सायरा बानो ने Raksha Bandhan के मौके पर दिलीप कुमार और लता मंगेशकर को किया याद, बताये 'भाई-बहन' के किस्से
सायरा बानो (Saira Banu) ने रक्षाबंधन के मौके पर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया है। इस पोस्ट में एक्ट्रेस ने दिलीप कुमार और लता मंगेशकर के भाई-बहन के रिश्ते का एक किस्सा साझा किया है। अभिनेत्री ने बताया कि भारतीय सिनेमा के कोहिनूर दिलीप साहब और भारतीय संगीत उद्योग की स्वर कोकिला लता मंगेशकर के बीच अपने शानदार स्टारडम की चकाचौंध से परे एक रिश्ता था।
By Aditi YadavEdited By: Aditi YadavUpdated: Wed, 30 Aug 2023 06:41 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। Saira Banu Raksha Bandhan Post: बॉलीवुड एक्ट्रेस सायरा बानो (Saira Banu) ने बीते महीने की 7 जुलाई को इंस्टाग्राम से जुड़ी थी। सोशल मीडिया से जुड़ने के बाद एक्ट्रेस अब अक्सर अपनी और दिलीप कुमार की जिंदगी के कुछ खास पलो को फैंस के साथ साझा करती है।
अब तक उन्होंने पोस्ट के जरिए कई कहानियों को साझा किया है। वहीं आज यानी रक्षाबंधन के मौके पर सायरा ने दिलीप कुमार और लता मंगेशकर की राखी का किस्सा साझा किया है।
दिलीप कुमार को राखी बांधती थी लता मंगेशकर
सभी जानते हैं कि दिलीप कुमार जी को लता मंगेशकर अपना भाई मानती थी। लता दीदी हर साल दिलीप साहब की कलाई पर राखी बांधती थी। अब राखी के इस मौके पर सायरा ने दिलीप और लता की कई तस्वीर और वीडियो इंस्टाग्राम पर साझा किया है और इसके साथ एक किस्सा भी साझा किया है। अभिनेत्री ने बताया कि भारतीय सिनेमा के कोहिनूर दिलीप साहब और भारतीय संगीत उद्योग की स्वर कोकिला लता मंगेशकर के बीच अपने शानदार स्टारडम की चकाचौंध से परे एक रिश्ता था। उन्होंने भाई-बहन का रिश्ता साझा किया।बानो ने आगे बताया कहा, कामकाज या यात्रा या किसी व्यक्तिगत कामों में दिलीप कितने भी व्यस्त क्यों न होते थे, लेकिन इन सबके बावजूद वो दोनों रक्षाबंधन पर एक-दूसरे से जरूर मिलते थे और लताजी साहब के हाथ पर पवित्र राखी बांधती थीं। कुमार और मंगेशकर लोकल ट्रेन में यात्रा करते थे और अपने ‘‘विचार, अनुभव साझा करते थे और एक-दूसरे से सलाह लेते थे।’’
साथ बैठकर खाना खाते थे लता और दिलीप
एक्ट्रेस ने ये भी बताया है कि वह हर साल रक्षाबंधन पर लता मंगेशकर को एक साड़ी उपहार में देती थीं। उन्होंने अपनी इस पोस्ट में ये भी बताया कि फिल्मी दुनिया के दोनों दिग्गजों के बीच का बंधन ‘‘आखिर तक’’ बरकरार रहा।लताजी अक्सर दिलीप साहब से मिलने हमारे घर आती थ और वे दोपहर का खाना या रात का खाना एक साथ खाते थे। पिछली बार जब वह यहां आई थीं, तो उन्होंने प्यार से दिलीप साहब को अपने हाथों से खाना खिलाया था।