendra Deol (@aapkadharam) August 14, 2019