Raksha Bandhan 2023: सगे से बढ़कर था मुंहबोली बहन के साथ धर्मेंद्र का रिश्ता, बुरे वक्त में बनी थीं सहारा
Raksha Bandhan 2023 हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र के लिए रिश्तों की डोर बहुत मायने रखती है। पर्दे पर वह भले ही-मैन हैं लेकिन रियल लाइफ में उनके अंदर कूट-कूटकर इमोशन भरा है। वह अपनी मुंहबोली बहन के भी काफी करीब थे। उनकी मुंहबोली बहन ने उन्हें उस वक्त सहारा दिया था जब धर्मेंद्र के सिर पर छत तक नहीं थी।
By Rinki TiwariEdited By: Rinki TiwariUpdated: Wed, 30 Aug 2023 09:32 AM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। Raksha Bandhan 2023: आज यानी 30 अगस्त को पूरे देश में रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जा रहा है। रक्षा बंधन सिर्फ एक त्योहार नहीं है, बल्कि एक इमोशन है। ये त्योहार भाई-बहन के प्यार को और मजबूत करता है। ये सिर्फ रक्षा करने का वचन भर नहीं, बल्कि भाई-बहन के प्यार का प्रतीक है।
बॉलीवुड इंडस्ट्री में भी कई सितारे बड़े उत्साह के साथ इस त्योहार को मनाते हैं। कुछ सितारे तो ऐसे हैं, जो अपने भाई और बहन पर जान लुटाते हैं, यहां तक कि मुंहबोले भाई-बहन पर भी। धर्मेंद्र भी रिश्तों के मामले में बहुत इमोशनल हैं। आज अगर उनकी मुंहबोली बहन जिंदा होती तो हर साल की तरह इस साल भी धर्मेंद्र इस पर्व को मनाते।
धर्मेंद्र (Dharmendra) की एक मुंहबोली बहन थीं, जिनके वह बहुत करीब थे। भले ही धर्मेंद्र का अपनी मुंहबोली बहन के साथ खून का रिश्ता न हो, लेकिन दिल का बंधन बहुत मजबूत था। उनकी बहन ने उन्हें उस वक्त सहारा दिया, जब वह मुंबई में एकदम अकेले थे और संघर्ष कर रहे थे।
धर्मेंद्र की ढाल बनी थीं उनकी मुंहबोली बहन
दरअसल, धर्मेंद्र पंजाब से जब मुंबई आए, तब वह काफी समय तक मुंबई के माटुंगा रोड इलाके में रहे। यहां उनकी गांव की एक मुंहबोली बहन रेलवे क्वार्टर में रहती थी। पंजाब से मुंबई का सफर धर्मेंद्र ने तय तो कर लिया था, लेकिन बिना घर के यहां सर्वाइव करना थोड़ा मुश्किल था। उस वक्त उनकी मुंहबोली बहन थीं, जिन्होंने धर्मेंद्र को पनाह दी और उनका ख्याल रखा। वह हर साल धर्मेंद्र को राखी बांधा करती थीं।
मुंहबोली बहन को याद करते हैं धर्मेंद्र
साल 2019 में धर्मेंद्र रक्षा बंधन के मौके पर अपनी मुंहबोली बहन को याद करके इमोशनल भी हो गए थे। उन्होंने अपनी बहन के साथ एक थ्रोबैक फोटो शेयर की थी और अपनी मुंहबोली बहन को याद किया था।पोस्ट में धर्मेंद्र ने लिखा था, "मेरे गांव की इस देवी ने मेरे मुश्किल के दिनों में मांटुगा रोल अपने रेलवे क्वार्टर नंबर 75 की बालकनी में मुझे रहने की जगह दी थी। हर साल राखी बांधती थी। ये नहीं रहीं। राखी के दिन इनकी बहुत याद आती है।"
मेरे गाँव की इस देवी ने ,जाँलेवा मेरी जद्दोजहद के दिनों , Matunga road , अपने रेल्वे क्वॉर्टर नम्बर 75 की बाल्कनी में रहने को जगा दी थी मुझे . हर साल राखी बाँधती थी . ये नहीं रहीं . राखी के दिन बहुत याद आती हैं इनकी . राखी के शुभ दिन पर देश भर की बहनों को जी जान से प्यार 👋 pic.twitter.com/q3jIE026m3
— Dharmendra Deol (@aapkadharam) August 14, 2019